बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी का कहना है कि पूजा करने के उनके अधिकार का संरक्षण किया जाना चाहिए और राम जन्मभूमि मुद्दे की जल्द और फास्ट ट्रैक आधार पर सुनवाई हो. वे इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश से संतुष्ट हैं. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को शीघ्र सुनवाई के लिए लाए जाने के मामले में निर्णय लेने की बात कही है.
स्वामी ने कहा,
यह मामला सात वर्षो से सूचीबद्ध नहीं हो पा रहा है. इस मामले की जल्द और फास्ट ट्रैक आधार पर सुनवाई होनी चाहिए.
बीजेपी नेता ने दावा किया कि सुप्रीम अदालत ने उन्हें इस मामले में पार्टी माना है. बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने मामले को शीघ्र सूचीबद्ध करने और उस पर सुनवाई शुरु करने का आग्रह किया था जिस पर प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर और न्यायमूर्ती डीवाई चंद्रचूड़ वाली पीठ ने कहा, ' 'हम इस बारे में निर्णय करेंगे. ' '
बहरहाल, बीजेपी नेता ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ मुख्य अपीलें सुप्रीम कोर्ट में 7 सालों से लंबित हैं और उन पर शीघ्र सुनवाई की जरुरत है.
उस स्थान पर बिना किसी परेशानी के पूजा अर्चना के उनके अधिकार के पालन के लिए उन्होंने पहले भी अलग से एक याचिका दायर की थी.
बोफोर्स मामले के दोबारा उठने के संबंध में आई रिपोर्ट पर कांग्रेस के विरोध के बारे में पूछे जाने पर स्वामी ने कहा कि कांग्रेस इस मामले में विरोध कर रही है, लेकिन मैं उनसे (कांग्रेस से) पूछना चाहता हूं कि तब उन्होंने बाबरी मस्जिद मामले, गुजरात मामले को फिर से क्यों खोला? उन्होंने कहा कि आपराधिक मामले में कोई समयसीमा नहीं होती है. केवल यह कह कर कि सबूत नहीं है, किसी आपराधिक मामले को छोड़ा नहीं जा सकता.
कांग्रेस बदले की कार्रवाई का आरोप लगाती है: स्मावी
स्वामी ने आरोप लगाया कि जब भी कोई ऐसा मामला आता है, वे (कांग्रेस) बदले की कार्रवाई का आरोप लगाने लगते हैं, चाहे नेशनल हेराल्ड मामला हो या कोई और हो. राज्यसभा सांसद ने कहा
मैं कांग्रेस पार्टी से कहना चाहता हूं कि अगर उनके पास भ्रष्टाचार के मामले में कोई सबूत हैं, कागजात है, तो मुझे दे... मैं मामले को आगे बढ़ाउंगा, चाहे ये मामले मेरे अपने सहयोगियों के बारे में क्यों न हों. लेकिन मुझे ऐसा कुछ भी नहीं बताया.
वे सिर्फ बदले की कार्वाई का आरोप लगा रहे हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को कुछ नई बात कहनी चाहिए, इस तरह से बहाना नहीं बनाना चाहिए और तथ्यों के आधार पर बात करनी चाहिए.
(इनपुट भाषा से)
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