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योगी सरकार के 6 महीने पूरे, जानिए कितने वादे पूरे, कितने अधूरे

बीजेपी का दावा- जनता से किए वादों को पूरा करने में सफल रही सरकार

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'न गुंडाराज, न भ्रष्टाचार, अबकी बार, बीजेपी सरकार' के नारे के सहारे बीजेपी देश के सबसे बड़े सूबे की सत्ता तक पहुंची. 19 मार्च को योगी आदित्यनाथ ने यूपी के सीएम पद की शपथ ली. अब 19 सितंबर को योगी सरकार अपने शुरुआती छह महीने पूरे करने जा रही है.

ऐसे में बीजेपी इन महीनों में अपने सबसे खास चुनावी वादों को किस हद तक पूरा कर पाई और उसने जनता के लिए क्या-क्या नए ऐलान किए, ये समझना जरूरी है.

बीजेपी का दावा है कि वह जिस मुद्दे को लेकर चुनाव में उतरी थी, उसे प्राथमिकता के साथ हल करने में वह सफल हुई है.

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यूपी में अब दवाब और प्रभाव से मुक्त सरकार है. कानून का राज कायम है. छह महीने के कार्यकाल में एक भी दंगा नहीं हुआ. पहले राजनीतिक प्रभाव की वजह से दंगे होते थे. लेकिन अब उत्तर प्रदेश दंगों से मुक्त है. पहले पुलिस पर हमले होते थे, लेकिन अब पुलिस अपराधियों पर हमले कर रही है. गुंडाराज और भ्रष्टाचार पर हमने अंकुश लगाया है. भ्रष्टाचार रोकने के लिए कई विभागों में ई-टेंडरिंग की व्यवस्था लागू की गई है. खनन से लेकर परिवहन तक, ज्यादातर विभागों को हम पारदर्शी व्यवस्था के तहत लेकर आए हैं.
राकेश त्रिपाठी, बीजेपी प्रवक्ता

छह महीनों में योगी सरकार ने किसानों की कर्जमाफी, पावर फॉर ऑल और एंटी रोमियो स्क्वॉड जैसे कई बड़े ऐलान किए. आइए योगी सरकार के छह महीने के रिपोर्ट कार्ड पर नजर डालते हैं.

1. कानून व्यवस्था

उत्तर प्रदेश में जब भी विधानसभा चुनाव होते हैं, तो सबसे बड़ा मुद्दा कानून व्यवस्था का ही होता है. बीते विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और बीएसपी, दोनों ही दलों ने कानून व्यवस्था को लेकर सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी को घेरा. यूपी में हुए दंगों ने पिछली सरकार की छवि बिगाड़ी, समाजवादी पार्टी को सत्ता से बाहर करने के पीछे यह भी एक बड़ी वजह रही.

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद योगी आदित्यनाथ ने कहा था, ‘'सत्ता के संरक्षण में पल रहे गुंडे, माफिया, अपराधी, लुटेरे सब के सब उत्तर प्रदेश छोड़कर चले जाएं और अगर नहीं गए, तो उनके लिए दो ही जगहें होंगी, जहां कोई नहीं जाना चाहेगा.’'

हकीकतः सूबे की सत्ता संभालने के बाद शुरुआती तीन महीनों में योगी सरकार कानून का इकबाल कायम करने में नाकाम रही. विधानसभा में एक सवाल के जवाब में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि सरकार के गठन से लेकर 9 मई तक राज्य में कुल 729 हत्याएं, 803 बलात्कार, 60 डकैती, 799 लूट और 2682 अपहरण की घटनाएं हुईं.

हालांकि 20 मार्च से 14 सितंबर के बीच हुए 420 एनकाउंटर में पुलिस ने 15 हिस्ट्रीशीटरों को ढेर किया और 84 बदमाश पुलिस की गोली से घायल हुए. कुल मिलाकर, पुलिस छह महीने में 1106 बदमाशों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है.
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2. एंटी रोमियो स्क्वॉड

सरकार बनने के बाद सीएम योगी ने सबसे पहले छात्राओं और महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉड गठित करने के निर्देश दिए. इस दस्ते का गठन स्कूल जाने वाली छात्राओं के खिलाफ छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकना था. सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मनचलों के खिलाफ चलाए गए 'एंटी रोमियो' अभियान में प्रदेश भर में कुल दो लाख से ज्यादा जगहों पर 7 लाख 42 हजार से ज्यादा लोगों की चेकिंग की गई.

इस अभियान में 538 मुकदमे दर्ज हुए. 1264 लड़कों को कानूनी चेतावनी देकर छोड़ने का दावा प्रदेश सरकार ने किया है. यह आंकड़ा 22 मार्च से 28 मई के बीच का है.

हकीकतः शुरुआती तीन महीनों में एंटी रोमियो स्क्वॉड काफी सुर्खियों में रहा. महिलाओं के साथ-साथ स्कूली छात्राओं ने भी सरकार की इस मुहिम की सराहना की. लेकिन छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने के लिए बनाया गया पुलिस का यह दस्ता भी विवादों में पड़ गया. एंटी रोमियो स्क्वॉड पर लोगों को बेवजह परेशान करने और उनसे अवैध वसूली करने के भी आरोप लगे.

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3. किसानों की कर्ज माफी

योगी सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में चुनावी वादे को पूरा करते हुए लघु और सीमांत किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने का ऐलान किया. सरकार की ओर से दावा किया गया कि इस स्कीम से 86 लाख से ज्यादा किसानों को फायदा होगा. किसानों का कर्ज माफ हुआ और उन्हें कर्जमाफी के सर्टिफिकेट भी बांट दिए गए.

हकीकतः उत्तर प्रदेश के करीब 87 लाख लघु और सीमांत किसानों को कर्जमाफी का लाभ मिल सकता है. सरकार ने एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने का ऐलान किया था.

जिन किसानों को कर्जमाफी का लाभ मिला है, उन्हें कर्ज माफी का सर्टिफिकेट भी दिया जा रहा है. हालांकि, इस स्कीम के तहत कई किसानों के महज 9 पैसे, 18 पैसे, 20 रुपये जैसी छोटी रकम के भी कर्ज माफ हुए, जिसकी काफी आलोचना हुई.

फिलहाल, योगी सरकार ने आदेश दिए हैं कि जिन किसानों का दस हजार से कम का कर्ज माफ हुआ है, उन्हें सर्टिफिकेट न दिए जाएं.

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4. एंटी भू-माफिया पोर्टल

सरकारी और निजी सम्पत्तियों पर भू-माफियाओं के अवैध कब्जा करने की शिकायतों को लेकर सरकार ने सतर्कता दिखाई. सरकार ने ऐसी शिकायतें दूर करने के लिए एंटी भू-माफिया पोर्टल बनाया है, जहां लोग भू-माफियाओं के खिलाफ अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं. इसके अलावा भू-माफियाओं के खिलाफ आई शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई से इस तरह की शिकायतों में कमी भी आई है.

हकीकतः जमीन पर अवैध कब्जा कानून-व्यवस्था से जुड़ा यूपी का अहम मुद्दा है. पहले अवैध कब्जे को लेकर थानों में कई शिकायतें दर्ज भी नहीं की जाती थीं. लेकिन सरकार ने अब ऐसी व्यवस्था की है, जिसके जरिए घर बैठे ही ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.

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5. पावर फॉर ऑल

योगी सरकार ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर 24X7 पावर फॉर ऑल समझौते पर हस्ताक्षर किए. इसके तहत केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास से अक्टूबर 2018 तक यूपी के हर घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. बिजली के मुद्दे पर योगी सरकार ने ऐलान किया कि जिला मुख्यालयों को 24 घंटे, तहसीलों में 20 घंटे और गांवों को 18 घंटे बिजली दी जाएगी.

हकीकतः सरकार ने रोस्टर भले ही घोषित किया हो. लेकिन पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक तमाम जिले बिजली कटौती से परेशान हैं. विपक्ष भी बिजली कटौती को मुद्दा बना रहा है.

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6. गन्ना किसानों का बकाया भुगतान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पद संभालने के पहले ही हफ्ते में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों की सालों पुरानी बकाये की समस्या पर गौर किया. साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि गन्ना किसानों का भुगतान 14 दिन के अंदर किया जाए.

हकीकतः योगी सरकार ने गन्ना किसानों से किए वादे को पूरा किया है. बीजेपी की ओर से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, पांच महीने में योगी सरकार ने 93 फीसदी गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान कराया. गन्ना किसानों को अबतक 23 हजार करोड़ से ज्यादा का बकाया भुगतान कर दिया गया है.

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छह महीने के कार्यकाल के बाद अब सीएम योगी ने यूपी के 47,000 युवाओं को नौकरियां देने का ऐलान किया है. लेकिन योगी सरकार अपने इस वादे को कब तक पूरा कर पाएगी, यह देखना दिलचस्प होगा, क्योंकि अभी पुराने वादों का पूरा होना भी बाकी है.

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