दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क (Elon Musk) ने $44 बिलियन की ट्विटर डील (Twitter Deal) पूरी कर ली है और इस जाइंट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बॉस बन चुके हैं. वैसे तो एलन मस्क कब क्या कर देंगे यह शायद उन्हें खुद भी पता नहीं. लेकिन उन्होंने जब सिंक लेकर ट्विटर हेडक्वाटर में एंट्री मारी थी, अंदाजा लग गया था कि बहुत कुछ 'अलग' होने वाला है. जब एलन मस्क ट्विटर बॉस के रूप में अपने कार्यकाल के पहले ही दिन भारतीय मूल के सीईओ पराग अग्रवाल समेत अन्य टॉप एग्जीक्यूटिव को बाहर का रास्ता दिखा रहे थे, मस्क ने ट्वीट किया कि "द बर्ड इज फ्रीड" यानी ट्विटर नाम की यह चिड़िया अब आजाद हो गयी है.
सवाल है कि एलन मस्क ट्विटर पर जिस फ्री स्पीच की वकालत अबतक करते आए हैं, क्या उसे अब वास्तिकता बना पाएंगे? जब उनके बॉस बनने से डोनाल्ड ट्रम्प और कंगना रनौत सरीखे लोग वापसी की आस लगाए होंगे (केने वेस्ट तो आ भी गए), विभिन्न देशों के विपक्षी दल, पत्रकार, अधिकार समूह और रिसर्चर की 'एलन मस्क वाले ट्विटर' से क्या आशंका और उम्मीद होगी.
स्टडी में पता चला है कि ट्विटर पर सच्चाई की तुलना में फेक न्यूज तेजी से आगे बढ़ता है.
राहुल गांधी की मस्क से उम्मीद- ट्विटर भारत में विपक्ष की आवाज को नहीं दबाएगा.
EU ने कहा- यूरोप में ट्विटर की चिड़िया हमारे नियमों से उड़ेगी.
ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली यूके सरकार ने भी अपनी चिंताओं को जाहिर किया.
एलन मस्क ने अप्रैल 2022 में बताया था कि उनके लिए फ्री स्पीच का क्या मतलब है.
Twitter: यहां सच से तेज भागता है झूठ, डर लाजमी है
एल्गोरिथम से चलने वाली इस दुनिया में लोगों के विचार छपे हुए पैम्फलेट और टाउन मीटिंग के युग की तुलना में अलग तरह से आगे बढ़ते हैं. MIT के तीन स्कॉलर ने अपनी स्टडी में पाया है कि, ट्विटर पर फेक न्यूज सच्चाई की तुलना में तेजी से और आगे बढ़ता है.
विभिन्न देशों के विपक्षी दल, पत्रकार, अधिकार समूह और रिसर्चर को यह आशंका है कि 'एलन मस्क वाले ट्विटर' में फ्री स्पीच का दायरा इतना बढ़ा दिया जाएगा कि प्लेटफॉर्म पर बिना फिल्टर फेक न्यूज की बाढ़ आ सकती है और हेट स्पीच वाले कंटेंट पर एक्शन नहीं लिया जाएगा.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने एलन मस्क के ट्विटर संभालने के साथ ट्वीट कर उम्मीद जताई कि ट्विटर अब हेट स्पीच के खिलाफ कार्रवाई करेगा, तथ्यों की अधिक मजबूती से जांच करेगा और भारत में विपक्ष की आवाज को नहीं दबाएगा.
एलन मस्क के "द बर्ड इज फ्रीड" वाले ट्वीट के जवाब में यूरोपीय संघ/EU के आंतरिक बाजार कमिश्नर, थियरी ब्रेटन ने ट्वीट किया कि यूरोप में ट्विटर की चिड़िया हमारे नियमों से उड़ेगी.
बता दें कि यूरोपीय संघ डिजिटल सर्विसेज एक्ट लाने जा रहा है, जिसमें हेट स्पीच सहित अवैध कंटेंट को हटाने के प्रावधान शामिल हैं.
भारतीय मूल के ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली यूके सरकार ने भी अपनी चिंताओं को जाहिर किया है. सरकार ने पर्यावरण सचिव, थेरेस कॉफी ने कहा कि यह "चिंताजनक" होगा यदि कंटेंट मॉडरेशन में छूट के कारण ट्विटर पर हेट स्पीच का प्रसार होता है.
एलन मस्क के आने के साथ ट्विटर की लीगल और पॉलिसी हेड- विजया गड्डे को कंपनी से निकाले जाने के फैसले ने अमेरिका के उन नागरिक स्वतंत्रता समूहों के बीच भी चिंता पैदा कर दी, जिन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प को ट्विटर से बैन करने के लिए लड़ाई लड़ी थी.
द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के मुस्लिम एडवोकेट्स के सीनियर पॉलिसी कौंसिल सुमैय्याह वहीद ने कहा है कि "एलोन मस्क का दावा है कि वह नहीं चाहते कि ट्विटर एक 'फ्री-फॉर-ऑल हेलस्केप' बन जाए, लेकिन वह नफरत फैलाने वाले श्वेत राष्ट्रवादियों को ट्विटर पर वापस लाकर और हेट स्पीच के खिलाफ एक्शन लेने के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों को बाहर निकालकर ऐसा ही करने की गारंटी दे रहे हैं"
Elon Musk: फ्री स्पीच की रहनुमाई में कहीं ट्विटर हेट स्पीच का खुला मैदान तो नहीं बनेगा?
एलोन मस्क ने खुद को "फ्री स्पीच अब्सोल्यूटिस्ट" कहा है, यानी उनका मानना है कि बोलने पर किसी प्रकार की पाबंदी नहीं होनी चाहिए, कोई भी फिल्टर नहीं होना चाहिए. एलन मस्क ने ट्विटर को खरीदने के लिए ऑफर देने से पहले भी कई बार इस सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फ्री स्पीच की वकालत की थी. अब कि जब उन्होंने 44 बिलियन डॉलर की यह डील पूरी कर ली है और दावा किया है कि ट्विटर वाली चिड़िया आजाद हो गयी है, अधिकार समूह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि पहले से ही युद्ध का अखाड़ा बना ट्विटर चरमपंथी विचारों और हेट स्पीच के लिए एक मंच बन सकता है, क्योंकि मस्क भैया किसी भी फिल्टर पर विश्वास नहीं करते.
ट्विटर के लिए अभी तक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और हेट स्पीच किसी कट्टरपंथ या हिंसा का कारण न बने, यह सुनिश्चित करने के बीच की बारीक रेखा में संतुलन बनाना मुश्किल रहा है.
एलन मस्क ने खुद ट्विटर डील से पहले अप्रैल 2022 में ट्वीट कर यह बताया था कि उनकी नजर में फ्री स्पीच का क्या मतलब है. उन्होंने लिखा था कि "मैं किसी भी ऐसे सेंसरशिप के खिलाफ हूं जो कानून से बहुत आगे जाती है."
"फ्री स्पीच से मेरा सीधा मतलब है, जो कानून से मेल खाता हो. मैं किसी भी ऐसे सेंसरशिप के खिलाफ हूं जो कानून से बहुत आगे जाती है. यदि लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कम चाहते हैं, तो वे सरकार से इसके संबंध में कानून पारित करने के लिए कहेंगे. इसलिए कानून से परे जाना लोगों की इच्छा के खिलाफ है."एलन मस्क
एलन मस्क के इस ट्वीट से तो लगता है कि उनके कार्यकाल वाले ट्विटर पर भी फ्री स्पीच पर हेट स्पीच के खिलाफ कानूनी पाबंदी तो रहेगी. हालांकि अधिकार समूहों को इस बात का डर है कि जब पतवार एलन मस्क की हो, ट्विटर पर फेक न्यूज की बाढ़ आ सकती है. अब देखिए एलन मस्क के ट्विटर बॉस बनने के साथ ही लोग इस नए दौर वाले ट्विटर पर फ्री स्पीच की लिमिट टेस्ट करने निकल गए हैं.
कोविड -19 महामारी के दौरान व्यापक रूप से अपनाए गए फेस मास्क वैज्ञानिकों की सिफारिश के बावजूद अमेरिका में डिबेट का विषय बना रहा. जब भी कोई यूजर फेस मास्क से जुड़ा कोई गैर-वैज्ञानिक बात ट्वीट करता, ट्विटर उसे फ्लैग कर देता था. लेकिन एलन मस्क के आने के बाद लोग टेस्ट कर रहे हैं कि क्या अब ऐसा बिना किसी एक्शन के किया जा सकता है.
फेक न्यूज ने लोकतंत्र में विश्वास के संकट को हवा दी है. LA टाइम्स अपने ओपिनियन पीस में लिखता है कि यदि एलन मस्क फ्री स्पीच को बढ़ावा देने के बारे में गंभीर हैं, तो उन्हें उन खतरों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है जो जो फेक न्यूज ने सामने लाए हैं.
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