एडिटर: वरुण शर्मा
कयामत के दिन इसी को कहते हैं क्या?
कल इरफान
आज ऋषि कपूर
या इन दिनों भगवान के बदले कोई शैतान लिख रहा है विधि का विधान.
कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन में घरों में बंद हम इतना दर्द नहीं झेल पाएंगे विधाता. अभी हम इरफान के निधन के शॉक और शोक से निकले भी नहीं थे कि सुबह-सुबह अमिताभ का एक ट्वीट दिल पर कटार की तरह लगा...
उन्होंने लिखा, “ऋषि कपूर चले गए, अभी-अभी उनका निधन हो गया. मैं टूट गया हूं...”
फिर किसी ने कहा कि वो ट्वीट डिलीट हो गया.. उम्मीद जगी लेकिन फिर न्यूज एजेंसी पीटीआई ने उनके भाई के हवाले से खबर कन्फर्म कर दी.
67 साल की उम्र में ऋषि कपूर का निधन हो गया है...
फिर बोमन इरानी का ट्वीट आया, “दिल टूट गया चिंटू जी”
ऋषि कपूर को यही बुलाते थे उनके चाहने वाले.
ऋषि दो साल से बीमार थे. उन्हें कैंसर था. अमेरिका में इलाज भी चला. एक साल पत्नी नीतू के साथ वहीं रहे. रणबीर ने भी वहीं लंबा समय बिताया. वहां से इलाज कराकर वापस आए तो फैंस के दिलों को तसल्ली मिली. लेकिन 29 अप्रैल को जब मुंबई के रिलायंस अस्पताल में भर्ती हुए तो दिल डर से धड़कने लगा... फिर 30 अप्रैल को आखिर वो दिल तोड़कर चले ही गए.
दिल क्या टूटा, ऋषि कपूर के जाने से पूरा देश, देश की हर पीढ़ी जैसे अचानक गरीब हो गई. क्योंकि पीढ़ियां बदलती गईं, साल गुजरते गए और लेकिन परदे पर ऋषि का जादू बरकरार रहा.
‘मेरा नाम जोकर’ में भोली सूरत पर देश को लाड़ आया, ‘बॉबी’ ने न जाने कितने जवां दिलों को धड़कना सिखाया. पूरी एक पीढ़ी को ऋषि कपूर ने रोमांस की अदाएं सिखाईं. लेकिन जैसे जिंदगी में नौ रस हैं, वैसे ऋषि कपूर के किरदारों में...
‘अमर अकबर एंथनी’ के अकबर देखिए,
‘दामिनी’ से ‘दीवाना’ तक और ‘कूली’ से ‘चांदनी’ तक और ‘मुल्क’ से ‘अग्निपथ’ तक ऋषि कपूर अपने आप में एक्टिंग के सागर थे. ‘बॉबी’ का किरदार निभाने वाले ऋषि जब ‘अग्निपथ’ में रऊफ लाला बने तो खुद कहा कि रऊफ लाला का किरदार निभाते हुए अजीब लग रहा था... लेकिन देखने वालों को अजीब नहीं लगा.. लगा कि ऋषि तो इस किरदार के लिए बने हैं...
लेकिन जैसे इतना करने से उनका मन नहीं भरता था. ‘आ अब लौट चलें’ को डायरेक्ट किया. ‘दो दूनी चार’ और ‘102 नॉट आउट’ जैसे फिल्मों से उन्होंने लोगों को लाफ्टर थेरेपी देने की जिम्मेदारी खुद पर ली... और फिल्मी दुनिया से अलग सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहते थे. जरा सी कोई बात दिल को न भाई तो झन्नाटेदार ट्वीट...
अब गलतियों के व्यक्तियों को, देश को कौन डांटेगा? कौन हंसते-हंसते बड़ी बात कह जाएगा, कौन परदे पर गुदगुदाएगा, कौन फिल्मों से रुलाएगा...उस तरह कौन तालियां बजवाएगा...पता नहीं..
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