लोढ़ा कमेटी के सुझाव
एक राज्य के लिए एक वोट. महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्य अभी दे सकते हैं एक से ज्यादा वोट.
राजनैतिक हस्तक्षेप को खत्म करने के लिए मंत्रियों और नेताओं पर संगठन में आने पर पाबंदी.
किसी एक व्यक्ति को बीसीसीआई में अधिकतम 3 कार्यकाल मिल सकते हैं.
किसी भी पदाधिकारी के लिए अधिकतम उम्र 70 साल तय होना चाहिए.
मैच फिक्सिंग पर लगाम लगाने के लिए सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता मिले.
सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को चेतावनी देते हुए उसे लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें लागू करने को कहा है. लोढ़ा कमेटी को बीसीसीआई में सुधार करने और बोर्ड में राजनीतिक दखल खत्म करने के लिए बनाया गया था. समिति ने कुल 21 सुझाव दिए थे.
लोढ़ा कमेटी के वकील ने कहा कि बीसीसीआई को बार-बार याद दिलाने के बावजूद उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा,
आप (बीसीसीआई) किसी लॉर्ड की तरह बर्ताव कर रहे हैं. बेहतर होगा कि बीसीसीआई खुद नियमों का पालन करे, नहीं तो हम आपसे नियमों का पालन करवाएंगे.सुप्रीम कोर्ट
लोढ़ा कमेटी ने अपनी सिफारिशों को लागू करवाने के लिए बीसीसीआई अध्यक्ष और सचिव की जगह एडमिनिस्ट्रेटर की नियुक्ति के लिए भी कहा था. अगर ऐसा होता है, तो अनुराग ठाकुर को अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ेगा.
यहां हम जानते हैं कि वो कौन से सुझाव हैं, जिन पर बीसीसीआई को आपत्ति है.
- एक राज्य, एक वोट: पैनल के इस सुझाव के मुताबिक, एक राज्य का एक ही वोट मान्य होगा. अगर ये सुझाव लागू होता है, तो महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों के पास केवल एक ही वोट होगा. हाल फिलहाल महाराष्ट्र में मुंबई और विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन के पास भी अपने-अपने अलग वोट देने का अधिकार है.
- बीसीसीआई में कोई मंत्री, राजनीतिक व्यक्ति नहीं: बीसीसीआई से राजनीतिक हस्तक्षेप को खत्म करने कि लिए लोढ़ा कमेटी ने बीसीसीआई से मंत्रियों की छुट्टी करने की सिफारिश की थी. अगर ऐसा होता है, तो बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के साथ साथ कई पदाधिकारियों को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ेगी.
- अधिकतम तीन कार्यकाल: लोढ़ा पैनल के अनुसार, किसी भी पदाधिकारी को अधिकतम तीन कार्यकाल की अनुमति होनी चाहिए. ऐसा करने से बरसों से बीसीसीआई में अपनी पैठ बनाकर बैठे लोगों का नुकसान होगा. इस सुझाव को भी ज्यादातर स्टेट क्रिकेट बोर्ड्स और बीसीसीआई ने नकार दिया था.
- अधिकतम उम्र 70 साल: पैनल ने किसी भी पदाधिकारी के लिए अधिकतम उम्र सीमा 70 साल करने का सुझाव भी दिया था. अगर ऐसा होता है, तो बीसीसीआई के कई बड़े दिग्गजों को अपने पद से हाथ धोना होगा.
कुछ दूसरे सुझाव
लोढ़ा कमेटी ने बीसीसीआई और आईपीएल के लिए अलग-अलग गवर्निंग बॉडी की व्यवस्था करने का सुझाव भी दिया था. कमेटी के एक दूसरे सुझाव के अनुसार, किसी शख्स के एक साथ बीसीसीआई और राज्य संघ का पदाधिकारी होने पर पाबंदी लगनी चाहिए.
साथ ही लोढ़ा कमेटी ने सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता देने की सिफारिश भी की थी. ऐसा करने से मैच फिक्सिंग पर बड़े पैमाने पर लगाम लगेगी.
ऐसा लगता है कि बीसीसीआई ने अब तक इन सिफारिशों को गंभीरता से नहीं लिया है. सुप्रीम कोर्ट की गंभीर टिप्पणी के बाद बोर्ड अब क्या कदम उठाता है, ये देखने वाली बात होगी.
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