आईपीएल 10 की सुगबुगाहट शुरू होते ही महेंद्र सिंह धोनी एक बड़ी खबर लेकर आए. धोनी ने ऐलान कर दिया कि वो राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स की कप्तानी छोड़ रहे हैं. टीम मैनेजमेंट ने उनके फैसले का सम्मान किया और ये भी कहा कि धोनी उनकी टीम का अहम हिस्सा रहेंगे. अबतक सबकुछ नॉर्मल लग रहा था लेकिन अब धोनी के कप्तानी छोड़ने के पीछे टीम मैनेजमेंट से अनबन की खबरें बताईं जा रही हैं.
हिंदी अखबार और ऑनलाइन वेबसाइट जनसत्ता ने सूत्रों के हवाले से ये खबर छापी है कि,
महेंद्र सिंह धोनी और राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स मैनेजमेंट के रिश्ते पिछले साल आईपीएल से ही ठीक नहीं थे. आरपीएस और एमएस धोनी के बीच विश्वास की कमी थी और पुणे टीम के मालिक धोनी की सलाह नहीं मानते थे.
राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स ने महेंद्र सिंह धोनी की जगह आॅस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ को आईपीएल के दसवें सीजन के लिए अपना कप्तान नियुक्त किया है. ऐसे में बड़ा सवाल ये भी है कि अबतक आईपीएल में बतौर कप्तान खेलते धोनी ने अचानक बैकसीट पर बैठने का फैसला क्यों लिया? धोनी कप्तानी को एंजॉय करते हैं, भारतीय क्रिकेट टीम की बागडोर उन्होंने काफी सोच-समझकर युवा कोहली के हाथ में सौंपी, लेकिन आईपीएल में कप्तानी छोड़ना क्या सच में धोनी का सोचा-समझा फैसला था या फिर इसके पीछे कोई वजह थी?
वेबसाइट जनसत्ता के मुताबिक,
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक महेंद्र सिंह धोनी और राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स मैनेजमेंट के रिश्ते पिछले साल आईपीएल से ही ठीक नहीं थे. आरपीएस और एमएस धोनी के बीच विश्वास की कमी थी और पुणे टीम के मालिक धोनी की सलाह नहीं मानते थे. सूत्रों के मुताबिक पिछले साल आईपीएल आॅक्शन में भी पुणे टीम मैनेजमेंट ने एमएस धोनी का सलाह नहीं माना था और अपने मुताबिक ही खिलाड़ियों की बोली लगाई थी. महेंद्र सिंह धोनी टीम में वेस्टइंडीज के आॅलराउंडर ड्वेन ब्रावो और बेंडन मैक्कलम को चाहते थे, लेकिन पुणे टीम मैनेजमेंट ने उनकी एक ना सुनी और अपने मन मुताबिक ही खिलाड़ियों की बोली लगाई. सूत्रों ने बताया कि महेंद्र सिंह धोनी ने आईपीएल 2016 आॅक्शन में पुणे टीम मैनेजमेंट को अपनी पसंद के खिलाड़ियों के बारे में साफ-साफ बताया था. उन्होंने ड्वेन ब्रावो और ब्रेंडन मैक्कलम को टीम के लिए अपनी रणनीति का अहम हिस्सा बताया था और उन्होंने इन दोनों खिलाड़ियों को टीम के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताया था. लेकिन, आॅक्शन में आरपीएस ने धोनी की सलाह को अनसुना करते हुए इन दोनों खिलाड़ियों को नहीं खरीदा.
आईपीएल 2016 सीजन में राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स की टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 14 मुकाबलों में से सिर्फ 5 में जीत दर्ज की थी. यह आईपीएल में पहला मौका था जब धोनी कप्तान के रूप में अपनी टीम को प्लेआॅफ में नहीं पहुंचा सके थे.
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