अपने बचपन, अपने लड़कपन और जवानी को एक बार फिर से जीना बड़ा मजेदार अनुभव होता है. वो भी तब जब आप अपने करियर के सारे मकाम हासिल कर अब हर पल को एंजॉय कर रहे हों.
धोनी साहब का किस्सा कुछ ऐसा ही है. सारे फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ अब वो रणजी कप्तानी में हाथ आजमाने जा रहे हैं. रांची में डेरा जमाए बैठे हैं और फिर से अपने कॉलेज के दिनों को जी रहे हैं. इसी कड़ी में माही फिर से ट्रेन सफर पर भी निकल पड़ा. 13 साल पहले महेंद्र सिंह धोनी ने ट्रेन यात्रा की थी. इससे पहले वो रेलवे में टिकट कलेक्टर की नौकरी भी कर चुके हैं. रेलवे से उनका पुराना नाता है, तभी तो ट्रेन पर सवार होते ही भारतीय रेलवे ने भी धोनी का स्वागत किया और शुक्रिया कहा. धोनी क्रिया योगा एक्सप्रेस के 2 एसी कोच से हटिया से हावड़ा के लिए निकले थे.
मैं ट्रेन में 13 साल के बाद सफर कर रहा हूं. लंबा सफर है और मैं इसे एंजॉय करुंगा. मैं अपनी टीम के साथियों से बात करता हुआ जाउंगा.महेंद्र सिंह धोनी, क्रिकेटर
ट्रेन से कहां जा रहे थे धोनी?
धोनी मंगलवार की रात ट्रेन से रांची से कोलकाता के लिए रवाना हुए. इस दौरान उनके साथ झारखंड क्रिकेट टीम के खिलाड़ी थे. धोनी किसी को बताए बिना ही अचानक रेलगाड़ी में सवार हो गए.
उन्होंने कोई स्पेशल कोच रिजर्व नहीं कराया था. धोनी और उनकी टीम के सदस्य एसी-2 कोच में सफर कर रहे थे इसके लिए उन्होंने ब्लॉक बुकिंग कराई थी. - संजय घोष, साउथ- इस्टर्न रेलवे
खड़गपुर स्टेशन का कनेक्शन
धोनी की क्रिया योगा एक्सप्रेस रात के 9.40 पर रांची के हटिया स्टेशन से खुली और सुबह 6.50 मिनट पर हावड़ा पहुंची. खड़गपुर स्टेशन पर ट्रेन तकरीबन सुबह 4.15 पर पहुंची. ये वही स्टेशन है जहां महेंद्र सिंह धोनी की बतौर टीटी पोस्टिंग हुई थी.
पुणे की कप्तानी छोड़ने के बाद धोनी को विजय हजारे ट्रॉफी के लिए झारखंड रणजी टीम का कप्तान बनाया गया है. 25 फरवरी से टूर्नामेंट शुरू हो रहा है. इस बार रणजी में मुकाबला टफ है इसलिए धोनी ने भी कमर कसी ली है.
पंजाब की टीम के कप्तान हरभजन सिंह हैं और उनकी टीम में युवराज सिंह भी हैं. तो वहीं रोहित शर्मा सर्जरी के बाद मुंबई की टीम में लौट आए हैं.
झारखंड की टीम में धोनी के अलावा ईशान किशन और घरेलू क्रिकेट का टॉप स्पिनर शहबाज नदीम भी है.
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