निया अली के 100 मीटर बाधा दौड़ (हर्डल्स) में खिताब सहित अमेरिका ने रविवार 6 अक्टूबर को दोहा में हुई वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के अंतिम दिन भी दबदबा बरकरार रखते हुए तीन और गोल्ड मेडल अपनी झोली में डाले.
निया ने खलीफा स्टेडियम में 12.34 सेकेंड का समय निकालकर वर्ल्ड रिकार्डधारी केनी हैरिसन को पीछे छोड़ा.
दो बच्चों की मां 30 वर्षीय निया ने कहा,
‘‘मैंने बच्चों के जन्म के बाद कड़ी मेहनत की थी. इन महिलाओं (प्रतिद्वंद्वियों) ने प्रतिस्पर्धा का स्तर बढ़ा दिया था, इसलिए मैं जानती थी कि मुझे क्या करना है.’’
अमेरिका ने अंतिम दिन कुल तीन गोल्ड मेडल जीते और वह चैंपियनशिप में कुल 14 गोल्ड, 11 सिल्वर और चार ब्रॉन्ज मेडल लेकर शीर्ष पर रहा. अमेरिका ने दिन के दो अन्य गोल्ड पदक महिला और पुरुष दोनों वर्ग की चार गुणा 400 मीटर रिले दौड़ में जीते.
केन्या इस चैंपियनशिप में दूसरे स्थान पर रहा. उसने पांच गोल्ड, दो सिल्वर और चार ब्रॉन्ज मेडल हासिल किये. जमैका तीन गोल्ड, पांच सिल्वर और चार ब्रॉन्ज लेकर तीसरे स्थान पर रहा। चीन ने तीन स्वर्ण सहित नौ पदक जीते और उसे चौथा स्थान मिला।
भारत के लिए एक बार फिर ये चैंपियनशिप निराशा के साथ खत्म हुई. 16 सालों से चला आ रहा भारत का मेडल का सूखा इस बार भी बना रहा है, भारतीय एथलीट एक भी मेडल नहीं जीत सके.
हालांकि भारत ने इस चैंपियनशिप के जरिए दो ओलंपिक कोटा जरूर हासिल किए. 3000 मीटर स्टीपलचेज में अविनाश साबले ने 2 बार नेशनल रिकॉर्ड तोड़ ओलंपिक कोटा हासिल किया, जबकि 4x400 मीटर की मिक्स्ड रिले टीम ने भी ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया.
इसके साथ ही मिडिल-ईस्ट में पहली बार आयोजित की गयी यह चैंपियनशिप भी समाप्त हो गयी.
एएफपी
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