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वर्ल्ड चैंपियनशिप:गोल्ड से चूके पंघाल,लेकिन सिल्वर लाकर रचा इतिहास

अमित पंघाल वर्ल्ड चैंपियनशिप के इतिहास में फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बॉक्सर हैं

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रूस के एकातेरिनबर्ग में चल रही वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 52 किलो वर्ग में अमित पंघाल ने सिल्वर मेडल जीत लिया. फाइनल में पंघाल को रियो ओलंपिक के चैंपियन उज्बेकिस्तान के शाखोबिदीन जोइरोव ने 5-0 से हरा दिया.

इसके साथ ही पंघाल वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष बॉक्सर बन गए हैं.

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वर्ल्ड चैंपियनशिप में अपना पहला फाइनल खेल पंघाल ने अनुभवी ओलंपिक चैंपियन जोइरोव को कड़ी टक्कर दी और मुकाबले को बेहद करीब ले गए. लेकिन जोइरोव ने पंघाल को 30-27 30-27 29-28 29-28 -29-28 से हराकर खिताब जीत लिया.

ओलंपिक चैंपियन को दी कड़ी टक्कर

अमित ने उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी का जमकर सामना किया. उन्होंने शुरुआत उसी तरह की जिस तरह वो अमूमन करते हैं. डिफेंसिव होकर वह अपने विपक्षी को समझना चाह रहे थे. शुरुआती मिनट उन्होंने इसी तरह निकाले. जोइरेव भी अमित की गलती का इंतजार कर रहे थे.

दोनों ने कुछ पंच भी लगाए. अमित के पंच सही जगह नहीं लगे जबकि जोइरेव ने राइट जैब का अच्छा इस्तेमाल कर कुछ सटीक पंचे दिए.

दूसरे दौर में दोनों खिलाड़ी आक्रामक हो गए. अमित थोड़ी जल्दबाजी में थे जिसका फायदा जोइरेव ने उठाया. उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी ने अमित से दूरी बनाए रखी और मौके मिलने पर काउंटर कर प्वाइंट्स हासिल किए. अमित ने राउंड के आखिर में बाएं जैब से सटीक पंच लगाए.

तीसरे राउंड में दोनों खिलाड़ी और ज्यादा आक्रामक हो गए थे. इस दौर में कई बार दोनों पंच मारने के प्रयास में एक दूसरे से लिपट भी गए जिस पर रैफरी ने उन्हें चेताया. राउंड के अंत में जोइरेव जल्दबाजी कर रहे थे, लेकिन उनके लिए अच्छी बात यह थी कि वह अमित को सही जगह मारने में सफल रहे.

अमित ने भी आखिरी मिनटों में सतर्कता दिखाई और डिफेंस को मजबूत करते हुए पंच मारे, हालांकि यह एशियाई चैम्पियन के लिए काफी नहीं रहा और वह स्वर्ण से चूक गए.

पंघाल की फाइनल में हार के साथ ही वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का सफर खत्म हो गया.

हालांकि ये चैंपियनशिप भारत के लिए अब तक की सबसे सफल रही है. पहली बार भारत ने एक चैंपियनशिप में 2 मेडल जीते हैं. पंघाल के अलावा मनीष कौशिक ने भी 63 किलो में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था.
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एशियन चैंपियन हैं अमित पंघाल

वर्ल्ड चैंपियनशिप शुरू होने से पहले ही पंघाल को भारत की सबसे बड़ी उम्मीद माना जा रहा था. पंघल ने पिछले एक साल में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से खुद को साबित भी किया है. 2017 की वर्ल्ड चैंपियनशिप में क्वार्टर फाइनल में हारने वाले पंघाल ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है.

पंघाल ने 2018 कॉमनवेल्थ में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. इसके बाद हुए एशियन गेम्स में पंघाल ने 2016 के ओलंपिक चैंपियन हसनबॉय दुस्मातोव को हराकर गोल्ड अपने नाम किया. इतना ही नहीं, पंघाल ने 2019 में स्ट्रांजा मेमोरियल जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भी लगातार दूसरे साल गोल्ड अपने नाम किया.

हालांकि ये सब खिताब पंघाल ने 49 किलो में जीते, लेकिन इस कैटेगरी को ओलंपिक से बाहर कर दिया गया. ऐसे में पंघाल ने कैटेगरी बदलकर 52 किलो में हिस्सा लेना शुरू किया.

इस कैटेगरी में अपने पहली ही टूर्नामेंट एशियन चैंपियनशिप 2019 में पंघाल ने गोल्ड जीतकर इस कैटेगरी में भी अपना दावा ठोक दिया.

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