ऑस्ट्रेलिया (Australia) के विक्टोरिया शहर ने राष्ट्रमण्डल खेल 2026 (Commonwealth Games) की मेजबानी से अपना हाथ पीछे खींच लिया है. पीछे हटने की वजह विक्टोरिया अधिकारियों ने लागत में अत्यधिक वृद्धि बाताई है. दरअसल खेलों का शुरूआती अनुमानित बजट 2 बिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर था, जो अब बढ़कर 7 बिलियन डॉलर हो गया है.
'स्कूल-कॉलेंजों का पैसा नहीं काट सकते'
विक्टोरिया प्रीमियर डैनियल एंड्रयूज ने कहा कि "बढ़ा हुआ बजट वास्तव में बहुत अधिक है. मैं किसी ऐसे कार्यक्रम को हॉस्ट करने के लिए अस्पतालों और स्कूलों से पैसा नहीं लूंगा जो पिछले वर्ष के अनुमानित बजट से तीन गुना अधिक है. अब 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी विक्टोरिया नहीं करेगा."
कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन ने क्या प्रतिक्रया दी?
कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन (CGF) ने ऑस्ट्रेलियाई राज्य विक्टोरिया के 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी से हटने के फैसले पर कहा
"हमें आज सूचित किया गया कि विक्टोरियन सरकार 2026 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के अपने समझौते से पीछे हट गई है. यह कॉमनवेल्थ गेम्स मूवमेंट, कॉमनवेल्थ और आयोजन समिति के एथलीटों के लिए बेहद निराशाजनक है, जो सालों से तैयारी कर रहें हैं."
उन्होंने ये भी कहा है कि हम दूसरे विक्लपों को तलाश कर रहे हैं.
अब आगे क्या ?
अगर 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी के लिए कोई देश आगे नहीं आता है तो ये विश्व युद्ध के बाद पहली बार होगा जब कॉमनवेल्थ गेम्स नहीं कराए जाएंगे. कुछ खबरों के मुताबिक न्यूजीलैंड का कोई शहर या कनाडा का अल्बर्टा 2026 की मेजबानी के लिए चुना जा सकता है. कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 और 2034 की मेजबानी के लिए इन दोनों देशों ने रूची दिखाई थी. हालांकि अब तक किसी भी देश ने 2026 खेलों में कोई आधिकारिक रुचि नहीं दिखाई है.
क्या भारत कर सकता है मेजबानी?
भारत पहले 2010 में कॉमनवेल्थ खेलों की मेजबानी कर चुका है. भारत ने 2026 और 2030 संस्करण की मेजबानी में पहले रुचि दिखाई थी, पर अभी ऐसी कोई प्रतिक्रया भारत की तरफ से नहीं आई है, तो ये कहना अभी मुश्किल होगा कि भारत 2026 कॉमनवेल्थ खेलों की दावेदारी में आगे है.
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