रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) विवादों में घिर गए हैं. महिला पहलवान विनेश फोगट (Vinesh Phogat) ने उनपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. फेडरेशन और अध्यक्ष के खिलाफ बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत 13 पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना- प्रदर्शन कर रहे हैं.
विनेश फोगट का आरोप है कि राष्ट्रीय शिविरों में नियुक्त कुछ कोच कई वर्षों से महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न कर रहे हैं. WFI के अध्यक्ष भी यौन उत्पीड़न में शामिल हैं.
छात्र नेता के रूप में शुरू किया करियर
यह पहला मौका नहीं है, जब बृज भूषण शरण सिंह विवादों में आए हैं. बीजेपी छोड़ने से लेकर पार्टी में वापसी तक वो कई बार सुर्खियों में रह चुके हैं. बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में उनपर भी आरोप लगे थे. इसके साथ ही उन्हें टाडा से जुड़े मामले में जेल भी जान पड़ा था.
बृज भूषण सिंह की गिनती बीजेपी के दबंग नेताओं में होती है. वो उत्तर प्रदेश के गोंडा के रहने वाले हैं और कैसरगंज से सांसद हैं. उनका जन्म 8 जनवरी 1957 को गोंडा के विश्नोहरपुर में हुआ था. बृज भूषण ने 1979 में कॉलेज से छात्र राजनीति शुरुआत की थी, जहां रिकॉर्ड वोटों से उन्होंने छात्रसंघ का चुनाव जीता था.
1980 के दशक में उन्होंने युवा नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई. इसके बाद 1988 में वो बीजेपी से जुड़े. 1991 में उन्हें बलरामपुर लोकसभा सीट से टिकट मिला. जहां उन्होंने रिकॉर्ड वोटों से जीत हासिल की.
6 बार से लोकसभा सांसद
बृज भूषण शरण सिंह को टाडा से जुड़े मामले में जेल भी जाना पड़ा था. हालांकि, इलाके में उनका वर्चस्व कम नहीं हुआ. इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि 1999 के बाद से वह कभी भी चुनाव नहीं हारे हैं.
भारतीय जनता पार्टी के साथ मतभेद के चलते उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और 2009 के लोकसभा चुनाव में वो समाजवादी पार्टी के टिकट पर कैसरगंज से जीते. इसके बाद वो एक बार फिर 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए.
1991 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने जाने वाले बृज भूषण सिंह, 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 में लोकसभा के लिए चुने गए हैं.
3 बार से कुश्ती संघ के अध्यक्ष
बृज भूषण सिंह 2011 से ही कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष भी हैं. 2019 में वो कुश्ती महासंघ के तीसरी बार अध्यक्ष चुने गए थे.
बृज भूषण शरण सिंह के बेटे प्रतीक भूषण भी राजनीति में हैं. प्रतीक गोंडा से बीजेपी विधायक हैं.
बाबरी मस्जिद केस में लगे थे आरोप
बृज भूषण शरण सिंह की पहचान एक हिंदुवादी नेता के रूप में भी है. अयोध्या के बाबरी मस्जिद ढांचे को गिराने के मामले में बीजेपी के सीनियर नेता लाल कृष्ण आडवाणी के साथ 40 आरोपियों में उनका भी नाम शामिल था. हालांकि, सितंबर 2020 में कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया था.
विवादों से पुराना नाता
बृज भूषण शरण सिंह का विवादों से पुराना नाता है. उन्होंने झारखंड में आयोजित अंडर-19 नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप के दौरान एक रेसलर को मंच पर ही थप्पड़ मार दिया था.
वह अपने विवादित बयानों को लेकर भी सुर्खियों में रह चुके हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कहा था कि समाजवादी पार्टी को वोट दोगे तो पाकिस्तान खुश होगा. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि "पाकिस्तान पर क्यों न बोलें, क्या मोदी और योगी को हराने की चिंता पाकिस्तान में नहीं हो रही है."
पतंजलि के खिलाफ मोर्चा खोला
2022 में बृज भूषण शरण सिंह ने पतंजलि के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. उन्होंने पतंजलि पर नकली घी बेचने का आरोप लगाया था. तब पतंजलि ने उन्हें लीगल नोटिस भेज कर माफी मांगने को कहा था, लेकिन सांसद ने माफी नहीं मांगी थी. इसके बाद पतंजलि की ओर से उन्हें दोबारा नोटिस भेजा गया था. उन्होंने कहा था, "मैं कभी माफी नहीं मांगूंगा और मैंने जो कहा है उस पर कायम हूं."
ताजा विवाद पर क्या बोले बृज भूषण?
अपने ऊपर लगे आरोपों पर कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने कहा, "क्या ऐसा कोई खिलाड़ी है जो आकर कह सकता है कि कुश्ती संघ ने उसका शोषण किया? क्या उन्हें पिछले दस साल से फेडरेशन से कोई समस्या नहीं थी? ये सारी बातें तब हो रही हैं जबसे नए नियम लागू किए गए हैं."
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि "धरने पर बैठे पहलवानों ने ओलंपिक के बाद से किसी भी राष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया है. यौन शोषण की कोई घटना नहीं हुई है. अगर ऐसा कुछ हुआ है तो मैं फांसी लगा लूंगा."
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