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Qatar ने FIFA World Cup 2022 का सफल आयोजन कर कैसे साबित किया "नाऊ इज ऑल"?

FIFA World Cup 2022: कतर ने समलैंगिकता, शराब बिक्री और मानवाधिकारों के सवालों को कैसे मैनेज किया?

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कतर को जब साल 2010 में FIFA WORLD CUP- 2022 की मेजबानी सौंपी गई तो दुनिया भर से तमाम सवाल उठाए गए. लोगों ने कहा कि उस कतर को फीफा की मेजबानी सौंपी गई है, जो कभी फीफा के लिए क्वालीफाई तक नहीं किया है. खुद फीफा के पूर्व प्रमुख सेप ब्लैटर ने कहा था कि कतर में विश्व कप कराना एक गलती है. इन सभी सवालों का जवाब कतर ने विश्वकप के अपने आधिकारिक नारे से दिया, जो "नाऊ इज ऑल” यानी “वर्तमान ही सबकुछ है." शायद ये संदेश था कि वर्तमान और खेल के मैदान पर ध्यान रखो, जो बीत गया सो बीत गया, पिछली बातों से आगे बढ़ा जाए.

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रविवार को FIFA World Cup-2022 का फाइनल मैच कतर के लुसैल स्टेडियम में भारतीय समयानुसार रात 8:30 बजे से शुरू होगा. जिसकी क्षमता करीब 80 हजार लोगों की बैठने तक की है. फाइनल मैच अर्जेंटीना और फ्रांस के बीच खेला जाएगा.

20 नवंबर को कतर में शुरू हुए फीफा वर्ल्डकप को लेकर लोगों ने तरह तरह के सवाल उठाए. लोगों ने कहा कि कतर के फीफा की मेजबानी तो मिल गई है, लेकिन वह सही तरीके से नहीं करा पाएगा. लेकिन, अब जब छोटी-मोटी घटनाओं को छोड़ दें तो फीफा वर्ल्डकप की मेजबानी को मैनेज करने में कतर सफल रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं कि कतर ने फीफा को मैनेज करने के लिए क्या तैयारियां की थी?

कतर ने फीफा वर्ल्डकप के कितने स्टेडियम तैयार किए?

कतर ने दुनिया के सबसे बड़े फुटबॉल वर्ल्डकप के लिए 8 स्टेडियम तैयार करवाए. 8 में से 7 तो इस टूर्नामेंट के लिए बिल्कुल शुरुआत से बनाए गए. बाकी बचे एक को भी पूरी तरह से फिर से तैयार किया गया. ये सभी स्टेडियम एक-दूसरे से करीब एक घंटे की ड्राइव और ज्यादा से ज्यादा 43 मील की दूरी पर हैं.

स्नैपशॉट
  1. लुसैल स्टेडियम, इस स्टेडियम में फाइनल मैच खेला जाएगा, इसकी क्षमता 80,000 है

  2. अल बेत स्टेडियमः इसकी क्षमता 60,000

  3. स्टेडियम 974ः इसकी क्षमता 40,000 लोगों के बैठने की है

  4. खलीफा इंटरनेशनल स्टेडियमः इसकी क्षमता 45,416

  5. एजुकेशन सिटी स्टेडियमः इसकी क्षमता 40,000 लोगों के बैठने की है

  6. अल थुमामा स्टेडियमः इसकी क्षमता 40,000

  7. अल जनुब स्टेडियमः इसकी क्षमता 40,000

  8. अहमद बिन अली स्टेडियमः इसकी क्षमता लोगों के बैठने की 40,000 है

फीफा वर्ल्डकप के कतर ने कैसे पैसा बहाया?

फीफा वर्ल्डकप की मेजबानी मिलने के बाद कतर ने जिस चीज पर सबसे ध्यान दिया वो था इन्फ्रास्ट्रक्चर. कतर को पता था कि फुटबॉल के इस महाकुंभ में गोता लगाने के लिए दुनियाभर से किस्म किस्म के लोग आएंगे. इसके लिए उसने हर तरीके से अपने को तैयार किया. कतर ने एक रिपोर्ट के मुताबिक स्टेडियम, होटल, सुरक्षा और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 229 बिलियन डॉलर खर्च किया है, जो फीफा के इतिहास में सबसे ज्यादा है.

बता दें, 1994 के फीफा वर्ल्ड कप में 500 मिलियन डॉलर का खर्च आया था. 1998 में 2.3 बिलियन डालर, 2002 में 7 बिलियन डालर, 2006 में 4.3 बिलियन डालर, 2010 में 3.6 बिलियन डालर, 2014 में 15 बिलियन डालर, 2018 में 11.6 बिलियन डालर का खर्च आया था. इस बार ऐसा क्या हुआ कि फीफा वर्ल्ड कप का खर्चा बढ़ गया. इस बार यह खर्चा 229 बिलियन डालर यानी भारतीय 17 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा.

सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान

कतर ने 2017 में यूरोप की सबसे बड़ी सुरक्षा कंपनी से 24 फाइटर जेट्स, 9 अत्याधुनिक हॉक एमके-167 ट्रेनिंग जेट 65 हजार करोड़ रुपए में खरीदने का अनुबंध किया. इसके अलावा ब्रिटेन से उसकी 2012 ओलिंपिक वाली विशेष सुरक्षा तकनीक मांगी. ​​​​कतर का नेशनल सिक्योरिटी सेंटर ड्रोन, CCTV और सेंसर के जरिए देश की निगरानी करेगा. खिलाड़ियों के लिए स्विमिंग पूल, रेस्तरा, स्पा, फिटनेट सेंटर, वॉटर एडवेंचर पार्क, स्कूबा डाइविंग और गो-कार्टिंग की व्यवस्था की गई है.

कतर ने फीफा वर्ल्ड कप के लिए 20,000 से ज्यादा वॉलंटियर्स को दो महीने पहले रख लिया था. ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से इन वॉलंटियर्स को करीब 1300 घंटों से ज्यादा की विशेष ट्रेनिंग दी गई थी. ये लोग 160 से ज्यादा देशों से आकर कतर में इकट्ठे हुए थे. इनमें 18 से लेकर 77 वर्ष तक की उम्र के लोग हैं. इनके रहने और खाने का भी विशेष इंतजाम किया गया था.

मानवाधिकारों के सवालों को कतर ने कैसे मैनेज किया?

फीफा वर्ल्डकप के मेजबान कतर को मानवाधिकार संगठनों की आलोचना का सामना भी करना पड़ा. कतर पर प्रवासी मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार करने और उनके मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगा. प्रवासी मजदूरों को सैलरी ना देने, उन्हें कहीं और काम न करने जैसे कई आरोप कतर पर लगे. इन आरोपों पर कतर सरकार ने कहा कि उनके देश में मजदूरी से जुड़े प्रावधानों में लगातार सुधार जारी है. लेकिन प्रवासी मजदूरों के शोषण करने के आरोपों को कतर सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया.

समलैंगिकता के अधिकारों पर नरम दिखा कतर

कतर एक मुस्लिम देश है जहां समलैंगिकता गैर-कानूनी है. इसलिए समलैंगिक प्रशंसकों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे. कई फुटबॉल खिलाड़ियों ने भी इस पर चिंता जताई थी. इस पर कतर ने साफ कर दिया था कि हर किसी व्यक्ति का कतर में स्वागत है. कोई भी यहां आकर फुटबॉल के महाकुंभ का आनंद उठा सकता है, चाहे वो LGBT+ समुदाय से हो या फिर किसी भी पृष्ठभूमि से आता हो.

शराब की बिक्री पर लचीलापन

मुस्लिम देश होने के कारण कतर में शराब और अल्कोहल की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध है. लेकिन, जब सवाल उठा कि दुनियाभर से फैंस मैच देखने आएंगे उन्हें अल्कोहल की जरूरत होगी. इसप कतर ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे को नुकसान ना पहुंचाए और कोई हंगामा ना करे, तो उन्हें शराब के सेवन को लेकर कोई आपत्ति नहीं है. इसके अलावा आयोजकों ने फैन्स के लिए शराब बिक्री की व्यवस्था मैच से पहले और बाद में की.

ट्रांसपोर्ट के लिए विशेष इंतजाम

2022 विश्व कप से पहले कतर के लिए एक बड़ी चुनौती ट्रांसपोर्ट की थी. बताया गया कि कतर विश्व कप के लिए 1.2 से 1.5 मिलियन दर्शकों की उम्मीद कर रहा है. इसका मतलब है कि कतर में दर्शकों की संख्या ब्राजील में 2014 विश्व कप की तुलना में लगभग दोगुनी होगी. नतीजतन, स्पष्ट सवाल यह है कि देश इतनी बड़ी संख्या में मेहमानों के लिए यात्रा का प्रबंधन कैसे करेगा?

इस पर कतर ने विशेष इंतजाम किया. इसके लिए कतर ने एक मेट्रो रेल सिस्टम का निर्माण कराया, जिसे 2019 में लॉन्च किया गया था. प्रमुख राजमार्गों का निर्माण किया और खेलों से पहले एक ट्राम प्रणाली का उद्घाटन किया. सार्वजनिक परिवहन 10 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच निःशुल्क कर दिए गए.

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