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Pele: नहीं रहा फुटबॉल का जादूगर, मैदान के अंदर-बाहर जीता दिल, कैंसर से जंग हारा

Pele dies at 82: तीन फुटबॉल वर्ल्ड कप जीतने वाले एकमात्र फुटबॉलर पेले नहीं रहे

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ब्राजील (Brazil) के महान फुटबॉल खिलाड़ी पेले (Pele) नहीं रहे. रिर्पोट के मुताबिक, पेले (Pele) कैंसर (Colorectal Cancer) से जिंदगी की जंग लड़ रहे थे. नवंबर 2022 में पेले को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.

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पेले (Pele) का जन्म 3 अक्टूबर, 1940 को हुआ था. पेले के पिता भी फुटबॉल के खिलाड़ी थे. जब उनके पिता के पैर में फ्रैक्चर हुआ था तो उनको खेल से रिटायर होने के लिए दबाव दिया गया. पेले गरीब परिवार से थे और गरीबी में ही पले-बढ़े थे. पेले परिवार की मदद करने के लिए जूते पॉलिश करते थे. हालांकि फुटबॉल के लिए बचपन से ही उनमें रुचि थी. वो स्थानीय माइनर लीग क्लब के लिए भी खेल चुके थे और यहीं से उनको पहला ब्रेक मिला.

11 साल के पेले पर प्रमुख खिलाड़ी वाल्डेमार डी ब्रिटो (Waldemar de Brito) की नजर पड़ी और कहा जाता है कि ब्रिटो ने पेले के लिए भविष्यवाणी की थी कि पेले दुनिया के सबसे महान फुटबॉल खिलाड़ी होंगे. पेले ने 16 साल की उम्र में सांटोस के लिए खुद को साबित किया. उन्होंने अपने जीवन का पहला गोल कोरिंथियंस एफसी के खिलाफ था. 1958 के विश्व कप के समय पेले की उम्र 17 साल की थी. तब पेले ने 6 गोल दागे थे जिसकी वजह से ब्राजील की राष्ट्रीय टीम जीती थी. ब्राजील ने उस साल अपना पहला वर्ल्ड कप जीता था.

पेले का प्रर्दशन देखकर उनके चाहने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी और कई खेल क्लबों ने भी पेले में दिलचस्पी दिखाई. ब्राजील में स्टार प्लेयर पेले को राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी के रुप में देखे जाने लगा और फिर पेले को किसी भी ब्राजील या क्लब के लिए खेलने से रोक दिया गया.

गंभीर चोट की वजह से 1962 के विश्व कप में नहीं ले पाए थे भाग

पेले जब मैदान में होते थे तो वो विजन पहले ही सेट कर लेते थे. पेले 5 फीट 8 इंच के लंबे चौड़े और फुर्तीले खिलाड़ी थे और तेजी से मैदान में दौड़ते थे. पेले चतुराई से अपने पैरों के साथ फुटबॉल से ड्रिब्लिंग करते थे. हालांकि फुटबॉल की गेंद पर पेले की असाधारण कमान थी और वो अपनी शक्तिशाली किक के लिए जाने जाते थे. वहीं पेले अपने शानदार हेड शॉट्स के लिए भी प्रशंसाओं में रहते थे.

1962 के विश्व कप के दौरान पेले टूर्नामेंट में भाग नहीं ले पाए थे. उस वक्त पेले को गंभीर चोटें आईं थीं. 1970 के विश्व कप में पेले ने ब्राजील टीम का नेतृत्व किया और टीम ने मैच जीता जो ब्राजील के लिए तीसरा विश्व कप था.

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पेले के गोल टीम के लिए बेहद कीमती थे - न केवल ये कि ब्राजील का 100 वां विश्व कप गोल. बल्कि ये कि पेले का मन पसंदीदा हेडशॉट्स था. बता दें कि पेले के पिता हेडशॉट्स में माहिर थे और कहा जाता है कि उन्होंने एक ही मैच में 5 हेडशॉट गोल किए थे. पेले के लिए ये बेहद ही खास था.

पेले का स्कोर बोर्ड शानदार है. कुल मिलाकर फुटबॉल के मास्टर खिलाड़ी ने 1,280 गोल किए हैं. पेले ब्राजील के खिलाड़ी आर्थर फ्रीडेनरिच के बाद दूसरे सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी हैं. आर्थर ने कुल 1,329 गोल किए हैं.

पेले हर अंतरराष्ट्रीय मैच में औसत एक गोल जरुर करते थे. 92 हैट ट्रिक और 97 अंतर्राष्ट्रीय गोल ऐसे आंकड़े हैं जो उन्हें अपने खेल के शीर्ष पर रखते हैं. उनके आंकड़े अब तक के सबसे ज्यादा हैं.

रिटायरमेंट के बाद पेले उत्तरी अमेरिका में फुटबॉल के खेल को बढ़ावा देने के लिए 2 साल के लिए फुटबॉल में वापस लौट थे. फुटबॉल के प्रति लाखों अमेरिकन की रुचि को आकर्षित करने के लिए पेले नार्थ अमेरिकन फुटबॉल टीम के साथ खेले. पेले ने कॉसमॉस और सैंटोस के बीच एक प्रदर्शन मैच खेला. जिसमें पहले हाफ के दौरान पेले कॉसमॉस के लिए और दूसरे हाफ के दौरान सैंटोस की टीम के लिए खेला. प्यार और शांति का संदेश फैलाने के लिए ही पेले ने इस लोकप्रियता का इस्तेमाल किया. वहीं भीड़ ने "प्यार! प्यार!" प्रेम! प्रेम!" मैच के दौरान नारा लगाया.

पेले ने फुटबॉल की लोकप्रियता को आगे बढ़ाने के लिए समय समय पर बहुत ही प्रयास किए. फुटबॉल और फुटबॉल खिलाड़ी के जीवन पर भी उन्होंने कई ऑटोबायोग्राफी, विभिन्न डॉक्यूमेंट्री और सेमी डॉक्यूमेंट्री लिखीं. पेले ने अपने फुटबॉल करियर के अंत में एक्टिंग का प्रदर्शन भी किया. इतना ही नहीं पेले एक संगीतकार भी हैं. उनकी इन प्रतिभाओं को लोगों के बीच फुटबॉल और सद्भावना को बढ़ावा देने के लिए भी इस्तेमाल किया गया था.

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