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T20 WC 2021:घुटने पर नहीं आए डि कॉक, मैच के बाद टूर्नामेंट से भी हो सकते हैं OUT

ICC T20 WC 2021 : नस्लवाद के खिलाफ क्यों घुटने नहीं टेक रहे हैं डि कॉक

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टी20 वर्ल्ड कप (ICC men's T20 World Cup 2021) में इस बार मैच के पहले एक परंपरा शुरु हो गई है. यह ब्लैक लाइव्स मैटर्स यानी BLM पहल का समर्थन है. जिसमें खिलाड़ी घुटने के बल बैठकर नस्लवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश देते हैं. लेकिन दक्षिण अफ्रीका के स्टार प्लेयर क्विंटन डि कॉक Quinton de Kock ने वेस्ट इंडीज West Indies के खिलाफ मैच से पहले घुटने पर बैठने से इंकार कर दिया और व्यक्तिगत कारणों से इस मैच से अपना नाम वापस ले लिया. घुटने पर न बैठने की सजा भी उन्हें मिल सकती है.

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पहले एक नजर पूरे घटनाक्रम पर

इस बार आईसीसी मेंस टी 20 वर्ल्ड कप 2021 से पहले यह तय किया गया था कि मैच के पहले खिलाड़ी सामूहिक रूप से घुटने टेक कर ब्लैक लाइव्स मैटर BLM पहल का समर्थन करेंगे. यह पहल रंगभेद यानी नस्लभेद के खिलाफ शुरू की गई थी.

मंगलवार को ग्रुप 1 के सुपर 12 के मुकाबलों में से दक्षिण अफ्रीका और वेस्ट इंडीज का मैच हुआ लेकिन साउथ अफ्रीका की प्लेइंग इलेवन से एक बड़ा नाम गायब रहा. वो नाम क्विंटन डि कॉक का था. जो आईपीएल में मुंबई इंडियन की तरफ से खेलते हैं. ये खिलाड़ी विस्फोस्टक खेल के लिए जाना जाता है. लेकिन वेस्ट इंडीज के खिलाफ ये टीम से बाहर रहे. बाहर रहने की वजह कोई चोट या खराब फार्म नहीं रही बल्कि इन्होंने घुटने पर बैठने से इंकार कर दिया था. इसलिए बाहर बैठना पड़ा. इस बारे में कमेंटेटर व पूर्व क्रिकेटर दिनेश कार्तिक ने ट्वीट भी किया था.

साउथ अफ्रीका मैनेजमेंट ने बताया व्यक्तिगत निर्णय, आगे के कदम रिपोर्ट के बाद

टॉस के बाद अफ्रीकी कप्तान टेम्बा बावुमा ने कहा कि क्विंटन डि कॉक निजी कारणों से नहीं खेल रहे हैं. वहीं क्रिकेट साउथ अफ्रीका की ओर से जारी बयान में कहा गया कि वेस्ट इंडीज के खिलाफ मैच में घुटने पर न बैठने का निर्णय क्विंटन डि कॉक का व्यक्तिगत निर्णय था. इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि उनके खिलाफ आगामी कदम मैनेजमेंट की रिपोर्ट के बाद उठाए जाएंगे. बोर्ड ने पहले ही निर्देश दिया है कि सभी संबंधित मसलों पर गौर करने के बाद बोर्ड का यह मानना है कि दक्षिण अफ्रीका के इतिहास को देखते हुए नस्लवाद के खिलाफ एकजुट और लगातार विरोध प्रदर्शन जरूरी है.

क्रिक इंफो की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल बीएलएम आंदोलन के फिर से उभरने के बाद से दक्षिण अफ्रीका ने नस्लवाद विरोधी आंदोलन का समर्थन करने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन तब भी राष्ट्रीय टीम के कई खिलाड़ियों ने एक साथ घुटने नहीं टेके थे. श्रीलंका के खिलाफ खेली गई श्रृंखला के दौरान इसी तरह की समस्या सामने आई थी, लेकिन तब बोर्ड ने खिलाड़ियों के लिए ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया था. वहीं जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह दृश्य फिर से सामने आया तो इस बार बोर्ड को आदेश जारी करना पड़ा.

अब जब दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों को टी20 विश्व कप के उनके सभी मुकाबलों से पहले नस्लवाद के खिलाफ आंदोलन का घुटने के बल बैठकर समर्थन जताने का निर्देश दिया है तो ऐसे में अगर क्विंटन डि कॉक आगे भी इस मुहिम का समर्थन करने से इनकार करते हैं तो विश्व कप के अन्य बचे मुकाबलों में भी खेलने की उम्मीद बेहद कम हो सकती है. उन पर बोर्ड द्वारा कार्रवाई भी की जा सकती है.

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इस विश्व कप में इस बीएलएम को समर्थन देने की बात हुई

इस विश्व कप से पहले यह तय किया गया था कि बीएलएम को सपोर्ट करने कि लिए टीम के खिलाड़ियों के पास तीन विकल्प हैं.

1. एक घुटने को जमीन पर टेक कर मुट्ठी को हवा में लहराते हुए खड़ा रहना.

2. सिर्फ़ मुट्ठी को हवा में लहराते हुए खड़ा रहना.

3. सावधान की मुद्रा में खड़ा रहना.

यह नियम श्वेत और अश्वेत सभी खिलाड़ियों और टीम के अन्य सदस्यों के लिए है.

पहले भी ऐसा कर चुके हैं डि कॉक

दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड ने 25 नवंबर 2020 को एक आदेश जारी किया था. उस आदेश में खिलाड़ियों को तीन विकल्प दिए गए थे, जिसके जरिए वो नस्लवाद के खिलाफ अपना समर्थन दे सकते हैं.

  1. खिलाड़ी घुटने के बल बैठकर समर्थन दे सकते थे.

  2. खिलाड़ी अपनी मुट्ठी ऊपर करके खड़े हो सकते थे.

  3. खिलाड़ी सावधान की मुद्रा में खड़े हो सकते थे.

इस निर्देश के बाद टेस्ट सीरीज हुई जिसमें सभी खिलाड़ियों ने इनमें से कोई न कोई तरीका स्वीकार करके नस्लभेद का विरोध किया था लेकिन डि कॉक तब भी हाथ पीछे करके साधारण मुद्रा में खड़े नजर आए थे. वेस्ट इंडीज वाले मैच से पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए मैच में भी क्विंटन डि कॉक ने इन तीनों शारिरिक पोजीशन में से एक को भी फॉलो नहीं किया था.

ICC T20 WC 2021 : नस्लवाद के खिलाफ क्यों घुटने नहीं टेक रहे हैं डि कॉक

विकेट पीछे साधारण मुद्रा में खड़े डि कॉक

ट्विटर से साभार

जून 2021 को ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐसा न करने पर डि कॉक ने कहा था कि यह मेरा व्यक्तिगत कारण है. मैं इसे अपने तक ही सीमित रखूंगा. यह मेरी व्यक्तिगत सोच है. यह हर किसी का अपना फैसला होता है. कोई किसी को कुछ भी करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता. मैं इन्हीं तरीकों से चीजों को देखता हूं

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने डिकॉक का समर्थन करते हुए ट्वीट किया, ‘‘ निश्चित रूप से यह तय करने का अधिकार व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह किसी भी आंदोलन में शामिल होना चाहता है या नहीं. एक क्रिकेट बोर्ड को खिलाड़ियों से ऐसा करने का अनुरोध करना चाहिए, लेकिन अगर खिलाड़ी ऐसा नहीं करना चाहता है तो उसे क्रिकेट खेलना नहीं रोकना चाहिए.’’

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