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कोनेरू हम्पी ने जीता वर्ल्ड रैपिड चेस, पहली भारतीय महिला चैंपियन

नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन ने पुरुषों का खिताब अपने नाम किया

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भारतीय ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी ने रूस के मॉस्को में चल रही महिला विश्व रैपिड शतरंज चैम्पियनशिप में चीन की लेई टिंगजी को टाईब्रेकर सीरीज (आर्मेगेडोन मुकाबले) में हराकर खिताब अपने नाम किया. हम्पी विश्व महिला रैपिड चैम्पियन बनीं तो वहीं नॉर्वे के सुपरस्टार मैग्नस कार्लसन ने भी कुछ ही मिनट में पुरूष खिताब अपने नाम कर लिया.

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हम्पी ने विश्व शतरंज की संस्था फिडे (FIDE) को दिये इंटरव्यू में कहा,

‘‘जब मैंने तीसरे दिन अपना पहला गेम शुरू किया तो मैंने नहीं सोचा था कि मैं शीर्ष पर रहूंगी. मैं शीर्ष तीन में रहने की उम्मीद कर रही थी. मैंने टाई-ब्रेक गेम खेलने की उम्मीद नहीं की थी.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पहला गेम गंवा दिया लेकिन दूसरे गेम में वापसी की. यह गेम बहुत जोखिम भरा रहा लेकिन मैंने इसमें जीत हासिल की. अंतिम गेम में मैं बेहतर स्थिति में थी और फिर मैंने आसान जीत हासिल की.’’

हम्पी ने 12 दौर में से नौ अंक जुटाये, जिससे वह टिंगजी के साथ बराबरी पर थीं. दोनों के बीच फिर आर्मेगेडोन गेम से विजेता का फैसला हुआ. हम्पी ने पहला गेम गंवाने के बाद दूसरे गेम में वापसी की और फिर निर्णायक गेम में खिताब जीता.

32 साल की हम्पी 2011 में खिताब से चूक गई थीं और रनर-अप रही थीं. मां बनने के बाद हम्पी ने करीब 16 महीने बाद 2018 में ही वापसी की थी.

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