23 जून को हिरोशिमा में FIH फाइनल्स सीरीज की ट्रॉफी जीतने की खुशी सबने देखी, लेकिन उस जीत के पीछे एक खिलाड़ी के जज्बे के बारे में अब पता चला है .भारतीय महिला हॉकी टीम की सबसे युवा खिलाड़ी लालरेमसियामी को टूर्नामेंट में सेमिफाइनल से पहले पता चला कि इंडिया में उनके पिता का निधन हो गया है. लेकिन अपने खेल और देश के प्रति जज्बा देखिए उन्होंने अपनी टीम के साथ बने रहने का फैसला किया और आखिर में भारत इस टूर्नामेंट में चैंपियन बना.
ट्रॉफी जीतने के बाद लालरेमसियामी 25 जून को अपने घर मिजोरम लौट आईं. वो जैसे ही अपने गांव कोलाशिब पहुंचीं, पूरा गांव उनके स्वागत के लिए उमड़ पड़ा. साथ ही पूरा गांव भावुक भी था. लालरेमसियामी के घर पहुंचते ही मां गले लगकर रो पड़ी. मां को संभालने की कोशिश में लालरेमसियामी भी अपने आंसू रोक नहीं पाई.
सेमीफाइनल से फाइनल तक का सफर...
लालरेमसियामी ने अपने पिता की हार्ट अटैक से मौत की खबर सुनने के बाद भी अपनी टीम के साथ जापान में ही रुकने का फैसला किया. लालरेमसियामी को ये खबर सेमीफाइनल से ठीक पहले मिली थी. चिली के खिलाफ सेमीफाइनल में भारत ने 4-2 टूर्नामेंट जीता और फाइनल में एंट्री की. इसके बाद फाइनल में भारत ने जापान को 3-1 से मात देकर खिताब अपने नाम कर लिया. लालरेमसियामी ने भी शानदान प्रदर्शन किया.
दुनिया की नौंवे नंबर की भारतीय वुमेंस हॉकी टीम इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचकर पहले ही 2020 ओलंपिक क्वालीफायर के अंतिम दौर के लिए क्वालीफाई कर चुकी थी.
भारत वुमेंस हॉकी टीम ने पूरे टूर्नामेंट में 29 गोल किए. 19 साल की लालरेमसियामी टीम की सबसे युवा खिलाड़ी है. वो अब तक भारत के लिए 50 मैच खेल चुकी हैं. इसमें एशियन गेम्स 2018 और यूथ ओलिंपिक में सिल्वर मेडल की जीत भी शामिल है.
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