मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के 8 शहरों में इन दिनों खेलो इंडिया यूथ गेम्स (Khelo India Youth Games) चल रहे हैं. 5 हजार से ज्यादा एथलीट इसमें हिस्सा ले रहे हैं. लाखों का इनाम और सम्मान खिलाड़ियों को इन खेलों की तरफ तेजी से आकर्षित कर रहा है.
हालांकि खेलो इंडिया यूथ गेम्स सिर्फ इनाम और सम्मान पाने का जरिया नहीं है, बल्कि कई खिलाड़ियों ने इसे अपनी किस्मत का ताला खोलने वाली चाबी बना लिया है. पिछले कुछ संस्करण में कई ऐसे खिलाड़ी रहे जिन्होंने यहां अच्छा प्रदर्शन करके राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहचान बना ली. देखिए ऐसे ही 5 खिलाड़ी.
जेरेमी लालरिनुंगा (वेटलिफ्टिंग)
मिजोरम की रहने वाली 19 साल की जेरेमी लालरिनुंगा ने 2019 में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में वेटलिफ्टिंग में स्नैच में 131 किलो और क्लीन एंड जर्क में 157 किलो भार उठाकर रजत पदक जीता था. यहां से उनकी पहचान बनने लगी.
एशियाई चैंपियनशिप में, उन्होंने स्नैच में 134 किलो और क्लीन एंड जर्क में 162 किलो सहित कुल 297 किलो भार उठाकर यूथ वर्ल्ड और एशियाई दोनों रिकॉर्ड तोड़ दिए.
2020 में, उन्होंने एशियन यूथ चैम्पियनशिप और एशियन जूनियर चैंपियनशिप में रजत पदक भी हासिल किया. CWG 2022 में जेरेमी स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब रहीं..
मनू भाकर (शूटिंग)
20 साल की मनू भाकर ने सिर्फ 2 साल की शूटिंग में कई बड़े-बड़े रिकॉर्ड बना दिए. उन्होंने एक महीने के भीतर 2 लॉन्ग स्टैंडिंग नेशनल रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. मनू की शूटिंग के अलावा भी कई खेलों में रूची है. 2018 में वे ISSF वर्ल्ड कप के लिए भी क्वालिफाई कर चुकी थीं.
अंशु मलिक (रेसलिंग)
भारतीय रेसलर अंशु मलिक अब किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. 21 साल की अंशु के पास एशिनयन केडिट चैंपियनशिप में 2 मेडल हैं. वे 57 kg वर्ग में जूनियर एशियन वेट क्लास चैंपियन रह चुकी हैं. वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक विजेता पूजा ढ़ांढ़ा को भी हरा चुकी हैं.
मानुष शाह (टेबल टेनिस)
गुजरात के मानुष शाह ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स में अंडर-21 टेबल टेनिस इवेंट जीता था. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय टेबल टेनिस महासंघ की तरफ से आयोजित 2016 भारत जूनियर और कैडेट ओपन टेबल टेनिस चैंपियनशिप (ITTF) में रजत पदक जीता. उन्हें 22वीं एशियाई जूनियर और कैडेट टेबल टेनिस चैंपियनशिप के लिए भारत की सब-जूनियर टेबल टेनिस टीम में भी नामांकित किया गया है.
कोमलिका बारी
कोमलिका बारी ने स्पेन में विश्व युवा और कैडेट तीरंदाजी चैम्पियनशिप में भारत की तीसरी महिला वैश्विक चैंपियन बन चुकी हैं. 2006 में झारखंड की पलटन हांसदा ने ये उपलब्धि हासिल की थी. 2009 में दीपिका कुमारी की जीत के बाद, कोमलिका रिकर्व में भारत की तीसरी अंडर-18 विश्व चैंपियन बनीं. वे एशियाई चैम्पियनशिप, जर्मनी में विश्व कप, नीदरलैंड में विश्व चैंपियनशिप और टोक्यो ओलंपिक जैसे एलीट टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.
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