ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियनशिप के पुरुष सिंगल्स फाइनल में लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) को हार का सामना करना पड़ा. डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसेन (Victor Axelsen) 21-10, 21-15 से जीत गए.
विक्टर ने दूसरी बार इस खिताब को अपने नाम किया है. दोनों खिलाड़ियों के बाच यह मुकाबला 53 मिनट तक चला.
विक्टर एक्सेलसेन ने पहला गेम 22 मिनट में 21-10 के अंतर से जीता और दूसरे गेम में अपने इस पेस को बरकरार रखा. विक्टर के लंबे अनुभव के आगे लक्ष्य का प्रदर्शन फीका पड़ गया.
लक्ष्य सेन के पास ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियनशिप का खिताब जीतकर 21 साल बाद इतिहास दोहराने का मौका था जो उन्होंने गवां दिया. इससे पहले अब तक दो ही शटलर यह खिताब जीत चुके हैं. इनमें सबसे पहले नाम लक्ष्य सेन के मेंटर प्रकाश पादुकोण का है, जिन्होंने 1980 में यह खिताब जीता था. इसके बाद मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद ने 2001 में यह कामयाबी हासिल की थी. तब से अब तक कोई भारतीय यह इतिहास नहीं दोहरा सका.
लक्ष्य सेन ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले 5वें भारतीय बने. सबसे पहले यह उपलब्धि प्रकाश नाथ ने 1947 में हासिल की थी, लेकिन वह खिताब से चूक गए थे.
20 साल के लक्ष्य सेन ने शनिवार रात मलेशिया के ली जी जिया को हराकर ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई थी. लक्ष्य ने जिया को 21-13, 12-21, 21-19 से शिकस्त दी थी. दोनों खिलाड़ियों के बीच यह सेमीफाइनल मुकाबला 76 मिनट तक चला. लक्ष्य सेन को क्वार्टरफाइनल में चीन के लु गुआंग जू ने वॉकओवर दे दिया था.
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