छठी सीड भारत की मंजू रानी ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए महिलाओं की वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बना ली है. पहली बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा ले रही मंजू ने शनिवार 12 अक्टूबर को 48 किलोग्राम वर्ग के सेमीफाइनल में थाईलैंड की छुटहामाट राक्सत को 4:1 से हरा दिया.
वहीं अब तक शानदार प्रदर्शन करने वाली जमुना बोरो को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा. उन्हें ब्रॉन्ज से संतोष करना पड़ा.
मंजू ने थाईलैंड की मुक्केबाज को 29-28, 30-27, 29-28, 28-29, 29-28 से मात दी और भारत के लिए इस चैंपियनशिप का पहला सिल्वर मेडल पक्का कर लिया.
वहीं पहली बार चैंपियनशिप में उतर रही जमुना बोरो को 54 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की हुआंग सियाओ वेन से हार का सामना करना पड़ा.
एशियाई खेलों की पूर्व ब्रॉन्ज मेडलिस्ट हुआंग सियाओ ने एकतरफा मुकाबले में जमुना को 5:0 से हरा दिया.
टॉप सीड चीनी ताइपे की खिलाड़ी पहले राउंड से ही जमुना पर हावी नजर आई और पांच जजों ने 29-28, 29-28, 30-27, 30-27, 30-27 से उनके पक्ष में फैसला सुनाया.
लवलीना को फिर ब्रॉन्ज
वहीं सेमीफाइनल में भारत की आखिरी उम्मीद लवलीना बोरगोहेन भी हार का सामना करना पड़ा. लवलीना को 69 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में चीन की यांग लियू के खिलाफ करीबी मुकाबले में 2-3 से हार झेलनी पड़ी.
इस हार के बार लवलिना को ब्रॉन्ज मेडल से से संतोष करना पड़ा. लवलीना का यह लगातार तीसरा ब्रॉन्ज मेडल है. इससे पहले उन्हें 2017 की एशियन चैंपियनशिप और 2018 की वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी ब्रॉन्ज मेडल मिला था.
पहली बार सेमीफाइनल में हारी मैरी कॉम
इससे पहले दिन के पहले सेमीफाइनल में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद और 6 बार की वर्ल्ड चैंपियन मैरी कॉम को हार का सामना करना पड़ा. मैरी कॉम को तुर्की की नंबर 2 सीड बॉक्सर ने 4:1 से हराया.
हालांकि भारत ने उस फैसले के खिलाफ अपील भी की, लेकिन एआईबीए ने इस अपील को ठुकरा दिया. इसके बाद मैरी कॉम को ब्रॉन्ज से ही संतोष करना पड़ा. मैरी कॉम के करियर में ये पहला मौका है जब उन्हें वर्ल्ड चैंपयिनशिप के सेमीफाइनल में ही हार का सामना करना पड़ा हो.
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