कैमराः शिवकुमार मौर्य
वीडियो एडिटरः आशुतोष भारद्वाज
मैरी कॉम ने शनिवार 28 दिसंबर को इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित ओलंपिक क्वालीफायर के ट्रायल्स के 51 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में निकहत जरीन को मात देकर चीन में होने वाले क्वालीफायर का टिकट कटा लिया. मैच के बाद हालांकि छह बार की विश्व विजेता मैरी कॉम को कथित तौर पर निकहत के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए देखा गया. मैरी कॉम ने साथ ही कहा कि अगर निकहत इज्जत नहीं कर सकती, तो वो भी नहीं करेंगी.
निकहत मैच हारने के बाद जब मैरी कॉम से हाथ मिलाने गईं तो मैरी कॉम ने इससे मुंह फेर लिया और बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
“मैं क्यों उनसे हाथ मिलाऊं? अगर वह चाहती हैं कि उनका सम्मान किया जाए तो उन्हें भी दूसरों का सम्मान करना चाहिए. मुझे इस तरह के स्वाभाव वाले लोग पसंद नहीं हैं. आप अपनी बात रिंग में साबित करें न कि रिंग के बाहर.”
‘विवाद पसंद नहीं, रिंग में खुद को साबित करो’
मैच के बाद मैरी कॉम मीडिया से बात करने में भी चिंढ़ी हुई दिखीं. उन्होंने कहा कि वह उनकी और निकहत के बीच के विवाद को लेकर काफी परेशान पहले ही हो चुकी हैं.
“यह काफी हो चुका. अगर आपको मेरा इंटरव्यू लेना है तो आपको बेवजह के सवाल नहीं करने चाहिए. यह पहली बार नहीं है. मैंने निकहत को पहले भी कई बार मात दी है. मुझे विवाद पसंद नहीं हैं. मैं सिर्फ आने वाले मुकाबलों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहती हूं और अपने देश के लिए पदक जीतना चाहती हूं. आप रिंग के अंदर साबित करो, बात खत्म.”
मैरी कॉम ने कहा कि उन्होंने हमेशा भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (BFI) की चयन प्रक्रिया का पालन किया है. उन्होंने कहा, "वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतने वालों को ट्रायल्स की जरूरत नहीं होती. BFI ने जो कहा मैंने उसके लिए हां कहा था."
वर्ल्ड चैंपियनशिप के बाद BFI ने बदला था नियम
मैरी ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था लेकिन BFI अध्यक्ष अजय सिंह ने बाद में कहा था कि वह सीधे ओलंपिक क्वालीफायर में जाएंगी. इससे निकहत नाराज हो गईं थीं और उन्होंने खेल मंत्रालय को पत्र भी लिखा था. निकहत के इस कदम को मैरी कॉम ने शनिवार को गलत बताया.
उन्होंने कहा, "जो भी बीएफआई ने कहा था, मैं उस पर राजी हो गई थी. वह लोग नियम बनाते हैं. उन्होंने मंत्री को पत्र क्यों लिखा. मैं भी इस बात पर हैरान थी कि अजय सर ने ऐसा क्यों कहा. ट्रायल हों या ना हों मैं हमेशा से तैयार हूं."
2012 के लंदन ओलंपिक में 51 किलो वर्ग का ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली मैरी ने कहा कि उनका ध्यान सिर्फ टोक्यो ओलंपिक पर है और वो एक बार फिर देश के लिए मेडल जीतना चाहती हैं.
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