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लियोनेल मेसी और रेपिनो ने जीते ‘FIFA प्लेयर ऑफ द ईयर’ अवॉर्ड

मेसी ये अवॉर्ड छठी बार जीता है, इस मामले में उन्होंने क्रिस्टियानो रोनाल्डो को पछाड़ दिया है

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लियोनेल मेसी ने रिकॉर्ड छठी बार फीफा प्लेयर ऑफ द ईयर अवॉर्ड जीत लिया है. वहीं मेगन रेपिनो ने पहली बार ये अवॉर्ड अपने नाम किया. रेपिनो को ये अवॉर्ड अमेरिका को वर्ल्ड कप जिताने के लिए मिला है.

रेपिनो ने वर्ल्ड कप में 6 गोल दागे थे, जिसके लिए उनको गोल्डन बॉल अवॉर्ड मिला. वो 6 गोल के साथ टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल दागने वाली खिलाड़ी थीं. जिल एलिस को बेस्‍ट विमेन्स कोच का अवॉर्ड मिला है.

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लियोनेल मेसी ने बनाया रिकॉर्ड

लियोनेल मेसी ये अवॉर्ड छठी बार जीता है और इस मामले में उन्होंने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी क्रिस्टियानो रोनाल्डो को पछाड़ दिया है. मेसी को ये अवॉर्ड पहले साल 2009, 2010, 2011, 2012 और 2015 में मिल चुका है. वहीं रोनाल्डो के नाम ये खिताब 5 बार रहा है.

बता दें कि साल 2018 में ये खिताब जीतकर क्रोएशिया के लुका मोदरिच मेसी और रोनाल्डो के पिछले दस साल से चले आ रहे वर्चस्व को तोड़ा था. फाइनलिस्ट होने के बावजूद जुवेंटस ने इस समारोह में हिस्सा नहीं लिया.

रेपिनो हमेशा से अपने खुलेपन औप बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती हैं. रेपिनो ने इस मंच से भी फुटबॉल की दुनिया में फैली असमानता के बारे में बात की.

रेपिनो ने कहा:

‘‘फुटबॉल खिलाड़ी होने के नाते हमारे जीवन में कई सफलताएं आती हैं. मैं सबसे यही कहना चाहूंगी कि ये मंच लोगों की बेहतरी के लिए हो इस खेल के जरिए हम दुनिया को अच्छाई की तरफ ले चलें.’’

किस-किस को मिला खिताब?

फीफा की ओर से सर्वश्रेष्ठ कोच का खिताब लिवरपूल के बॉस जुर्गेन क्लॉप ने जीता. बता दें कि क्लॉप के नेतृत्व में ही लिवरपूल ने टॉटेनहम को 2-0 से हराकर 15 साल बाद चैंपियंस लीग पर कब्जा किया था. जुर्गेन क्लॉप के साथ इस खिताब के लिए फाइनल दौड़ में मैनचेस्टर सिटी के पेप गार्डियोला और टॉटेनहम के मौरिसियो थे. इन दोनों को पछाड़कर क्लॉप ने सर्वश्रेष्ठ कोच का खिताब अपने नाम किया.

वहीं गोलकीपर की बात करें, तो लिवरपूल के एलिसन ने सिटी के एंडरसन और बार्सिलोना के मार्क आंद्रे टेर को पछाड़कर सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का खिताब जीता. सर्वश्रेष्ठ महिला गोलकीपर का खिताब एटलेटिको मैड्रिड की वैन वीनेंडाल के नाम रहा. 29 वर्षीय वीनेंडाल ने नीदरलैंड्स का कप्तानी की थी और टीम को महिला वर्ल्डकप के फाइनल में ले गई थीं.

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