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Tokyo Olympics में मीराबाई चानू ने जीता सिल्वर मेडल, राष्ट्रपति-PM ने दी बधाई

Tokyo Olympics 2020: इस इवेंट में गोल्ड मेडल चीन की जीहोई होउ ने अपने नाम किया.

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मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) ने 24 जुलाई को भारत को टोक्यो ओलंपिक्स (Tokyo Olympics 2020) में पहला पदक दिलाया है. मीराबाई ने 49 किग्रा वर्ग में दूसरा स्थान हासिल किया. दुनिया में तीसरे स्थान की वेटलिफ्टर मीराबाई ने स्नैच में 87 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 115 किग्रा के साथ कुल 202 किग्रा भार उठाया.

चीन के होउ झिहुई ने 210 किग्रा का नया ओलंपिक रिकॉर्ड स्थापित करते हुए गोल्ड मेडल जीता. उन्होंने क्लीन एंड जर्क में 94 किग्रा और 116 किग्रा के साथ स्नैच में भी रिकॉर्ड बनाया. इंडोनेशिया की विंडी केंटिका आयशा ने कुल 194 किलोग्राम भार उठाकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया.

Tokyo Olympics 2020: इस इवेंट में गोल्ड मेडल चीन की जीहोई होउ ने अपने नाम किया.

लेफ्ट से: भारत की Mirabai Chanu, चीन की Hou Zhihui और इंडोनेशिया की Windy Cantika

(फोटो: PTI)

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'गोल्ड जीतने की कोशिश की लेकिन...' - मीराबाई चानू

"पूरा देश मुझे देख रहा था और सभी की मुझसे उम्मीदें थीं. मैं थोड़ी नर्वस थी, लेकिन अपना बेस्ट देने के लिए तैयार थी. मैंने इसके लिए काफी मेहनत की है."
वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल जीतने के बाद मीराबाई चानू

ओलंपिक्स में सिल्वर मेडल जीतने पर चानू ने कहा कि उन्होंने गोल्ड मेडल जीतने की पूरी कोशिश की, लेकिन जीत नहीं पाईं. उन्होंने कहा, "दूसरी लिफ्ट के बाद, मुझे मालूम चल गया था कि मैं अपने साथ एक मेडल लेकर आउंगी."

मीराबाई वेटलिफ्टिंग में पदक जीतने वाली भारत की दूसरी महिला हैं. इससे पहले 2000 के सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता था.

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने दी जीत की बधाई

मीराबाई चानू के सिल्वर मेडल जीतने के बाद उन्हें बधाइयों का तांता लग गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चानू को जीत की बधाई दी.

चानू की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "टोक्यो ओलंपिक्स की इससे बेहतर शुरुआत के लिए नहीं कह सकता था. भारत उनके प्रदर्शन से उत्साहित है. उनकी जीत हर भारतीय को प्रेरित करती है."

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लकड़ी के गट्ठर उठाने से लेकर अंतराष्ट्रीय पोडियम तक पहुंचने का सफर

8 अगस्त 1994 को मणिपुर के नोंगपोक कक्चिंग गांव में मीराबाई का जन्म हुआ था. मीराबाई बताती हैं कि, "हम 6 भाई बहन हैं तो उन सब को देखने में घरवालों को बहुत ज्यादा दिक्कत होती थी." बचपन में जब मीराबाई अपने बड़े भाई के साथ रोज चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी बटोरने जंगल जाती थी. तो उनसे ज्यादा बड़े लकड़ी के गठे खुद उठा लिया करती थीं. बचपन को याद करते हुए मीराबाई ने बताया था,

"जो हम लड़की इकठ्ठा करते थे, तो वो लकड़ियां एक साथ लोग नहीं उठा पाते थे, तब मैं उठा के लेके आती थी तो सब गांव के लोग बोलते थी कि आप बहुत स्ट्रांग हो, आपको कुछ करना चाहिए."

2012 में एक धमाकेदार शुरुआत करते हुए मीराबाई ने एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में ब्रॉज जीता इसके बाद 2013 जूनियर नेशनल वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में गोल्ड और 2014 कामनवेल्थ गेम्स में सिल्वर जीत कर पूरी दुनिया को अपने बाजुओं का जोर दिखा दिया. लेकिन 2016 के रिओ ओलंपिक्स में वो क्लीन एंड जर्क सेक्शन में बुरी तरह चूक गयीं. फिर 2018 कामनवेल्थ गेम्स में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता और रिकॉर्ड भी बनाया.

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