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Neeraj Chopra:सिल्वर जीत रचा इतिहास,कहा-हवा से दिक्कत हुई-गोल्ड की भूख बनी रहेगी

Neeraj Chopra से पूछा गया कि गोल्ड जीतने वाले एंडरसन पीटर्स ने ऐसा क्या किया कि थ्रो लगा सके?

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World Athletics Championships में नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने सिल्वर जीतकर इतिहास रच दिया है. नीरज ने 88.13 मीटर दूर भाला फेंका. उनका मुकाबला एंडरसन पीटर्स (Anderson Peters) से था, जिन्होंने 90.54 मीटर दूर भाला फेंक गोल्ड जीत लिया. ऐसे में सवाल कि आज नीरज चोपड़ा के सामने कौन सी चुनौती थी, जिसकी वजह से गोल्ड से चूक गए. उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में इस बात का जिक्र किया.

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"हवा की वजह से काफी दिक्कत हुई"

नीरज चोपड़ा ने बताया कि आज की स्थिति थोड़ी अलग थी. थोड़ी हवा थी, जिसकी वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

जब चौथे नंबर पर थे तो क्या दबाव में थे? इस सवाल के जवाब में नीरज चोपड़ा ने कहा-

कंपटीशन काफी टफ था. काफी अच्छे एथलीट थे. सभी काफी एवरेज में थ्रो लगा रहे थे. लेकिन भरोसा था कि मैं भी कर लूंगा. आज जो हवा थी वह मेरे लिए चैलेंजिंग थी. हवा सामने से आ रही थी. आज के मैच से बहुत कुछ सीखा है.
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"हर बार गोल्ड नहीं आ सकता है"

एंडरसन पीटर्स के थ्रो से जुड़े सवाल पर नीरज ने कहा, पीटर्स ने काफी अच्छा थ्रो किया. मेरे लिए कंडीशन थोड़ी अलग थी. लेकिन सिल्वर के लिए जो थ्रो लगाया उससे मैं संतुष्ट हूं. सबको गोल्ड की उम्मीद थी, आप ने सिल्वर जीता. ज्यादा हंगर रहे इसके लिए आगे क्या करेंगे?

इस सवाल पर नीरज चोपड़ा ने कहा, हंगर रहेगी. वह रहना जरूरी है. लेकिन हर बार गोल्ड नहीं आ सकता. कई बार ऐसा भी होता है कि मेडल भी न आए. तो ये अप-डाउन चलता है. ऐसे में हमें हमारी ट्रेनिंग करते रहना चाहिए. वो मैं करता रहूंगा वो मैं नहीं छोड़ूंगा. कोशिश करूंगा कि इससे अच्छा रिजल्ट लेकर आऊं.

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हवा में एंडरसन पीटर्स ने कैसे थ्रो किया?

आज हवा की वजह से कैसे कंडीशन हर बार से अलग थी और एंडरसन क्या कर रहे थे कि वह आसानी से थ्रो लगा पा रहे थे? इस सवाल के जवाब में नीरज ने कहा, ऐसा देखने से लग रहा होता है, लेकिन हवा में थ्रो आसानी से नहीं लगता. लेकिन उन्होंने इसे कैसे मैनेज किया इसका जवाब वही ( एंडरसन पीटर्स) दे सकते हैं. हर एथलीट का दिन होता है. आज पीटर्स का दिन था. ओलंपिक की बात करें तो पीटर्स उसमें नहीं पहुंच पाए थे. वह उनके लिए चैलेंजिंग था. तो हर कंपटीशन हर एथलीट के लिए अलग होता है. हर एथलीट की बॉडी भी अलग होती है. हर किसी को किसी से कंपेयर नहीं करना चाहिए. आज की कंडीशन से काफी कुछ सीखने को मिला है.

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