टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में अबतक कई खिलाड़ियों ने पदकों पर कब्जा जमा लिया है. उन्हीं में दो नाम ऐसे हैं जिन्होंने इस बार अभी तक सबसे कम और ज्यादा उम्र में पदक अपने नाम किया है. ये खिलाड़ी हैं जापान की 13 वर्षीय मोमिजी निशिया (Momiji Nishiya) और कुवैत के 57 वर्षीय अब्दुल्ला अल-राशिदी (Abdullah Al-Rashidi). मोमिजी ने स्केटबोर्ड स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता है तो अब्दुला ने शूटिंग इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया. आइए जानते हैं ओलंपिक के ऐसे ही सबसे युवा और उम्रदराज प्लेयर्स के बारे में...
इस बार कौन ये हैं सबसे युवा और उम्रदराज
हेंड जाज़ा (Hend Zaza) 12 वर्ष :
सीरियाई खिलाड़ी हेंड जाज़ा महज 12 वर्ष की उम्र में ओलंपिक का हिस्सा बन रही हैं. टोक्यो ओलंपिक में शामिल होने वाले सभी खिलाड़ियों में उनकी उम्र सबसे कम है. हेंड टेबल टेनिस प्रतियोगिता में अपने देश का प्रतिनिधिनत्व कर रही हैं. 1968 ओलंपिक के बाद हेंड ओलंपिक में शामिल होने वाली सबसे युवा खिलाड़ी है. इनसे पहले 1968 में विंटर ओलंपिक के दौरान स्केटर बीट्राइस हस्टियू ने 11 वर्ष की उम्र में ओलंपिक में हिस्सा लिया था.
हालांकि हेंड जाज़ा पहले ही मैच में 39 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ल्यू जिया से हारकर बाहर हो गईं. ल्यू का ये छठवां ओलंपिक है. जब जाज़ा पैदा भी नहीं हुईं थीं तब ल्यू तीसरा ओलंपिक खेल चुकी थीं. इन सबके इतर हेंड का मानना है कि वे अपने सपनों को जीत रही हैं.
कोकोना हिराकी (Kokona Hiraki) 12 वर्ष
जापान की 12 वर्षीय कोकोना हिराकी इस बार दूसरी सबसे युवा एथलीट हैं. हिराकी स्केटबोर्ड इवेंट का हिस्सा हैं. हिराकी समर ओलंपिक में जापान की ओर से सबसे कम उम्र में खेलने वाली एथलीट हैं.
स्काई ब्राउन (Sky Brown) 13 वर्ष
स्केटबोर्ड इवेंट में ही ब्रिटेन की ओर से स्काई ब्राउन टोक्यो में शामिल हुईं. ब्राउन समर ओलंपिक में ब्रिटेन की ओर से खेलने वाली सबसे कम उम्र की प्लेयर हैं.
मोमिजी ने 13 वर्ष की उम्र में गोल्ड जीतकर रचा इतिहास
जापान की मोमिजी निशिया ने वूमेंस स्ट्रीट स्केटबोर्डिंग इवेंट में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. अब तक इस ओलंपिक में वे स्वर्ण पदक जीतने वाली सबसे युवा एथलीट हैं.
13 साल 330 दिन की उम्र में गोल्ड मेडल जीतने वाली निशिया जापान की सबसे युवा गोल्ड मेडलिस्ट हैं.
टोक्यो ओलंपिक में पहली बार स्केटबोर्ड इवेंट को शामिल किया गया है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस इवेंट में ही सबसे ज्यादा यंग प्लेयर हैं. जहां 13 वर्षीय निशिया ने गोल्ड जीता वहीं सिल्वर मेडल हासिल करने वाली ब्राजील खिलाड़ी रेयस्सा लील की उम्र भी 13 साल है, इसके अलावा ब्रॉन्ज मेडल हासिल करने वाली जापानी खिलाड़ी फुना की उम्र 16 वर्ष है.
ओलंपिक इतिहास में सबसे कम उम्र में गोल्ड मेडल जीतने का रिकॉर्ड अमेरिकी तैराक मारजोरी गेस्ट्रिंग (Marjorie Gestring) के नाम है. इस एथलीट ने 13 साल 268 दिन की उम्र में 1936 बर्लिन ओलंपिक के दौरान 3 मीटर स्प्रिंगबोर्ड इवेंट में गोल्ड जीता था.
पुरुष श्रेणी की बात करें तो जापान के तैराक कुसुओ कितामूरा (Kusuo Kitamura) ने 14 वर्ष 309 दिन की उम्र में 1932 ओलंपिक्स के दौरान 1500 मीटर फ्रीस्टाइल इवेंट में गोल्ड जीता था.
डेनमार्क की इंगे सोरेंसेन (Inge Sorensen) व्यक्तिगत स्पर्धा में मेडल जीतने वाली सबसे युवा एथलीट हैं. इन्होंने 1936 बर्लिन ओलंपिक में 200 मीटर ब्रेस्टस्टोक इवेंट में ब्रॉन्ज जीता था. तब इनकी उम्र 12 साल 24 दिनों की थी.
टीम इवेंट में ग्रीक जिमनास्ट दिमित्रोस लाउंड्रास (Dimitrios Loundras) सबसे कम उम्र के मेल एथलीट हैं. इन्होंने 1896 ओलंपिक में 10 वर्ष 218 दिन की उम्र में पैररल बार्स टीम इवेंट में ब्रॉन्ज जीता था.
वहीं टीम इवेंट में सबसे कम उम्र में पदक जीतने वाली फीमेल एथलीट इटली की लुईगीना गियावोटी (Luigina Giavotti) हैं, जिन्होंने 1928 ओलंपिक्स के दौरान वूमेन जिमनास्टिक टीम के साथ सिल्वर मेडल जीता था.
टोक्यो ओलंपिक में यंगेस्ट Vs ओडेस्ट में है 54 वर्ष का अंतर
मैरी हन्ना (Mary Hanna) 66 वर्ष
ऑस्ट्रेलियाई महिला घुड़सवार मैरी हन्ना टोक्यो में हिस्सा लेने वाली सबसे उम्रदराज खिलाड़ी हैं. ये 6 बार अपने देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. अगर हम टोक्यो ओलंपिक के सबसे यंग एथलीट हेंड जाज़ा 12 वर्ष और सबसे ओल्ड एथलीट मैरी हन्ना 66 वर्ष के बीच के अंतर को देखेंगे तो पाएंगे कि यह गैप 54 वर्ष का है. टोक्यो में मैरी ओलंपिक इतिहास में दूसरी सबसे उम्रदराज महिला एथलीट बनने का रिकॉर्ड स्थापित कर रही हैं.
मैरी महज 4 साल की उम्र से ही घुड़सवारी कर रही हैं. उन्होंने पिता के फार्म से घुड़सवारी की शुरुआत की थी. ओलंपिक में वे अब तक कोई मेडल नहीं जीत पाई हैं. 2016 रियो ओलंपिक में वे नौवें स्थान पर रहने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम का हिस्सा थीं.
एंड्रू हॉय (Andrew HOY) 62 वर्ष
ऑस्ट्रेलिया के एंड्रू हॉय टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले दूसरे सबसे उम्रदराज प्लेयर हैं. 62 वर्षीय एंड्रू ऑस्ट्रेलिया की ओर से खेलने वाले सबसे उम्रदराज पुरुष खिलाड़ी हैं. ये भी घुड़सवारी इवेंट में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. एंड्रू 1984 लॉस एंजेलिस ओलंपिक से हिस्सा लेते आ रहे हैं.
2008 और 2016 के ओलंपिक खेलों के लिए एंड्रू को ऑस्ट्रेलियाई दल में नहीं चुना गया था. अगर हॉय को इन खेलों के लिए चुना गया होता, तो वह टोक्यो खेलों में सर्वकालिक रिकॉर्ड की बराबरी कर लेते. क्योंकि ओलंपिक खेलों में सर्वाधिक 10 बार हिस्सा लेने का रिकॉर्ड कनाडा के इयान मिलर के नाम है. उन्होंने 1972 से 2012 तक ओलंपिक गेम्स में हिस्सा लिया था.
57 वर्षीय अब्दुल्ला ने टोक्यो में भी जीता मेडल, इस बार था अपने देश का झंड़ा
टोक्यो ओलंपिक में अब तक पदक विजेताओं में सबसे ज्यादा उम्र कुवैत के निशानेबाज अब्दुल्ला अल-रशीदी है. 57 वर्षीय अब्दुल्ला ने स्कीट स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है. टोक्यो ओलिंपिक में उनके बेटे तलाल भी शूटिंग में हिस्सा लेने आए हैं. उनका बेटा ट्रैप इवेंट में है.
पदक जीतने के बाद अब्दुल्ला ने कहा कि मैं लगभग 58 साल का हूं. बूढ़ा निशानेबाज हूं और यह कांस्य मेरे लिये सोने से कम नहीं. मैं इस पदक से बहुत खुश हूं, लेकिन उम्मीद है कि अगले ओलंपिक पेरिस 2024 में स्वर्ण पदक जीतूंगा. मैं उस समय 61 साल का हो जाऊंगा और स्कीट के साथ ट्रैप में भी उतरूंगा.
अब्दुल्ला ने 2016 रियो ओलिंपिक में भी कांस्य पदक जीता था, लेकिन उस समय स्वतंत्र खिलाड़ी के तौर पर उतरे थे. क्योंकि उस समय कुवैत पर अंतर्राष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (IOC) ने प्रतिबंध लगा रखा था.
कुवैत के लिये खेलते हुए पदक जीतने के बारे में उन्होंने कहा है कि 2016 में पदक से मैं खुश था, लेकिन तब कुवैत का ध्वज नहीं होने से दुखी था. लेकिन यहां मैं खुश हूं, क्योंकि मेरे देश का झंडा यहां है.
अब एक नजर ओलंपिक इतिहास के सबसे उम्रदराज खिलाड़ी पर
ऑस्कर स्वान (Oscar Swahn) 72 वर्ष
स्वीडन के निशानेबाज ऑस्कर ने 1920 एंटवर्प ओलंपिक्स (Antwerp Olympics) के दौरान 72 वर्ष 279 दिन की उम्र में गोल्ड मेडल हासिल किया था.
वहीं महिला वर्ग की बात करें तो यह रिकॉर्ड अमेरिकी एथलीट एलिजा पोलाक (Eliza Pollock) के नाम है. इन्होंने 1904 के ओलंपिक्स में 63 साल 331 दिन की उम्र में निशानेबाजी (archery) इवेंट में गोल्ड मेडल जीता था.
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