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Tokyo Olympics में दोस्ती की 'हाई जंप', एक ही इवेंट का गोल्ड मेडल 2 दोस्तों को

Tokyo Olympics : जब मुताज ने अधिकारियों से कहा-क्या हम दोनों को गोल्ड मेडल मिल सकता है?

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टोक्यो ओलंपिक्स (Tokyo Olympics) में जब पोडियम पर हाई जंप फाइनल जीतने वाले एथलीट इटली के गियानमार्को टम्बेरी (Gianmarco Tamberi) और कतर के मुताज एशा बरशीम (Mutaz Essa Barshim) ने एक-दूसरे को गोल्ड मेडल पहनाया तब दिमाग में "तेरे जैसा यार कहां... कहां ऐसा याराना..." या फिर "ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे... तेरी जीत मेरी जीत..." जैसे गानों की लाइने गूंजने लगीं. ये पल बहुत ही भावुक था, क्योंकि यहां खेल की भी जीत हुई और दोस्ती की भी. आइए इस ऐतिहासिक पल की घटना को विस्तार से जानते हैं...

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कैसे और कहां हुई जीत

टोक्यो ओलंपिक 2020 में पुरुषों की हाई जंप यानी ऊंची कूद स्पर्धा के फाइनल के में इटली के 29 वर्षीय गियानमार्को टम्बेरी और कतर के 30 वर्षीय मुताज एशा बरशीम ने 2.37 मीटर (लगभग 7 फीट 9 इंच) की छलांग लगाई. दोनों एथलीट्स को एक-दूसरे पर बढ़त बनाने के लिए 2.39 मीटर की छलांग पूरी करनी थी, लेकिन तीन प्रयासों के बाद भी कोई भी एथलीट निर्धारित ऊंचाई तक पहुंच नहीं सका.

जब दोनों ही खिलाड़ी निर्धारित ऊंचाई पर नहीं पहुंचे तब उन्हें मैच अधिकारियों ने अपने पास बुलाया और कहा कि वे विजेता का निर्धारण होने तक अपनी-अपनी कूद जारी रख सकते हैं. लेकिन बरशीम उनकी बात को बीच में ही काटते हुए कहते हैं कि क्या यह संभव है कि हमारे पास दो गोल्ड आ सकते हैं? कुछ देर बार अधिकारियों ने कहा हां, यह संभव है. यह सुनते ही बरशीम तुरंत टम्बेरी के पास जाते हैं और हाथ मिलाकर स्वर्ण पदक साझा करने की बात को पुख्ता कर देते हैं.

इसके बाद टम्बेरी भी मुताज को गले लगा लेते हैं, एक-दूसरे पर कूद पड़ते है, वे चीखते हैं और पूरे मैदान का चक्कर लगाते हैं. ऐ एक ऐतिहासिक पल था जब ओलंपिक हाई जंप में इन दो दोस्तों ने मैच टाई-ब्रेकर में ले जाने के बजाय स्वर्ण पदक साझा करने का विकल्प चुना.

इंजरी से टोक्यो की उम्मीद थी खत्म, अब दोस्त की आंखों में आए आंसू

सीबीएस स्पोर्ट्स के मुताबिक रियो ओलंपिक से पहले टम्बेरी को एंकल इंजरी का सामना करना पड़ा था. एक डॉक्टर ने यह तक कह दिया था कि वे टोक्यो में खेल के लिए तैयार नहीं हो सकते हैं. लेकिन तमाम मुश्किलों को पार करते हुए उन्होंने टोक्यो में जगह भी बनाई और पदक भी जीता.

मैच के बाद टम्बेरी अपने हाथ में प्लास्टर का खोल लेकर नजर आए, जिस पर लिखा था "Road To Tokyo 2020 2021" इसके जरिए टम्बेरी उन लोगों को संदेश देना चाहते थे जिन्हें लग रहा था कि वे टोक्यो में नहीं खेल पाएंगे.

टम्बेरी के कम बैक से हमें प्रेरणा मिलती है कि कभी भी हार नहीं माननी चाहिए. परिस्थितियां चाहे कितनी भी विपरीत क्यों न हों हमें परिणाम की चिंता किए बगैर पूरी ताकत और मेहनत से कर्म यानी अपने काम पर ध्यान देना चाहिए कोई भी काम यदि फोकस के साथ करेंगे तो परिणाम खुद-ब खुद-अच्छे आएंगे.
वहीं जब घोषणा हुई कि टोक्यो ओलंपिक में हाई जंप इवेंट का गोल्ड मेडल संयुक्त रुप से गियानमार्को और मुताज को दिया जाएगा तब 2012 लंदन ओलंपिक और 2016 रियो ओलंपिक में इस इवेंट का ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके कतर के बरशीम फूट-फूट कर रोने लगे.
बरशीम और टेम्बरी दोनों ही बहुत अच्छे दोस्त हैं. इस बारे में खुद बरशीम कहते हैं कि हम दोनों ने एक-दूसरे को देखा और आपस में ही समझ लिया कि आगे मुकाबले की जरूरत नहीं है. वह मेरे करीबी दोस्तों में से एक हैं. हम दोनों पहले भी साथ खेल चुके हैं.
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खराब प्रदर्शन के बाद टम्बेरी ने खुद को कमरे में बंद किया, तब मुताज ने खटखटाया दरवाजा

2016 रियो ओलंपिक्स से पहले टम्बेरी 2.41 मीटर जो उनका खुद का इटैलियन रिकॉर्ड था को तोड़ने के लिए प्रयास कर रहे थे. इसी दौरान उनकी क्रैश लैंडिग हुई. इस घटना में टम्बेरी के जूते फट गए और एंकल में गंभीर चोट आई. ये सब देखने के बाद वे बच्चे की तरह सिसकने लगे. क्योंकि उन्हें यह अंदाजा हो गया था कि वे रियो ओलंपिक से बाहर हो गए हैं. तब उन्हें कई लोगों ने ढांढस बंधाया और पांच लोग स्ट्रेचर की मदद से मैदान के बाहर ले गए.

2017 में चोट से उबरने के बाद टम्बेरी ने टूर्नामेंट में वापसी की, लेकिन उनके लिए प्रतियोगिता कुछ खास नहीं रही. एक टूर्नामेंट में उनका प्रदर्शन इतना खराब रहा कि उन्होंने खुद को कमरे में बंद कर लिया था. तब एक शख्स उनके कमरे का दरवाजा बार-बार पीट रहा था. ये कोई और नहीं बल्कि उनका दोस्त मुताज था.

इस घटना को याद करते हुए टम्बेरी ने 2018 में spikes.worldathletics.org में लिखा था कि "मुताज बार-बार दरवाजा खटखटा रहा था. शुरुआत में मैंने उसे समझाया कि वे मुझे अकेला छोड़ दे. लेकिन वह नहीं माना वह लगातार नॉक करता रहा और साथ ही गिम्बो...गिम्बो चिल्लाता रहा. तब आखिरकार मैंने दरवाजा खोला और उसे अंदर आने दिया. उसके बाद मैं खूब रोया तब उसने मुझे शांत कराने का प्रयास किया और कहा कि जल्दीबाजी मत करो. उसने कहा कि तुम एक फाइटर हो, तुम्हें इतनी बड़ी इंजरी हुई थी बावजूद इसके तुमने पहली ही डायमंड लीग में वापसी की. इसको लेकर किसी को उम्मीद नहीं थी. अब तुमको खराब समय गुजरने का इंतजार करना है. तुम्हें जो कुछ करना है अपने लिए करना है दूसरों के लिए नहीं."

मुताज की बातों का टम्बेरी पर काफी असर हुआ. जो बुडापेस्ट टूर्नामेंट में दिखे. यहां से टम्बेरी में बदलाव आया और वे फिर से जीतने लगे. अब लगभग तीन साल बाद इन दोनों दोस्तों ने इतिहास रच दिया है.

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