एक जाने माने अखबार की पहली लाइन पर गौर कीजिए- पहले उन्होंने वर्ल्ड चैंपियन को चौंकाया और फिर पूरी दुनिया को.
विश्वनाथन आनंद की रैपिड चेस वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीत वाकई कुछ इसी तरह की रही. 48 साल की उम्र में एक ऐसा खिताब जिसमें युवाओं को फायदा मिलता है. एक ऐसे टूर्नामेंट में जीत जिसमें 16 खिलाड़ियों के बीच उनकी वरीयता 12 वीं थी.
यह जीत इसीलिए भी और स्पेशल रही, क्योंकि इस दौरान उन्होंने शतरंज के बेताज बादशाह मैग्नम कार्लसन को ब्लैक पीसेज से खेलकर हराया. यहां जानें जीत के बाद आनंद के सबसे बड़े कंपिटीटर और अपने जमाने के शतरंज के सबसे बड़े खिलाड़ी गैरी कास्पोरोव का क्या रिएक्शन था.
इस जीत के बाद फिर से यह डिबेट होगी कि शतरंज का सबसे बड़ा किंग कौन? भारत के विश्वनाथन आनंद से पहले यह मान लिया गया था कि गैरी कास्पोरोव का कोई जबाव नहीं है. उनकी इलो रेटिंग 2851 तक पहुंच गई थी और माना जाता था कि उतना तो कोई नहीं कर पाएगा. कास्पोरोप की नाक में दम करने वाले आनंद ही थे.
विश्वनाथन आनंद के करियर में कई ताज रहे हैं. तीन साल तो दुनिया के नंबर वन खिलाड़ी रहे. 2817 तक की इलो रेटिंग पाई और पांच बार वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब पाया. इलो रेटिंग से पता चलता है कि शतरंज में किस खिलाड़ी की कितनी महारथ है.
लेकिन हर खेल में एक ऐसा लम्हा आता है, जब लगता है कि चैंपियन लाचार हो गया है. महान टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर के लिए वो लम्हा राफाइल नडाल के आने के बाद हुआ. आनंद, कार्लसन के सामने बिल्कुल लाचार दिखे.
ऐसे में कार्लसन पर आनंद की जीत वाकई स्पेशल रही. और वो भी सिर्फ 34 चाल के बाद और ब्लैक पिसेड के साथ. पढ़िए आनंद का रिएक्शन.
ध्यान रहे कि आनंद ने अपने से कई साल छोटे कार्लसन को रैपिड गेम में हराया. तेजी से चाल चलनी हो तो युवा के लिए एडवांटेज माना जाता है. और ऐसे में आनंद की जीत वाकई काफी स्पेशल रही.
अब शायद आनंद शान से कह पाएंगे कि अपने गेम में उन्होंने सारे मुकाम हासिल कर लिए हैं. और शतरंज के बेताज बादशाह की जब भी लिस्ट बनेगी उनका नाम उसमें जरूर रहेगा.
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