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वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिपः 16 साल का सूखा खत्म कर पाएगा भारत?

भारत के लिए इकलौता मेडल 2003 में अंजू बॉबी जॉर्ज ने जीता था

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वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप. वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप, वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप. अब वक्त है वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप का.

2022 में फुटबॉल वर्ल्ड कप के मेजबानी की तैयारी कर रहे कतर का पहला टेस्ट शुरू होगा शुक्रवार 27 सितंबर से. कतर की राजधानी दोहा में शुक्रवार से वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप की शुरुआत होने जा रही है.

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ओलंपिक तो नहीं, ओलंपिक से कम भी नहीं

वर्ल्ड चैंपियनशिप एथलेटिक्स की दुनिया में वो इवेंट है, जिसे ओलंपिक की तैयारियों के प्लेटफॉर्म के तौर पर देखा जाता है. ये वो मंच है जहां दुनिया के बड़े से बड़े दिग्गज उतरते हैं. बल्कि कई एथलीट यहां प्रदर्शन कर ही महानतम का तमगा हासिल कर पाते हैं.

उसेन बोल्ट, कार्ल लुइस, एलिसन फेलिक्स, मोहम्मद फराह, तिरुनेश दिबाबा...ये ऐसे कुछ नाम हैं, जिन्होंने इस इस चैंपियनशिप के जरिए ही ओलंपिक और एथलेटिक्स की दुनिया में राज किया.

उसेन बोल्ट का 100 मीटर दौड़ में 9.58 सेकंड का रिकॉर्ड आज भी कोई तोड़ नहीं पाया है. वो रिकॉर्ड भी वर्ल्ड चैंपियनशिप (बर्लिन 2009) में ही बना था.

ये बताने के लिए काफी है कि इस चैंपियनशिप के एथलीटों के लिए क्या मायने हैं और इसमें प्रतिस्पर्धा का स्तर कितना ऊंचा है. कुल मिलाकर ये ओलंपिक के बराबर तो नहीं, लेकिन ओलंपिक से कम भी नहीं है.

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भारत का इतिहास

क्रिकेट वर्ल्ड कप से लेकर वर्ल्ड रेसलिंग और बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत ने पिछले कुछ सालों में अपना रिकॉर्ड सुधारा है. लेकिन सबसे लोकप्रिय खेलों की वर्ल्ड चैंपियनशिप में एथलेटिक्स(और दुर्भाग्य से फुटबॉल भी) ऐसा इवेंट है, जिसमें भारत का इतिहास बेहद खराब रहा है.

लगभग 16 साल पहले 30 अगस्त को फ्रांस के सेंट डेनिस (पेरिस) में भारतीय एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने 6.70 मीटर की छलांग लगाकर महिलाओं की लंबी कूद का ब्रॉन्ज मेडल जीता था. 1983 से 2017 तक हुई सभी वर्ल्ड चैंपियनशिप कुल मिलाकर ये भारत का पहला और इकलौता मेडल है.

ऐसे में भारतीय एथलीटों के सामने इस खराब रिकॉर्ड में कुछ सुधार करने की कड़ी चुनौती है. हालांकि स्थिति इस बार भी बहुत अच्छी नहीं लगती, लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं, जिनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीदें हैं.

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दुती चंद

एथलेटिक्स में भारत की स्थिति और हकीकत के बावजूद कुछ खिलाड़ियों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है. दुती उनमें से पहला नाम है.

भारत के लिए इकलौता मेडल 2003 में अंजू बॉबी जॉर्ज ने जीता था
दुती चंद ने इसी साल 100 मीटर में अपना ही नेशनल रिकॉर्ड सुधारा
(फोटोः pti)

भारत की सबसे तेज महिला रेसर दुती ने इसी साल 100 मीटर दौड़ में 11.26 सेकंड का समय निकालकर नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम किया था. दुती ने ये रिकॉर्ड दोहा में ही हुई एशियन चैंपिनशिप में बनाया था.

हालांकि दुती का ये रिकॉर्ड वर्ल्ड चैंपियनशिप के क्वालिफिकेशन समय 11.24 सेकंड से ज्यादा था. इसके बावजूद एशियन चैंपियनशिप में उनके प्रदर्शन के कारण उन्हें इस टूर्नामेंट के लिए बुलाया गया.

इतना ही नहीं, दुती ने जुलाई में इटली के नापोली में हुई वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स के फाइनल में 11.32 सेकंड का समय निकालकर गोल्ड जीता था. ऐसा करने वाली वो पहली भारतीय एथलीट बनीं.

हालांकि दुती मेडल जीत पाएंगी ये कहना मुश्किल है, लेकिन उम्मीद है कि दुती अपना रिकॉर्ड सुधार कर ओलंपिक के लिए कोटा बुक कर पाएं.

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जिनसन जॉनसन

जिनसन जॉनसन एक ऐसे एथलीट हैं, जिन्होंने पिछले कुछ वक्त में लगातार अपने रिकॉर्ड को सुधारा है. 1500 मीटर दौड़ में जिनसन लगातार अपना ही नेशनल रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं.

एशियन गेम्स 2018 के गोल्ड मेडलिस्ट जिनसन ने सितंबर की शुरुआत में बर्लिन मीट में 1500 मीटर का सिल्वर मेडल जीता था. इस दौरान उन्होंने अपना ही 3.37.62 मिनट के नेशनल रिकॉर्ड में 2 सेकंड का सुधार किया. जिनसन ने ये रेस 3.35.24 मिनट में पूरी की.
भारत के लिए इकलौता मेडल 2003 में अंजू बॉबी जॉर्ज ने जीता था
जिनसन जॉनसन ने न सिर्प अपने ही नेशनल रिकॉर्ड को बेहतर किया बल्कि वर्ल्ड चैंपियनशिप के क्वालीफिकेशन मार्क को भी पार किया
(फोटोः ट्विटर/Jinson Johnson)

इसके साथ ही जिनसन ने वर्ल्ड चैंपियनशिप क्वालिफिकेशन मार्क 3.36.0 मिनट को भी हासिल कर चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया.

जिनसन इस वक्त अच्छी फॉर्म में हैं और उनसे और भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है. जॉनसन इस समय अपने कोच स्कॉट सिमंस के साथ अमेरिका में अभ्यास कर रहे हैं.

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मिक्स्ड रिले और बाकी इवेंट्स

भारतीय उम्मीदों का भार काफी हद तक रिले रेस पर भी टिका हुआ है. खास तौर पर मिक्स्ड टीम रिले, जो इस चैंपियनशिप में पहली बार शामिल की गई है. भारत की उम्मीदें 4x400 मीटर की पुरुष और मिक्स्ड टीमों पर जमी हुई हैं.

एशियन गेम्स में भारत ने 4x400 मीटर रिले के मिक्स्ड और महिला इवेंट में गोल्ड जीता था, जबकि इसी इवेंट में पुरुषों की रेस में भारत को सिल्वर मिला था.
भारत के लिए इकलौता मेडल 2003 में अंजू बॉबी जॉर्ज ने जीता था
एशियन गेम्स में मिक्स्ड रिले का गोल्ड जीतने वाली टीम में इस बार हिमा दास नहीं होंगी
(फोटोः PTI)

रिले टीम को मजबूती देने के लिए मोहम्मद अनस को उनके मुख्य इवेंट 400 मीटर में नहीं उतारने का फैसला किया गया है. अनस ने 400 मीटर का क्वालिफिकेशन मार्क हासिल किया था. हालांकि रिले टीम का अहम हिस्सा हिमा दास चोट के कारण चैंपियनशिप में नहीं उतर रहीं.

वहीं शॉट पुट में एशियन गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट तजिंदर पाल सिंह तूर से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीदें रहेंगी. जकार्ता में पिछले साल 20.75 मीटर की दूरी हासिल करने वाले तूर का इस साल सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 20.22 मीटर ही रहा है. इसके बावजूद उनसे अपने ही इस नेशनल रिकॉर्ड में सुधार की उम्मीद है.

लंबी कूद एम श्रीशंकर चोट के बाद अपना शानदार प्रदर्शन करना चाहेंगे. उन्होंने पिछले साल भुवनेश्वर में हुए राष्ट्रीय ओपन चैम्पियनशिप में 8.11 और 8.20 मीटर की छलांग के साथ राष्ट्रीय रिकार्ड कायम किया था.

श्रीशंकर ने पिछले महीने ही पांचवीं इंडियन ग्रां प्री में आठ मीटर की लंबी छलांग लगाकर सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था.

इनके अलावा भालाफेंक (जैवलिन थ्रो) खिलाड़ी नीरज के होने से शिवापाल सिंह पर भार आ गया है. नीरज की जगह वह टीम की जिम्मेदारी संभालेंगे. महिलाओं में भालाफेंक में अन्नू रानी को चुना गया है.

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हिमा और नीरज नहीं हो रहे शामिल

भारत को हालांकि हिमा दास और नीरज चोपड़ा के बाहर जाने से पदक की उम्मीदों को झटका लगा है. हिमा और नीरज दोनों चोट के कारण वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.

जैवलिन थ्रो में एशियन और कॉमनवेल्थ के गोल्ड मेडलिस्ट और अगले साल टोक्यो ओलंपिक के लिए भारत की बड़ी उम्मीद माने जा रहे नीरज चोपड़ा ने इसी साल अपनी कोहनी की सर्जरी कराई थी और फिलहाल वो इससे उबर रहे हैं.

नीरज ने एशियन गेम्स में 88 मीटर के पार भाला फेंक कर नेशनल रिकॉर्ड बनाया था. ऐसे में उनके न होने से भारत की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है.
भारत के लिए इकलौता मेडल 2003 में अंजू बॉबी जॉर्ज ने जीता था
एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स का गोल्ड मेडल जीतने वाली नीरज चोपड़ा चोट के कारण बाहर हैं
(फोटोः AP)

वहीं इस साल अलग-अलग इवेंट्स में गोल्ड जीतने वाली हिमा भी पीठ में चोट के कारण शामिल नहीं हो पा रही हैं.

हालांकि हिमा अपने मुख्य इवेंट 400 मीटर के लिए क्वालीफाई भी नहीं कर पाई थी, लेकिन एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने 4x400 मीटर महिला और मिक्स्ड रिले टीम में जगह दी गई थी.

इनके अलावा ऊंची कूद खिलाड़ी तेजस्विन शंकर ने भी चैंपियनशिप में हिस्सा लेने में असमर्थता जताई है. भारत के लिए यह भी एक नुकसान है.

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वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए भारतीय दल

पुरुष : जाबिर एमपी (400 मीटर बाधा दौड़), जिनसन जॉनसन (1500 मीटर), अविनाश सेबल (3000 मीटर स्टीपलचेज), के.टी इरफान और देवेंद्र सिंह (20 किमी पैदल चाल), टी. गोपी (मैराथन), एम. श्रीशंकर (लंबी कूद), तजिंदरपाल सिंह तूर (शॉट पुट), शिवपाल सिंह (भाला फेंक), मोहम्मद अनस, निर्मल नोआह टॉम, एलेक्स एंटनी, अमोज जैकब, केएस जीवन, धारुन अय्यास्वामी और हर्ष कुमार (चार 400 मीटर पुरुष और मिक्स्ड रिले टीम).

महिला : दुती चंद (100 मीटर), अर्तना सुसीनतरण (200 मीटर), अंजलि देवी (400 मीटर), पी यू चित्रा (1500 मीटर), अन्नू रानी (भाला फेंक), विस्मया वीके, पूवम्मा एमआर, जिस्ना मैथ्यू, रेवती वी, शुभा वेंकटेशन, विथ्या आर (चार गुणा 400 मीटर महिला और मिक्स्ड रिले).

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