भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ यौन शोषण मामले में दिल्ली पुलिस ने गुरुवार, 15 जून को राउज एवेन्यू कोर्ट में 1000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है. नाबालिग के मामले में दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल कर POCSO केस हटाने की सिफारिश की है. बता दें कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ देश की 7 महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया था. FIR दर्ज होने के 48 दिन बाद चार्जशीट दाखिल की गई है. चलिए आपको बताते हैं कि अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ?
बृजभूषण सिंह केस में अब तक क्या-क्या हुआ?
18 जनवरी 2023: इस पूरे मामले की शुरुआत हुई. देश की टॉप रेसर्ल्स विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचकर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आवाज उठाई और यौन शोषण सहित कई गंभीर आरोप लगाए.
तब विनेश फोगाट ने कहा था कि "बृजभूषण सिंह और कोच, नेशनल कैंप में महिला रेसलर्स का यौन उत्पीड़न करते हैं."
इन आरोपों को खारिज करते हुए तब बृजभूषण सिंह ने कहा था कि "किसी भी एथलीट का यौन शोषण नहीं हुआ है और अगर यह सच साबित होता है तो वे फांसी पर लटकने को तैयार हैं."
खेल मंत्रालय ने बृजभूषण को 72 घंटे में आरोपों पर जवाब देने के लिए कहा.
19 जनवरी: बीजेपी नेता बबीता फोगाट ने पहलवानों से मुलाकात की. उसी रात खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी पहलवानों से अपने घर पर मुलाकात की.
20 जनवरी: पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए भारतीय ओलंपिक संघ से शिकायत की. पहलवानों ने शिकायत पत्र की कॉपी सोशल मीडिया पर भी शेयर की थी.
20 जनवरी: भारतीय ओलंपिक संघ ने कार्यकारी परिषद की आपातकालीन बैठक बुलाई. ओलंपिक संघ ने मामले की जांच के लिए 7 सदस्यीय कमेटी का गठन किया. सात सदस्यीय समिति में मुक्केबाज एम.सी. मैरी कॉम, पहलवान योगेश्वर दत्त, तीरंदाज डोला बनर्जी, भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (IWLF) के अध्यक्ष सहदेव यादव, अलकनंदा अशोक और दो अधिवक्ता शामिल थे.
20 जनवरी: कुश्ती संघ ने खेल मंत्रालय को 8 पन्नों का जवाब सौंपा. जिसमें यौन उत्पीड़न के आरोपों को खारिज किया गया.
20 जनवरी: पहलवानों ने दोबारा खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की. 5 घंटे से ज्यादा समय तक चली मुलाकात के बाद पहलवानों ने जांच रिपोर्ट आने तक धरना खत्म करने का ऐलान किया.
अनुराग ठाकुर, विनेश फोगट और साक्षी मलिक के साथ बैठे बजरंग पूनिया ने कहा, "खेल मंत्री से आश्वासन मिलने के बाद, हमने धरना खत्म करने का फैसला किया है."
20 जनवरी को खेल मंत्री ने कहा, "पहलवानों द्वारा रखी गई मांगों का ध्यान रखा जाएगा. हम जांच के लिए एक निरीक्षण समिति (ओवरसाइट कमेटी) का गठन करेंगे और यह महासंघ के दैनिक मामलों को भी देखेगी और WFI अध्यक्ष जांच चलने तक अपने पद पर नहीं रहेंगे. वह भी जांच में सहयोग करेंगे."
इसके बाद बृज भूषण को रविवार, 22 जनवरी को होने वाली WFI की एजीएम को भी रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
23 जनवरी को आरोपों की जांच के लिए पांच सदस्यीय निगरानी समिति (ओवरसाइट कमेटी) बनाई गई. दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम को इस समिति का अध्यक्ष चुना गया था.
31 जनवरी को पहलवान और बीजेपी नेता बबीता फोगाट को भी इस समिति का हिस्सा बनाया गया.
23 फरवरी को एमसी मैरीकॉम की अगुवाई वाली निगरानी समिति को जांच के लिए 2 और हफ्तों का समय दिया गया.
धरना प्रदर्शन का दूसरा चरण
21 अप्रैल: महिला पहलवानों ने दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में बृजभूषण सिंह के खिलाफ शिकायत की, लेकिन पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की.
23 अप्रैल: पहलवानों ने फिर दिल्ली के जंतर मंतर का रुख किया. विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के नेतृत्व में पहलवान एक बार फिर धरने पर बैठ गए. पहलवानों ने अपनी मांगों को दोहराते हुए बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. इस दौरान साक्षी मलिक ने कहा था कि...
"हमने सीपी पुलिस स्टेशन में शिकायत की. दो दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है. सात महिलाओं ने शिकायत की, जिसमें एक नाबालिग भी शामिल है. यह पोस्को का मामला बनता है, लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं किया गया है."
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि "समिति को हमें बताना चाहिए कि उनका क्या निर्णय है. यह अभी तक नहीं हुआ है. कम से कम, यह बताना चाहिए कि हम गलत हैं या फिर कौन गलत है."
24 अप्रैल: बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करते हुए पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.
24 अप्रैल: खेल मंत्रालय ओवरसाइट कमेटी के निष्कर्षों के मामले में चुप रहा, उसने भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) से नए चुनाव कराने और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के मामलों के प्रबंधन के लिए एक एडहॉक कमेटी गठित करने का अनुरोध किया. मंत्रालय ने 7 मई को होने वाले WFI के चुनावों को अमान्य घोषित कर दिया.
25 अप्रैल: सुप्रीम कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को "गंभीर" बताया और मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया. पहलवानों की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और नरेंद्र हुड्डा ने पैरवी की.
27 अप्रैल: भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने WFI के दैनिक कामकाज को देखने के लिए दो सदस्यीय एडहॉक कमेटी का गठन किया. इस कमेटी में IOA कार्यकारी परिषद के सदस्य भूपेंद्र सिंह बाजवा और एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता निशानेबाज सुमा शिरूर शामिल थीं.
28 अप्रैल: दिल्ली पुलिस ने आखिरकार बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो FIR दर्ज की, जिसमें से एक FIR पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुई.
3 मई: पीटी उषा प्रदर्शनकारी पहलवानों से मिलने के लिए जंतर-मंतर गईं.
3 मई: देर रात पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच झड़प हुई. प्रदर्शनकारी पहलवानों ने आरोप लगाया कि नशे में धुत पुलिस अधिकारियों ने महिला पहलवानों के साथ बदसलूकी की. इस दौरान कुछ पहलवानों को चोटें भी आईं और कुछ को हिरासत में भी लिया गया.
7 मई: पहलवानों ने जंतर मंतर पर कैंडल मार्च किया.
8 मई: पहलवानों के समर्थन में पंजाब और हरियाणा के किसान जंतर-मंतर पहुंचे. इस दौरान किसानों ने पुलिस की बैरिकेड भी तोड़ दी.
11 मई- पहलवानों ने सिर पर काली पट्टियां बांधकर ब्लैक डे मनाया. नाबालिग महिला पहलवान ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज करवाया.
21 मई- हरियाणा के रोहतक में पहलवानों के समर्थन में खाप पंचायत हुई. पंचायत में बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने और नार्को टेस्ट करवाने की मांग की गई.
22 मई- बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि वे अपना नार्को, पॉलीग्राफ और लाइ डिटेक्टर टेस्ट करवाने के लिए तैयार हैं, लेकिन शर्त है कि उनके साथ विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का भी ये टेस्ट होना चाहिए.
28 मई: पहलवानों ने जंतर मंतर से नई संसद तक मार्च निकाला था. इसी दिन पीएम मोदी नई संसद का उद्घाटन कर रहे थे. ऐसे में पुलिस ने मार्च की अनुमति नहीं थी. इसके बावजूद जब पहलवानों ने मार्च निकालने की कोशिश की थी, तो पुलिस के साथ हाथापाई और धक्का मुक्की हुई थी. इसके बाद पुलिस ने 28 मई को पहलवानों को धरना स्थल से हटा दिया था. इसके साथ ही पुलिस ने बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट पर मामला भी दर्ज किया था.
30 मई: पहलवान अपने मेडल गंगा में बहाने के लिए हरिद्वार पहुंचे. लेकिन भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बालियान खाप के प्रधान नरेश टिकैत की अपील के बाद उन्होंने इसे टाल दिया.
1 जून: पहलवानों के मुद्दे पर मुजफ्फरनगर के सोरम गांव में खाप पंचायत हुई.
2 जून: कुरुक्षेत्र में खाप पंचायत संपन्न होने के बाद किसान नेता राकैश टिकैत ने कहा कि "सरकार को 9 जून तक का अल्टीमेटम दिया गया है कि वह बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करे. अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो महिला पहलवानों और खिलाड़ियों के साथ जंतर-मंतर पर बड़ा धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा."
3 जून: पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से देर रात उनके आवास पर मुलाकात की और बृजभूषण सिंह के खिलाफ मजबूत चार्जशीट की मांग की.
7 जून: पहलवान बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की. करीब 6 घंटे चली बैठक के बाद बाहर आईं साक्षी मलिक ने कहा, "15 जून तक पुलिस जांच पूरी होने तक सरकार ने समय मांगा है. तब तक हम विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे."
9 जून: दिल्ली पुलिस क्राइम सीन रिक्रिएट करने के लिए महिला पहलवान को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ के दफ्तर पहुंची.
9 जून: बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने बृजभूषण सिंह पर पहलवानों को परेशान करने का आरोप लगाया.
13 जून: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गई है. छह जुलाई को यह चुनाव होना है.
15 जून: बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन शोषण केस में दिल्ली पुलिस ने राउज एवेन्यू कोर्ट में करीब 1000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है. आरोपियों में असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर का नाम भी है. वहीं, नाबालिग के मामले में दिल्ली पुलिस ने कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल कर POCSO केस हटाने की सिफारिश की है. अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी.
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