एक महीने से ज्यादा समय से दिल्ली के जंतर-मंतर पर चल रहे पहलवानों के प्रदर्शन (Wrestlers Protest) को दिल्ली पुलिस ने साफ कर दिया. सारे गद्दे, तंबू, कूलर, कुर्सियां पुलिस अपने साथ ले गई. इन सब के साथ पहलवानों और पुलिस के बीच जबरदस्त संघर्ष भी देखने को मिला.
पहलवानों ने अपनी मांगों को लेकर आज प्रदर्शन स्थल से नए संसद भवन तक मार्च करने और महिला महापंचायत की योजना बनाई थी. दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए प्रदर्शन स्थल से ही बलपूर्वक हिरासत में ले लिया. पहलवानों के साथ कई और लोगों को हिरासत में लिया गया, इसमें एक प्रदर्शनकारी गोपाल तिवारी से क्विंट हिंदी ने बात की.
गोपाल तिवारी को पुलिस अन्य प्रदर्शनकारियों के साथ बवाना थाने में लेकर गई. उन्होंने बताया कि उन्हें हिरासत में लेकर बवाना थाने में रखा है, कुछ लोगों को कालकाजी और मयूर विहार थाने में भी रखा गया है.
अब पहलवानों का प्रदर्शन स्थल लगभग साफ हो चुका है. पुलिस ने वहां से तमाम चीजें हटा दी हैं. ऐसे में पहलवनों की आगे की रणनीति क्या होगी, इसपर गोपाल ने कहा कि "यहां से निकलने के बाद हम एक जगह इकट्ठा होंगे और आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे."
'धरना स्थल खाली कराने की क्या जरूरत थी'
गोपाल तिवारी प्रदर्शन के पहले दिन से जंतर-मंतर पर पहलवानों के साथ मौजूद रहे हैं. उन्होंने कहा कि "हमें पता था कि ये हमें नए संसद भवन तक पहुंचने तो नहीं देंगे, लेकिन हमारा प्रयास था कि हम जहां तक भी जा पाएंगे, चलते रहेंगे. हम चल भी नहीं पाए थे, लेकिन उनके पास पहले से आदेश थे कि हमें गिरफ्तार करना है." उन्होंने आगे कहा,
"मान लीजिए हमें हटाना था तो हमें हटा देते, लेकिन हमारा धरना स्थल खाली करने की क्या जरूरत थी. अगर हम आपके लिए परेशानी थे, तो जब तक कार्यक्रम चलता आप हमें हिरासत में रखते, लेकिन इसकी आड़ में प्रदर्शन खत्म करने की क्या जरूरत थी"गोपाल तिवारी, प्रदर्शनकारी
दरअसल, पीएम मोदी ने रविवार को ही देश के नए संसद भवन की इमारत का उद्घाटन किया. पहलवान इस कार्यक्रम के दौरान महापंचायत कर पीएम तक अपनी बात पहुंचाना चाहते थे.
ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया लंबे समय से कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. उन्होंने बृजभूषण के खिलाफ यौन-शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं और उनकी गुरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.
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