भारतीय रेसलिंग फेडरेशन (WFI) को बड़ा झटका लगा है. WFI कई महीनों से विवादों से घिरी है, खासकर जब से पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण (Brij Bhushan Sharan) पर कुछ पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है. अब अंतरराष्ट्रीय संस्था युनाईटेड वर्ल्ड रेसलिंग (United World of Wrestling) ने भारतीय रेसलिंग फेडरेशन को चुनाव ना कराने की वजह से सस्पेंड कर दिया है.
WFI के लिए 12 अगस्त 2023 में चुनाव होने थे, लेकिन पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने WFI से संबद्ध दो इकाइयों की याचिका के बाद चुनाव को रोक दिया.
अब इसी वजह से यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय कुश्ती महासंघ की सदस्यता को निलंबित कर दिया है. अब देश के पहलवानों को आगामी वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारतीय झंडे के साथ कुश्ती करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
चुनाव कराने की समय सीमा का नहीं किया पालन
भूपेंदर सिंह बाजवा के नेतृत्व वाले पैनल को 45 दिन के अंदर चुनाव कराने थे, पर वे ऐसा नहीं कर सके, अब भारतीय पहलवानों को 16 सितंबर से शुरू होने वाली ओलंपिक-क्वालीफाइंग विश्व चैंपियनशिप में 'तटस्थ एथलीटों' के रूप में भाग लेना होगा.
UWW ने 28 अप्रैल को चेतावनी दी थी कि अगर चुनाव कराने की समय सीमा का सम्मान नहीं किया गया तो वह भारतीय महासंघ को निलंबित कर सकता है.
बता दें कि WFI को चुनाव 7 मई को कराना थे पर खेल मंत्री ने चुनाव प्रक्रिया को अमान्य घोषित करदिया था. इसके बाद चुनाव विवादो के चलते कई बार टालें गए.
एडहॉक कमेटी संभाल रही है फेडरेशन का काम
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया सहित कई पहलवानों ने अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया था. जिसको लेकर पहलवानों ने काफी समय तक धरना प्रदर्शन किया. मामले के तूल पकड़ने के बाद बाद खेल मंत्रालय ने फेडरेशन के पदाधिकारियों को सस्पेंड कर दिया था. पदाधिकारियों को सस्पेंड करने के बाद भूपेंदर सिंह बाजवा के नेतृत्व वाली एडहॉक कमेटी फेडरेशन का काम संभाल रही थी.
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