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Chandrakant Pandit क्यों हैं खास? IPL में तो पहले से भारतीय कोच मौजूद हैं

चंद्रकांत पंडित को KKR ने हेड कोट बनाया है. उन्होंने कभी IPL में कोचिंग नहीं की है और ना ही कभी टी20 मैच खेला है.

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चंद्रकांत पंडित को KKR ने अपना हेड कोच बनाया है. वो ब्रेंडन मैकुलम की जगह लेंगे. ये शाहरुख खान (Shahruk Khan) की टीम का ऐसा फैसला है जो भविष्य में IPL टीम मालिकों का नजरिया बदल सकता है. चंद्रकांत पंडित रणजी टीमों को कोच करते हुए बेहद कामयाब रहे हैं. लेकिन IPL 20-20 फॉर्मेट है और चंद्रकांत पंडित ने कभी टी20 खेला भी नहीं है तो चुनौती तो जरूर है, लेकिन उनका रिकॉर्ड कहत है कि चंद्रकांत पंडित चुनौतियों को चुनकर आगे बढ़ने का माद्दा रखते हैं.

आईपीएल में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि किसी भारतीय कोच को टीम की जिम्मेदारी दी गई है, चंद्रकांत पंडित से पहले अनिल कुंबले, आशीष नेहरा और संजय बांगर इंडियन प्रीमियर लीग में मौजूद हैं.
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चंद्रकांत पंडित की नियुक्ति अहम क्यों?

लास्ट IPL सीजन में 10 टीमें खेली थीं, जिनमें से 8 टीमों के हेड कोच विदेशी थे. लेकिन धीरे-धीरे अब ये ट्रेंड बदल रहा है. इसमें कोच के रूप में आशीष नेहरा का प्रदर्शन अहम हो सकता है. क्योंकि उनकी टीम ने अपने पहले ही सीजन में टाइटल जीता. अब बाकी टीमें भी इस ओर शायद सोचेंगी.

चंद्रकांत पंडित ने नहीं खेला एक भी T20

चंद्रकांत पंडित के सेलेक्शन इसलिए भी अलग है क्योंकि उन्होंने एक भी टी20 मैच नहीं खेला है. आज के क्रिकेट के लिए कहा जाता है कि ऐसा खिलाड़ी टीम के साथ कोच के रूप में हो जो मॉडर्न क्रिकेट से पूरी तरीके से जुड़ा हो. जैसे आशीष नेहरा ने तो भारत के लिए टी20 क्रिकेट खेला था. अनिल कुंबले भी बहुत पुराने क्रिकेटर नहीं हैं. लेकिन चंद्रकांत पंडित ने ना तो टीम इंडिया के लिए कोई टी20 मैच खेला है और ना ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका प्रदर्शन कुछ खास रहा है.

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में चंद्रकांत पंडित का प्रदर्शन

चंद्रकांत पंडित विकेटकीपर बल्लेबाज हुआ करते थे. उन्होंने 19 जून 1986 को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था. लेकिन चंद्रकांत पंडित भारत के लिए ज्यादा टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल पाए, उन्होंने 5 टेस्ट मैच खेले. जिसमें 171 रन बनाए. हालांकि चंद्रकांत पंडित ने अपने टेस्ट करियर में कोई फिफ्टी या शतक नहीं लगाया. उनका सर्वाधिक टेस्ट स्कोर 39 रन रहा.

इसके अलावा 10 अप्रैल 1986 को चंद्रकांत पंडित ने न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे डेब्यू किया था. उन्होंने भारत के लिए 36 वनडे मैच खेले और 290 रन बनाए. वनडे में भी चंद्रकांत पंडित ने कोई शतक या अर्धशतक नहीं लगाया और इनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 33 रन रहा.

KKR ने चंद्रकांत पंडित को क्यों चुना?

चंद्रकांत पंडिता का करियर भले ही एक क्रिकेटर के तौर पर बहुत शानदार ना रहा हो, लेकिन कोच के रूप में उनका प्रदर्शन शानदार से भी काफी आगे रहा है. वो अपने तरीके से खिलाड़ियों को साफ संदेश देने के लिए जाने जाते हैं. अब तक वो 6 बार कोच के तौर पर टीमों को रणजी का टाइटल दिलवा चुके हैं.

रणजी में किन टीमों को जिताने में की मदद?

  • चंद्रकांत पंडित ने कोच के रू में काम करते हुए 3 बार मुंबई को, 2 बार विदर्भ और एक हार मध्य प्रदेश कोरणजी ट्रॉफी जिताने में एक कोच के तौर पर सेवाएं दी हैं.

  • 2002-2003 रणजी सीजन में वो मुंबई के कोच थे और कप्तान पारस म्हाम्ब्रे थे. जब मुंबई ने रणजी ट्रॉफी जीती.

  • 2003-04 रणजी सीजन में मुंबई के कप्तान बदल गए, इस बार साईराज बहुतुले टीम को लीड कर रहे थे लेकिन कोच चंद्रकांत पंडित ही थे. इस बार भी मुंबई ने टाइटल अपने नाम किया.

  • 2015-16 के सीजन में मुंबई के कप्तान आदित्य तारे थे और कोच एक बार फिर चंद्रकांत पंडितथे. इस बार भी मुंबई ने रणजी ट्रॉफी जीती.

  • 2017-18 में चंद्रकांत पंडित ने टीम बदल दी और उन्होंने विदर्भ को ज्वाइन किया. जहां के कप्तान फैज फजल थे.उन्होंने यहां भी जीत का झंडा गाड़ा और विदर्भ को रणजी ट्रॉफी जिताई.

  • 2018-19 सीजन में एक बार फिर फैज फजल और चंद्रकांत पंडित की टीम विदर्भ को लीड कर रही थी और टाइटल जीता.

  • 2021-22 सीजन में चंद्रकांत पंडित ने मध्य प्रदेश को ज्वाइन किया, जिस टीम ने कभी भी रणजी ट्रॉफी नहीं जीती थी. एक वक्त में चंद्रकांत पंडित इस टीम के कप्तान हुआ करते थे लेकिन टाइटल नहीं जीत पाए थे. जिसकी कसक उन्होंने कोच रहते हुए निकाली और आदित्या श्रीवास्तव की कप्तानी में मध्य प्रदेश ने इस साल पहली बार रणजी ट्रॉफी जीती.

खिलाड़ियों बेहतर तरीके से समझ सकते हैं

एक कोच के तौर पर चंद्रकांत पंडित की सफलता के साथ-साथ उन्हें इस बात का भी फायदा मिला कि, टीम में ज्यादातर भारतीय खिलाड़ी हैं. जिन्हें समझने में उन्हें आसानी होगी. क्योंकि जो ज्यादातर विदेशी खिलाड़ी हैं वो काफी एक्सपीरियंस होल्डर हैं. उन्हें बहुत ज्यादा कोच करने की जरूरत नहीं है. इसलिए चंद्रकांत पंडित भारतीय खिलाड़ियों के साथ ज्यादा काम करते दिखेंगे.

आईपीएल टीमों के लिए भारतीय कोच क्यों फायदेमंद?

दरअसल आईपीएल में विदेशी कोच ज्यादातर टीमों की कोचिंग कर रहे हैं. लेकिन अब चंद्रकांत पंडित की एंट्री एक नई शुरुआत है. जो आईपीएल टीम मालिकों के लिए भी फायदेमंद है क्योंकि एक तो सालभर भारतीय कोच सेवाएं दे सकते हैं. दूसरा विदेशी कोच जब आते हैं तो वो ज्यादातर अपनी फैमिली के साथ आते हैं, जिसका खर्च फ्रेंचाइजी को उठाना पड़ता है. लेकिन सबसे ज्यादा बड़ी परेशानी टीमों की एक्टिविटी में विदेशी कों की गैरमौजूदगी है. क्योंकि टीमें सालभर अपने खिलाड़ियों के साथ काम करती हैं. खासकर जो राष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं हैं.

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KKR को जिताने के प्लान पर क्या बोले चंद्रकांत पंडित?

आईपीएल में पहली बार कोचिंग करने उतरे चंद्रकांत पंडित से शाहरुख खान की टीम को काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि पिछले कई सीजन उनके काफी खराब रहे हैं और टीम अपने तीसरे टाइटल की तलाश में हैं. चंद्ररकांत पंडित ने कहा कि, आईपीएल अलग तरीके का टूर्नामेंट है और रणजी अलग तरीके का. तो दोनों में कोचिंग का तरीका एक जैसा नहीं हो सकता है, बल्कि हर खिलाड़ी के साथ कोचिंग अलग तरीके से होती है. उसे पहले समझना होता है. मैं भी अपनी रणनीति में बदलाव करूंगा और टीम को टाइटल दिलाने की कोशिश रहेगी.

चंद्रकांत पंडित की चुनौतियां?

चंद्रकांत पंडित के सामने केकेआर को केच करते समय कई तरह की चुनौतियां होंगी. एक तो विदेशी खिलाड़ी काफी एक्सपीरियंस वाले हैं औरर लंबे समय से टीम के साथ जुड़े हैं. जैसं आंद्रे रसेल और पैट कमिंस जैसे खिलाड़ी हैं जो ना सिर्फी टीम से काफी पहले से जुड़े हैं बल्कि पैट कमिंस तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी एक्सपीरियंस रखते हैं. इस बार टीम के साथ कप्तान के तौर पर श्रेयस अय्यर जुड़े हैं. क्योंकि केकेआर ने पिछले दोसीजन कई कप्तान बदले थे.

इसके अलावा केकेआर के साथ रिंकू सिंह जैसे भारतीय खिलाड़ी भी हैं जो ज्यादा एक्सपीरियंस नहीं रखते लेकिन पोटेंशियल उनमें काफी है. तो नए पुराने खिलड़ियों में चंद्रकांत पंडित को सामंजस्य बिठाना होगा.

केकेआर ने काफी समय से टाइटल नहीं जीता है और उन्हें कोच के तौर पर लाते वक्त टीम को काफी उम्मीदें हैं, जिनका बोझ भी उनके कंधों पर होगा.

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