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Chess World Cup 2023: इतिहास बनाने से चूके प्रागनानंदा, फाइनल में कार्लसन ने हराया

R Praggnanandhaa vs Magnus Carlsen, Chess World Cup 2023 Final: कार्लसन ने कभी भी यह खिताब नहीं जीता था

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Chess World Cup Final 2023: शतरंज विश्व कप के फाइनल मुकाबले में विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन ने भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर आर. प्रागनानंदा को हरा दिया है. इसके साथ ही, मैग्नस कार्लसन 2023 FIDE विश्व कप के विजेता बन गये. यह पहली बार है जब कार्लसन ने यह ख़िताब अपने नाम किया है. टाई ब्रेक गेम में पहला गेम कार्लसन ने जीत लिया था जबकि दूसरा गेम ड्रॉ पर समाप्त हुआ.

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FIDE ने प्रागनानंदा को दी बधाई

अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) ने ट्वीट कर लिखा, "प्रागनानंदा 2023 FIDE विश्व कप के उपविजेता हैं. प्रभावशाली टूर्नामेंट के लिए 18 वर्षीय भारतीय प्रतिभाशाली खिलाड़ी को बधाई. फाइनल में पहुंचने के रास्ते में प्रगनानंद ने विश्व के नंबर दो खिलाड़ी हिकारू नाकामुरा और नंबर 3 खिलाड़ी फैबियानो कारूआना को हराया. रजत पदक जीतकर प्रागनानंदा ने FIDE कैंडिडेट्स के लिए टिकट भी हासिल कर लिया है."

फाइनल के पहले दोनों मुकाबले हुए ड्रॉ

इससे पहले भारत के 18 वर्षीय ग्रैंड मास्टर आर प्रागनानंदा ने वर्ल्ड के नंबर-1 खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को चेस वर्ल्ड कप के फाइनल दोनों मुकाबले (22 और 23 अगस्त) में कड़ी चुनौती दी और उन्हें ड्रॉ खेलने पर मजबूर कर दिया.

पहला गेम 35 मूव के बाद ड्रॉ हुआ था. जबकि, बुधवार को खेला गया दूसरा गेम 30 मूव के बाद ड्रॉ करने पर दोनों खिलाड़ियों ने सहमति जताई.

R Praggnanandhaa vs Magnus Carlsen, Chess World Cup 2023 Final: कार्लसन ने कभी भी यह खिताब नहीं जीता था

भारत के 18 वर्षीय ग्रैंड मास्टर आर प्रागनानंदा

(फोटो: FIDE/ट्विटर)

पहले गेम में प्रागनानंदा सफेद मोहरों के साथ खेले थे. वहीं, दूसरे गेम में कार्लसन सफेद मोहरों के साथ खेले.

'प्रागनानंदा एक मजबूत खिलाड़ी'

कार्लसन ने पहले गेम के बाद बताया था कि उन्हें फूड पॉइजनिंग की समस्या है और इसके कारण वह दूसरे राउंड में भी परेशान दिखे.

दूसरे गेम के बाद कार्लसन ने कहा, प्रागनानंदा एक मजबूत खिलाड़ी हैं और उन्होंने पहले भी कई टाईब्रेकर खेले हैं. अगर मैं पूरी तरह फिट रहा और मेरा दिन अच्छा रहा, तो जाहिर तौर पर मेरे पास अच्छे मौके होंगे.

R Praggnanandhaa vs Magnus Carlsen, Chess World Cup 2023 Final: कार्लसन ने कभी भी यह खिताब नहीं जीता था

वर्ल्ड के नंबर-1 खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन.

(फोटो: FIDE/ट्विटर)

'मुझे फाइनल में पहुंचने की उम्मीद नहीं थी'

वहीं, फाइनल मुकाबले से पहले प्रागनानंदा ने कहा, "मुझे इस टूर्नामेंट में मैग्नस से खेलने की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी क्योंकि मैं उससे फाइनल में ही खेल सकता था, और मुझे फाइनल में पहुंचने की उम्मीद नहीं थी. मैं बस अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूंगा और देखते हैं यह कैसे होता है!"

विजेता और उपविजेता को कितनी मिलेगी राशि

फाइनल के विजेता को लगभग 90,93,551 ($110k) रुपये मिलेंगे, जबकि उपविजेता को लगभग 66,13,444 ($80) रुपये मिलेंगे. टूर्नामेंट का कुल पुरस्कार पूल लगभग 1,51,392,240 रुपये है.

कार्लसन से 14 साल छोटे हैं प्रज्ञानानंद

जानकारी के अनुसार, मैग्नस कार्लसन अप्रैल 2004 में ग्रैंडमास्टर बने और इसके 16 महीने बाद, अगस्त 2005 में, आर प्रज्ञानानंद का जन्म हुआ था. मैग्नस कार्लसन 32 वर्ष के हैं जबकि आर प्रज्ञानानंद की उम्र अभी सिर्फ 18 साल है.

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PM मोदी ने प्रागनानंद को दी बधाई

PM नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, "हमें फिडे विश्व कप में उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए प्रग्गनानंद पर गर्व है! उन्होंने अपने असाधारण कौशल का प्रदर्शन किया और फाइनल में दुर्जेय मैग्नस कार्लसन को कड़ी टक्कर दी. यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है. उन्हें आगामी टूर्नामेंटों के लिए शुभकामनाएं."

फाइनल में कैसे पहुंचे प्रागनानंदा?

प्रागनानंदा की फाइनल तक की यात्रा किसी आश्चर्य से कम नहीं है. ग्रैंडमास्टर ने सेमीफाइनल में विश्व नंबर 3 फैबियानो कारूआना को हराकर शतरंज की दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया, और कार्लसन के खिलाफ चैंपियनशिप मैच में अपनी जगह पक्की कर ली.

इस उपलब्धि के साथ, प्रागनानंदा बॉबी फिशर और मैग्नस कार्लसन जैसे दिग्गज खिलाड़ियों की श्रेणी में शामिल हो गए, और प्रतिष्ठित कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाले इतिहास के तीसरे सबसे कम उम्र के शतरंज खिलाड़ी बन गए.

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