करीब 800 करोड़ रुपये की लागत से बने मोटेरा के नए नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम की पिच गुलाबी गेंद के साथ एक अलग तरह का बर्ताव कर रही है. इससे पहले के पिंक बॉल टेस्ट मैचों में तेज गेंदबाजों का दबदबा देखने को मिला था, लेकिन इस मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे पिंक बॉल टेस्ट के पहले दिन तो स्पिनरों का ही बोलबाला देखने को मिला.
नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में शुरू हुए डे-नाइट टेस्ट मैच से पहले अभी तक 15 डे-नाइट टेस्ट मैच खेल गए थे, जिसमें तेज गेंदबाजों ने 354 विकेट चटकाए, जबकि स्पिनरों ने केवल 115 विकेट लिए थे.
लेकिन चार मैचों की टेस्ट सीरीज के तीसरे टेस्ट के पहले दिन बुधवार को भारतीय तेज गेंदबाजों ने सिर्फ 11 ओवर डाले और उन्हें केवल एक ही विकेट मिला जबकि स्पिनरों ने नौ विकेट झटके.
लेफ्ट आर्म स्पिनर अक्षर पटेल (6/38) और ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (3/26) ने मिलकर पहले दिन नौ विकेट लिए, जिससे इंग्लैंड पहली पारी में संघर्ष करता नजर आया.
डे-नाइट टेस्ट
एडिलेड ओवल के मैदान ने अब तक सबसे ज्यादा डे-नाइट टेस्ट मैच की मेजबानी की है और जब एडिलेड ओवल के पिच क्यूरेटर डेमियन हृयूज से मोटेरा की विकेट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा कि वह इस पर कुछ भी कहने से बचना चाहेंगे. उन्होंने अन्य क्यूरेटर का सम्मान करते हुए कहा कि इसके लिए विभिन्न पिचों, पस्थितियों को देखा जाना चाहिए.
भारतीय स्पिनरों के आगे इंग्लैंड की टीम इतनी बेबस नजर आई कि उन्होंने अगले आठ विकेट 38 रन के अंदर ही गंवा दिए.
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने मोटेरा स्टेडियम की विकेट को लेकर इस मैच से पहले मंगलवार को कहा था कि स्पिनरों के अनुकूल होने के बावजूद पिंक बॉल होने के कारण तेज गेंदबाजों को भी इस विकेट से मदद मिलेगी.
गुलाबी गेंद टेस्ट के लिए पिच में सामान्य रूप से घास कवर की कुछ मात्रा होती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गेंद जल्दी से चमक न खोए. लेकिन इस मैच से पहले, विकेट से घास को हटा दिया गया था.
दोनों टीमों के बीच चार मैचों की सीरीज अभी 1-1 की बराबरी पर है. भारत को विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के लिए क्वालीफाई करने के लिए कम से कम दो टेस्ट जीतने की जरूरत है.
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