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''Umran Malik उम्मीद की किरण लेकिन J&K क्रिकेट में छाया है अंधेरा''

जम्मू कश्मीर से भारत की अंडर-19 टीम में जगह बनाने वाले क्रिकेटर Amaan Zari से खास बातचीत

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Jammu-Kashmir Cricket: कश्मीर अक्सर चर्चाओं में रहता है. कभी अपनी खूबसूरती के कारण, तो कभी कुछ अनचाही खबरों के लिए, लेकिन आईपीएल (IPL 2022) में उमरान मलिक (जो कश्मीर से ही आते हैं) के शानदार प्रदर्शन के बाद कश्मीर क्रिकेट पर चर्चा जरूरी है. जम्मू-कश्मीर में क्रिकेट की स्थिति और क्रिकेटरों के लिए सुविधाओं को लेकर क्विंट ने वहां के युवा क्रिकेटर अमान जारी से बातचीत की है..

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बाकी राज्यों की तुलना में कैसी है कश्मीर क्रिकेट की हालत?

अमान जारी कहते हैं कि अगर टैलेंट के हिसाब से देखें तो कश्मीर के खिलाड़ियों में इतनी प्रतिभा है कि हम हर साल 2 से 3 खिलाड़ी IPL में दे सकते हैं, लेकिन अगर इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं को देखें तो कश्मीर सबसे नीचे है. अमान ने आगे कहते हैं-

"पंजाब या यूपी के पास जो इक्विपमेंट्स हैं, वो कश्मीर के पास नहीं है. कश्मीर के क्रिकेटर आज भी मैटिंग विकेट पर खेलते हैं, इसका कारण ये है कि हमारे पास अच्छी पिच नहीं है. अन्य इक्विपमेंट्स और बॉलिंग मशीन भी नहीं है. इन्हीं सब के चलते जम्मू-कश्मीर क्रिकेट की हालत बाकी राज्यों की तुलना में बेहद खराब है."

क्या कश्मीर क्रिकेट में कुछ बदला है, जिससे उमरान मलिक और अब्दुल समद जैसे खिलाड़ी IPL में दिख रहे हैं?

अमान जारी ने कहा कि उमरान मलिक और अब्दुल समद जैसे खिलाड़ियों के उभरने के पीछे इरफान पठान का बड़ा हाथ है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट को काफी बूस्ट किया है और इन खिलाड़ियों को अपना सपना पूरा करने का रास्ता दिखाया है. उन्होंने आगे कहा कि,

"उमरान मलिक जब बॉल डालते थे तो मुझे आज भी याद है कि इनके पास इक्विपमेंट्स नहीं थे. इनके पास बॉलिंग स्पीड मापने की भी मशीन नहीं थी, तो कुल मिलाकर काफी मुश्किलें थी."

जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) की भूमिका क्या है?

अमान ने इस सवाल पर कहा कि "आज हमारे खिलाड़ियों को जो सबसे ज्यादा कमी खलती है वो पिच की है. हमारे खिलाड़ी आज भी मैटिंग विकेट पर खेल रहे हैं. उन्हें काफी दिक्कते आती हैं. यहां आप मैटिंग विकेट पर खेल रहे हैं, लेकिन अगले स्टेज पर जब पिच पर खेलना होता है तो काफी ज्यादा दिक्कतें आती हैं."

जम्मू-कश्मीर क्रिकेट ऐसोसिएशन को भी इस समस्या पर ध्यान देकर बदलाव की पहल करनी चाहिए. यदि ऐसे ही चलता रहा तो शायद जम्मू-कश्मीर क्रिकेट के मामले में कभी बाकी राज्यों के बराबर खड़ा नहीं हो पाएगा.

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क्या कश्मीर में किसी तरह के बदलाव की शुरूआत हुई है? खिलाड़ियों को क्या समस्याएं आ रही हैं?

अमान जारी ने कहा कि कश्मीर क्रिकेट के हालात अभी भी कुछ वैसे ही हैं. हमारे पास टैलेंट तो है, लेकिन सुविधाएं नहीं हैं. हम खिलाड़ियों को इंफ्रास्ट्रक्चर ही मुहैया नहीं करा पा रहे हैं. उन्होंने आगे बताया कि

"किसी खिलाड़ी के लिए अपने जिले, शहर और राज्य को छोड़कर किसी और जगह पर जाकर प्रैक्टिस करना आसान नहीं है. इसमें काफी दिक्कतें आती हैं. मैं नहीं चाहता कि जो समस्याएं मैंने झेली हैं उनका सामना कोई और भी करे."

उन्होंने आगे कहा कि मुझे भी व्यक्तिगत तौर पर काफी परेशानी हुई है. ज्यादातर खिलाड़ी मैटिंग विकेट पर खेलते हैं. यहां तक की टूर्नामेंट भी मैटिंग विकेट पर ही होते हैं. यदि आपको अपने राज्य या देश के लिए खेलना है तो आपको पिच पर ही खेलना पड़ेगा. हम सुविधाओं के मामले में बाकी राज्यों से काफी पीछे रह जाते हैं.

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BCCI से क्या उम्मीद है? 

अमान जारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर क्रिकेट में टैलेंट काफी है और ये बात बीसीसीआई को भी पता है. उमरान मलिक, अबदुल समद और रासिक इस्लाम जैसे कई खिलाड़ी सामने आए हैं जो यहां के टैलेंट को दर्शाते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि BCCI हमारे जम्मू-कश्मीर क्रिकेट पर भी फोकस करे और बेहतर पिच और अन्य सुविधाएं मुहैया कराए.

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