भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज अंबाती रायडू (Ambati Rayudu) ने दस दिनों के अंदर ही राजनीति की पिच छोड़ दी. अंबाती रायडू को 28 दिसंबर को आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी वाईएसआरसीपी (YSRP) में खुद मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने शामिल कराया था. लेकिन इसके 10 दिन बाद ही उन्होंने राजनीति को अलविदा कह दिया. सवाल है आखिर क्यों? चलिए आपको यहां बताते हैं
पहले रायडू के क्रिकेट करियर पर एक नजर
दायें हाथ के मध्यक्रम के बल्लेबाज अंबाती रायडू ने 55 वन डे मैचों में करीब 47 की औसत से 1694 रन बनाए हैं. रायडू ने आईपीएल में मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स जैसी टीमों के साथ खेला है. जहां उन्होंने 203 मैचों में 28 की शानदार औसत से 4348 रन बनाए हैं. खास बात है कि रायडू दोनों टीमों की ओर से आईपीएल खिताब जीत चुके हैं.
रायडू ने अपना आखिरी एक दिवसीय मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2019 में खेला था. उसके बाद रायडू ने क्रिकेट से सन्यास ले लिया.
राजनीति में एंट्री
अंबाती रायडू ने 28 दिसंबर 2023 को आंध्र प्रदेश मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSRP से राजनीतिक कैरियर में एंट्री ली. जहां उन्होंने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री नारायण स्वामी और राजमपेटा सांसद पी मिथुन रेड्डी की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता हासिल की.
10 दिन में राजनीति से सन्यास- खुद बताई वजह
अंबाती रायडू ने YSRP में शामिल होने के दस दिन के अंदर ही पार्टी छोड़ दी. अब उन्होंने इसके पीछे की वजह बताई है.
रायुडू ने सोशल मीडिया पर बताया कि वह मुंबई इंडियंस फ्रेंचाइजी के साथ दुबई में ILT20 टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे. उन्हें पेशेवर क्रिकेट खेलते समय अपनी राजनीतिक संबद्धता को छोड़ना होगा.
हाल ही में एक इंटरव्यू में, रायडू से दोनों फ्रेंचाइजी के फैंस के बारे में पूछा गया. इसपर रायडू का मानना है कि कुछ मौलिक बात है जो उन्हें अलग बनाती है.
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