भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने शनिवार 14 मार्च को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के फ्रेंचाइजियों के मालिकों के साथ बोर्ड के मुख्यालय पर बैठक की, जहां फैसला लिया गया कि वे इस महीने के आखिर तक 'देखो और इंतजार करो' की नीति पर चलेंगे.
इसके बाद ही वे आईपीएल के 13वें संस्करण के भाग्य को लेकर आगे कोई फैसला करेंगे. देशभर में जारी कोरोनावायरस के कारण 29 मार्च से शुरू होने वाली आईपीएल को 15 अप्रैल तक के लिए शुक्रवार को स्थगित कर दी गई है.
फ्रेंचाइजी के एक अधिकारी ने IANS से बातचीत में कहा कि लीग के भविष्य को लेकर जो भी फैसला लिया जाएगा वो कोरोनोवायरस के चलते जन स्वास्थ को ध्यान में रखकर आईपीएल के भविष्य पर फैसला महीने के अंत में लिया जाएगा.
अधिकारी ने कहा,
“कोई निर्णय नहीं लिया गया है और केवल इस बात पर चर्चा की गई कि यह कैसी स्थिति है जोकि किसी के नियंत्रण में नहीं है. सभी स्टेकहोल्डर्स समझते हैं कि यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें सभी को साथ आने और एकसाथ खड़े होने की जरूरत है.”
उन्होंने कहा, "बैठक में यह तय हुआ कि अगला फैसला महीने के अंत में लिया जाएगा क्योंकि इससे BCCI को यह समझने में अधिक समय मिलेगा कि कोरोनोवायरस के प्रकोप के संबंध में चीजें कैसे काम कर रही हैं और क्या आईपीएल को आयोजित किया जा सकता है."
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि महीने के अंत तक इंतजार करने से यह समझने में मदद मिलेगी कि आगे क्या किया सकता है और क्या विदेशी खिलाड़ियों को यहां लाया जा सकता है.
उन्होंने कहा, "इस समय यह एक महामारी है. लेकिन महीने के अंत तक इंतजार करने से आपको यह समझने के लिए 15-16 दिन मिलते हैं कि कोरोनोवायरस प्रकोप के संबंध में चीजें कैसे आगे बढ़ती है. कुछ विकल्पों पर चर्चा की गई है लेकिन हम महीने के अंत में इस पर कोई निर्णय लेंगे. अगर स्थिति में सुधार होता है तो बीसीसीआई सरकार से मदद के लिए कह सकता है ताकि विदेशी खिलाड़ी यहां आ सकें. लेकिन मौजूदा समय में लोगों का जीवन महत्वपूर्ण है और कुछ नहीं."
BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली ने संकेत दे दिए हैं कि 15 अप्रैल के बाद टूर्नामेंट शुरू होने की स्थिति में भी ये छोटा ही रहेगा और मैचों की संख्या कम की जा सकती है.
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