भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने DRS यानी डिसीजन रिव्यू सिस्टम में अंपायर्स कॉल की आलोचना की है. विराट कोहली के अनुसार, इससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है.
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली का मानना है कि LBW आउट होना पूरी तरह से इस बात पर आधारित होना चाहिए कि गेंद स्टंप को हिट कर रही है, चाहे मामूली रूप से ही कर रही हो.
लेकिन क्रिकेट के मौजूदा नियमों के अनुसार अंपायर्स कॉल को चुनौती तभी दी जा सकती है, जब गेंद तीन में से किसी एक स्टंप को 50 फीसदी से ज्यादा हिट कर रही हो.
‘अंपायर्स कॉल’पर विराट कोहली की आपत्ति
अंपायर्स कॉल को लेकर एक सवाल के जवाब में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने कहा कि,
मैं लंबे समय से क्रिकेट खेलता आ रहा हूं और उस समय भी खेला था जब DRS की व्यवस्था नहीं थी. जब अंपायर ने कोई फैसला लिया, वो बेट्समैन को पसंद आए या नहीं. ऐसे में फैसला एक ही रहता था. ठीक इसके विपरीत अगर अंपायर ने नॉट आउट दिया और बल्लेबाज आउट है तो उसे आउट दिया जाना चाहिए.
विराट कोहली ने कहा कि, मेरे अनुसार मौजूदा दौर में अंपायर्स कॉल भ्रम की स्थिति पैदा कर रहा है. जब आप एक बेट्समैन के तौर पर बोल्ड हो जाते हैं तो आपको पता नहीं होता है कि गेंद का कितना हिस्सा स्टंप को छू रहा था.
मैच के दौरान कोहली ने की थी सॉफ्ट सिग्नल की आलोचना
क्रिकेट को लेकर मेरे बुनियादी सामान्य ज्ञान के अनुसार, मुझे नहीं लगता है कि इस पर कोई बहस होना चाहिए. अगर बॉल स्टंप को छू रही है तो यह आउट होना चाहिए, फिर चाहे आपको यह पसंद है या नहीं, आप रिव्यू खो देंगे.
विराट कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टी20 मैच में सूर्यकुमार यादव के आउट होने के बाद ऑन फिल्ड सॉफ्ट सिग्नल की आलोचना की थी और कहा था कि खेल को सरल रखना होगा.
विराट कोहली ने कहा कि इस तरह खेल सरल रहेगा. अगर गेंद स्टंप पर लग रही है या मिस कर रही है तो उसी तरह का फैसला होना चाहिए. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि गेंद कितना स्टंप को टच कर रही है.
इस तरह की बातें अंपायर्स कॉल में बहुत संदेह पैदा कर रही है. ठीक यही व्यवस्था सॉफ्ट सिग्नल में होनी चाहिए, क्योंकि अगर बड़े टूर्नामेंट में इस तरह की गलती हो, तो फिर किसी भी टीम को नुकसान हो सकता है.
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