वर्ल्ड कप 2019 में सेमीफाइनल की दौड़ के बीच बांग्लादेशके साथ भारत के मुकाबले पर सबकी नजर है. वर्ल्ड कप 2019 के अपने पहले ही मैच में बांग्लादेश ने साउथ अफ्रीका की ‘मजबूत’ टीम को 21 रन से हराकर धमाकेदार शुरुआत की. साउथ अफ्रीका के खिलाफ जीत को बड़ा उलटफेर कहा गया. इसके बाद बांग्ला टाइगर्स ने वेस्टइंडीज के 322 रन के लक्ष्य को सिर्फ 42वें ओवर में 3 विकेट खोकर ही हासिल कर लिया.
साउथ अफ्रीका की टीम वर्ल्ड कप में आने से पहले ही ज्यादा प्रभावी नहीं लग रही थी और वेस्टइंडीज ने उम्मीदें तो बड़ी दीं, लेकिन फिर बिखर गई. इसके बावजूद इन जीतों को उलटफेर बताना, बांग्लादेश की काबिलियत, मेहनत और प्रदर्शन की अनदेखा करना होगा.
बांग्लादेश के हालिया प्रदर्शन के बाद अब ये सवाल उठ रहा है कि क्या ये टीम अपने बचे हुए दोनों मैचों में भारत और पाकिस्तान को परेशान करेगी? क्या भारत को बांग्लादेश के हालिया प्रदर्शन से चिंतित होने की जरूरत है?
इन सवालों पर चर्चा से पहले बांग्लादेश के बेहतर होते प्रदर्शन और उसके कारण पर नजर डालना जरूरी है.
ऐसा है 4 साल का प्रदर्शन
2015 बांग्लादेश के लिए अच्छा गुजरा. उस साल वर्ल्ड कप में इंग्लैंड को हराकर बांग्लादेश पहली टूर्नामेंट की नॉक आउट स्टेज में पहुंचा था. साथ ही उस साल बांग्लादेश ने कई बड़ी सीरीज भी जीती.
2015 से लेकर वर्ल्ड कप 2019 में अफगानिस्तान के खिलाफ मैच तक बांग्लादेश ने 74 वनडे मैच खेले. इनमें से बांग्लादेश ने 40 मैच जीते. 31 मैच हारे और 3 मैच का कोई नतीजा नहीं निकला. यानी करीब 56 फीसदी मैच बांग्लादेश ने जीते.
अब इसको दूसरी नजर से देखते हैं. बांग्लादेश ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट 1986 में खेला. शुरुआत वनडे क्रिकेट से ही हुई.
- बांग्लादेश ने अब तक 325 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें 125 जीते और 236 हारे
- 2015 से अभी तक 74 मैच खेले, जिसमें 40 जीते और 31 हारे
- 33 साल के क्रिकेट इतिहास में करीब 32 फीसदी जीत पिछले 4 साल में ही मिली है.
2015 से अब तक ये टीम पाकिस्तान, भारत, दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज जैसी टीमों के खिलाफ सीरीज जीत चुकी है. ये साबित करता है कि बांग्लादेश एक मजबूत टीम के तौर पर उभरी है.
टीम का अनुभवी कोर ग्रुप
अब बात बांग्लादेश के प्रदर्शन में सुधार के कारणों की. इसके पीछे कई वजह हैं. मसलन, बांग्लादेश अब पहले से ज्यादा मैच खेल रहा है. कई विवादों के बावजूद घरेलू टी-20 लीग के लगातार आयोजन से और उसमें कुछ बड़े नामों के खेलने से मुख्य टीम और लोकल क्रिकटरों को फायदा मिला है.
लेकिन इसमें सबसे बड़ा कारण है, टीम में एक कोर ग्रुप का होना. करीब 18 साल से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल मशरफे मुर्तजा की कप्तानी में मुश्फिकुर रहीम, शाकिब अल हसन, तमीम इकबाल और मेहमुदुल्लाह जैसे बेहतरीन खिलाड़ी पिछले 10-12 सालों से टीम का हिस्सा बने हैं. ये वो खिलाड़ी हैं, जो लगभग 200 या उससे ज्यादा वनडे खेल चुके हैं.
तमीम इकबाल अपनी धुन में लगातार रन बनाते रहते हैं. वहीं मिडिल ऑर्डर में तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद मुश्फिकुर और मेहमुदुल्लाह टीम को हर मुश्किल से निकालने को तैयार रहते हैं. दूसरी तरफ गेंदबाजी में मशरफे अपना लगभग 2 दशकों का अनुभव, रुबल हुसैन और युवा मुस्तफिजुर रहमान जैसे गेंदबाजों के साथ बांटकर मैदान में जी-जान झोंकते हैं.
अगर ये सब भी न कुछ कर पाएं, तो टीम के पास है सबसे बड़ा हथियार. टीम का एक्स फैक्टर. दुनिया का नंबर एक ऑलराउंडर- शाकिब अल हसन. शाकिब पिछले 12-13 साल से बांग्लादेश का हर फॉर्मेट में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. बांग्लादेश के लिए वनडे में सबसे ज्यादा रन के मामले में दूसरे नंबर पर और सबसे ज्यादा विकेट के मामले में कप्तान मशरफे मुर्तजा के बाद दूसरे नंबर पर हैं.
वर्ल्ड कप 2019 में बड़ा बदलाव
इस वर्ल्ड कप में बांग्लादेश का प्रदर्शन अभी तक बेहतर रहा है. बांग्लादेश ने 7 में से 3 मैच जीते हैं और इतने ही हारे हैं, जबकि श्रीलंका के खिलाफ एक मैच बारिश के कारण रद्द हो गया था.
बांग्लादेश के इस बेहतर प्रदर्शन के पीछे एक बड़ा बदलाव जो टीम मैनेजमेंट ने किया, वो है नंबर 3 पर शाकिब अल हसन को उतारने का फैसला. शाकिब का इस वर्ल्ड कप में प्रदर्शन किसी भी वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के किसी भी खिलाड़ी के प्रदर्शन से काफी आगे हैं.
इन आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं-
शाकिब अभी तक इस वर्ल्ड कप की 6 पारियों में 2 शतक और 3 अर्धशतक लगा चुके हैं. शाकिब ने इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के खिलाफ लगातार 2 शतक लगाए थे. वहीं अफगानिस्तान के खिलाफ पिछले मैच में अर्धशतक और 5 विकेट लिए थे. वर्ल्ड कप में ये कारनामा करने वाले युवराज सिंह के बाद सिर्फ दूसरे क्रिकेटर हैं.
भारत और बांग्लादेश का रिकॉर्ड
पहली नजर में भारत और बांग्लादेश की टीम में ज्यादा मुकाबला नजर नहीं आता. उसका कारण वो आंकड़े हैं, जो आसानी से इस मुकाबले को भारत के पक्ष में झुकाते हैं.
बांग्लादेश आज तक भारत के खिलाफ सिर्फ 5 मैच ही जीत पाया है, जबकि भारत ने 29 मैच जीते हैं. इसमें से पिछले 4 साल में दोनों टीमों के बीच 7 मुकाबले हुए, जिसमें से भारत ने 5 मैच जीते, जबकि बांग्लादेश को सिर्फ 2 में जीत मिली. हालांकि ये 2 मैच बांग्लादेश ने घरेलू सीरीज में जीते थे, जिसमें उसने भारत को हराया था. हालांकि, बांग्लादेश ने 2007 वर्ल्ड कप में भारत को चौंकाया था. वहीं 2011 और 2015 वर्ल्ड कप में भारत ने जीत दर्ज की थी.
रिकॉर्ड्स के लिहाज से बांग्लादेश भारत के लिए कोई खतरा नजर नहीं आता, लेकिन 2 जुलाई को होने वाला मैच पुराने रिकॉर्ड पर नहीं खेला जाएगा.
जिस अफगानिस्तान के खिलाफ बेहतरीन भारतीय टीम को संघर्ष करना पड़ा, बांग्लादेश ने उसी अफगानिस्तान को उसी मैदान में आसानी से हरा दिया. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगभग 390 का लक्ष्य का पीछा करते हुए 333 रन तक बनाए.
इस मैच में खराब शुरुआत के बाद शाकिब और मुश्फिकुर ने जिस तरह से बांग्लादेश को संभाला और लक्ष्य के करीब पहुंचाया, वो बांग्लादेश की नई आक्रामक अप्रोच के बारे में बताता है.
आक्रामक बांग्लादेश भारत के लिए चुनौती?
बांग्लादेश का यही आक्रामक रवैया भारत के लिए एक चुनौती पेश कर सकता है. बांग्लादेश के लिए तमीम इकबाल और मुश्फिकुर रहीम का भारत के खिलाफ प्रदर्शन हमेशा ही अच्छा रहा है.
वहीं शाकिब को तीसरे नंबर पर उतारने का फायदा बांग्लादेश को यहां भी मिल सकता है. उसका कारण है कि बीच के ओवर्स में भारत के रिस्ट स्पिनर्स कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल अपने ओवर कराएंगे. शाकिब समेत बांग्लादेश के ज्यादातर बल्लेबाज स्पिनर्स के खिलाफ अच्छी बल्लेबाजी करतेे रहे हैं.
ऐसे में भारतीय टीम को अपने पेस अटैक पर ज्यादा निर्भर रहना होगा. बांग्लादेश के पहले 3 बल्लेबाजों में से 2 बाएं हाथ के बल्लेबाज होंगे. बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ जसप्रीत बुमराह का प्रदर्शन हमेशा से बेहतर रहा है. ऐसे में भारत के तेज गेंदबाजों पर अच्छी शुरुआत का दारोमदार रहेगा.
दूसरी तरफ बल्लेबाजी में टीम इंडिया के दोनों ओपनर्स को मुस्तफिजुर की अंदर आती गेंदों के खिलाफ मुश्किल पैदा हो सकती है. हालांकि भारतीय बल्लेबाजों ने जिस तरह से पाकिस्तान के खिलाफ मोहम्मद आमिर, वहाब रियाज और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिचेल स्टार्क का सामना किया, उसको देखते हुए उम्मीद की जा सकती है कि भारतीय बल्लेबाज बांग्लादेशी गेंदबाजों का सामना कर सकते हैं.
हालांकि, एक बार फिर भारत के खिलाफ शाकिब अल हसल काफी अहम किरदार साबित होंगे. भारतीय टीम के बल्लेबाज शाकिब को हावी होने का मौका नहीं देना चाहेंगे. हालांकि एजबेस्टन की बॉलर फ्रेंडली पिच पर दोनों टीमों के बल्लेबाजों के लिए चुनौती आसान नहीं होने वाली.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)