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Ind vs Afg: ऐसा लगा हार जाएंगे, फिर बुमराह और शमी का आया तूफान

मोहम्मद शमी का इस वर्ल्ड कप में ये पहला मैच था

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वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले ही भारतीय टीम को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के साथ मजबूत दावेदारों में से माना जा रहा है. पिछले 2 वर्ल्ड कप में भी ऐसी ही स्थिति थी और उन दोनों ही वर्ल्ड कप में भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया. 2011 में चैंपियन बने तो 2015 सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हारे.

लेकिन तब तक सिर्फ बल्लेबाजी के दम पर भारत दावेदार था. इस वर्ल्ड कप से पहले ये स्थिति बदली और अब भारत एक ऑलराउंड प्रदर्शन करने वाली टीम के तौर पर बड़ी दावेदार बनी है. अफगानिस्तान के खिलाफ इसे साबित भी कर दिया.

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सबसे पहले अफगानिस्तान को इस शानदार प्रदर्शन के लिए भरपूर तारीफ मिलनी चाहिए. उनकी कमाल की गेंदबाजी ने टीम इंडिया के बल्ले को शांत रखा और बड़ा स्कोर तो दूर की बात औसत स्कोर के भी आस-पास नहीं पहुंचने दिया.

भारत ने सिर्फ 224 रन बनाए. पिच भी मुश्किल साबित हुई और इस मैदान में हुए पिछले मैचों की तरह इसमें भी कम ही स्कोर बना. लक्ष्य छोटा हो तो कमजोर टीमों को भी एक मौका उसमें दिखता है.

लेकिन यही तो वो मौके हैं, जिसमें बड़ी टीमें अपनी मजबूती दिखाती हैं और साबित करती हैं, कि बल्ले से नहीं तो गेंद से ही वो खुद को अव्वल बना देंगे.

बुमराह की ‘वापसी’

नहीं! बुमराह न तो किसी खराब दौर से गुजर रहे हैं और न ही अफगानिस्तान के खिलाफ उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा. अपने पहले स्पैल में बुमराह ने अच्छी गेंदबाजी की और अफगानिस्तान पर लगाम लगाई.

लेकिन कोहली ने जब बुमराह को दूसरे स्पैल में बुलाया, तो हुई बुमराह और टीम इंडिया की वापसी. दूसरे स्पैल के पहले ओवर में बुमराह ने सिर्फ 6 रन दिए और एक बार बल्ले का किनारा लेकर गेंद निकली लेकिन धोनी की पहुंच से कुछ इंच पहले गिर गई. बुमराह ने कहर ढ़ाया अगले ओवर में.
  • पहली ही गेंद रहमत शाह के पैड पर और जोरदार अपील. अंपायर ने नॉट आउट दिया. कोहली बेचैन हो उठे क्योंकि टीम के पास रिव्यू नहीं था.
  • चौथी गेंद, एक शॉर्ट बॉल. रहमत शाह संभल नहीं पाए और हुक करने की कोशिश में लेग साइड में ऊंचा खेल बैठे. चहल ने एक बेहतरीन कैच लिया. भारत को जरूरी विकेट मिल गया था.
  • ओवर की आखिरी गेंद. सामने बाएं हाथ के हश्मतुल्लाह शाहिदी. राउंड द विकेट आकर बुमराह ने शॉर्ट ऑफ लेंथ गेंद डाली. उसे रोकने के चक्कर में गेंद ने शाहिदी के बल्ले का किनारा लिया और बुमराह ने खुद कैच लेने में कोई गलती नहीं की.

मैच में पहली बार भारतीय टीम को जीत की उम्मीद दिखने लगी और इसका कारण थे दुनिया के नंबर एक गेंदबाज जसप्रीत बुमराह.

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मोहम्मद शमी- पहले स्पैल से हैट्रिक तक

एक इन-फॉर्म गेंदबाज को लगातार 3 मैच बेंच पर बैठना पड़े तो वो उस खिलाड़ी को भी बेचैन करेगा. ऐसे में किसी भी मौके पर वो टूट पड़ने के लिए तैयार रहेगा. मोहम्मद शमी ने यही किया. भुवनेश्वर की चोट के कारण शमी को इस वर्ल्ड कप में पहला मौका मिला और शमी ने अपनी पहली ही गेंद से लेकर आखिरी गेंद तक वो कमाल दिखाया, जो वो पिछले डेढ़ साल से कर रहे हैं.

शमी का पहला स्पैल अफगानिस्तान के बल्लेबाजों के लिए किसी खौफ से कम नहीं था. हजरतुल्लाह जाजई और गुलबदीन नाइब बस किसी तरह बचते रहे. शमी के दूसरे ओवर में ही एक LBW की अपील हुई, लेकिन गेंद मिलीमीटर भर के अंतर से लेगस्टंप के बाहर पिच हुई मानी गई और जाजई बच गए. भारत का रिव्यू भी खराब हुआ.

शमी की गेंद में सिर्फ स्पीड नहीं थी, बल्कि वो पैनापन था कि बल्लेबाज के लिए गलती की गुंजाइश नहीं. लेकिन एक आक्रामक बल्लेबाज कब तक रुकता.

जाजई ने शमी के चौथे ओवर की चौथी गेंद पर शॉट लगाने की कोशिश लेकिन गेंद की लाइन और उसकी तेजी ने जाजई को चकमा दिया और वो बोल्ड हो गए. शमी ने अपने पहले स्पैल में सिर्फ 4ओवर कराए और इसमें 1 मेडन, 1 विकेट और सिर्फ 6 रन आए.

शमी के पहले स्पैल की तारीफ खुद कप्तान विराट कोहली ने की. कोहली ने कहा- “पहले स्पैल में जितनी मूवमेंट शमी की गेंद में थी, उतनी किसी की गेंद में नहीं थी.”

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48वें ओवर में शमी की पहली ही गेंद पर LBW की अपील हुई और अंपायर ने नबी को आउट दे दिया, लेकिन रिव्यू ने उन्हें बचा लिया. इसके बावजूद इस ओवर में शमी ने सिर्फ 3 रन दिए.

50वें ओवर में शमी को जिम्मेदारी मिली 16 रन बचाने की. सामने थे बेहतरीन बल्लेबाजी कर रहे और अफगानिस्तान की आखिरी उम्मीद मोहम्मद नबी. हाथ में थे 3 विकेट.

  • पहली गेंद- फुल टॉस. नबी ने स्ट्रेट बाउंड्री पर जड़ दिया चौका.
  • दूसरी गेंद- नबी बड़ा शॉट नहीं लगा पाए, लेकिन कोई रन भी नहीं लिया.
  • तीसरी गेंद- यॉर्कर लेंथ. नबी ने लॉन्ग ऑन की ओर उठाई, लेकिन हार्दिक पांड्या ने दबाव में एक अच्छा कैच लेकर अफगानिस्तान को करारा झटका दिया.
  • चौथी गेंद- सामने बल्लेबाज (गेंदबाज) आफताब आलम. टेल एंडर को निपटाने के लिए जरूरी होती है यॉर्कर और शमी ने दिखाया कैसे परफेक्ट यॉर्कर कराई जाती है. आफताब आलम बोल्ड.
  • पांचवी गेंद- सामने थे 18 साल के मुजीब उर रहमान. मौका था शमी की हैट्रिक का. शमी ने एक बार फिर दिखाया कि लगातार तीन बार परफेक्ट यॉर्कर कराई जा सकती है. तेज, सटीक और निशाने पर. शमी ने इतिहास को अपने कदमों पर उतार दिया. वो वर्ल्ड कप में हैट्रिक लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बन गए.
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इन दोनों के अलावा हार्दिक पांड्या के 2 जरूरी विकेट और युजवेंद्र का बड़े मौकों पर आकर ब्रेकथ्रू दिलाना टीम के लिए मददगार साबित हुआ. कुलदीप विकेट नहीं ले पाए लेकिन इतना दबाव बनाया कि विकेट दूसरे छोर से गिरने लगे.

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