पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने साफ किया है कि दानिश कनेरिया के सम्बंध में दिए गए उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है. अख्तर के मुताबिक उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि हिंदू होने के नाते पाकिस्तानी टीम में कनेरिया के साथ गलत व्यवहार होता था.
अख्तर ने कहा कि पाकिस्तानी टीम में कभी भी इस तरह की संस्कृति नहीं रही है और खासतौर पर धर्म के आधार पर कभी-भी किसी खिलाड़ी के साथ भेदभाव नहीं किया गया.
अख्तर ने 26 दिसंबर एक टीवी कार्यक्रम में आरोप लगाया था कि पाकिस्तानी टीम में कुछ खिलाड़ी थे जो उन्हें टीम में नहीं चाहते थे क्योंकि वह हिंदू धर्म के थे. इसके बाद स्पॉट फिक्सिंग के कारण प्रतिबंध झेल रहे कनेरिया ने कहा था कि कुछ खिलाड़ी थे, जिन्होंने उन्हें निशाने पर लिया था लेकिन उन पर कभी भी धर्म परिवर्तन का दबाव नहीं था.
शनिवार को पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने भी कहा कि कनेरिया उनकी कप्तानी में खेले और इस दौरान उनके साथ किसी भी तरह के गलत व्यवहार की उन्हें कोई जानकारी नहीं.
‘एक-दो खिलाड़ी ही ऐसे थे’
अख्तर ने इन तमाम बातों को लेकर जारी विवाद पर सफाई पेश करने के लिए अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो पोस्ट किया. इस वीडियो में अख्तर ने कहा, "मैंने इस पूरे मामले को देखा है. मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है."
“हमें हर खिलाड़ी का सम्मान करना था लेकिन एक या दो खिलाड़ी ऐसे थे, जिन्होंने कनेरिया को टारगेट किया. इस तरह के खिलाड़ी हर जगह होते हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि इन्हें टीम के हर सदस्य का समर्थन मिलता है.”शोएब अख्तर, पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर
कनेरिया ने भी PCB पर लगाया था आरोप
कनेरिया ने अख्तर के इंटरव्यू के बाद पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर गम्भीर आरोप लगाए. कनेरिया ने शनिवार को कहा था कि प्रतिबंध लगने के बाद इन दोनों ने उनकी कोई मदद नहीं की.
कनेरिया ने ट्विटर पर लिखा,
“यह सच है कि मेरे कबूलनामे के बाद मुझे पाकिस्तान सरकार या बोर्ड से किसी तरह का समर्थन नहीं मिला जबकि मेरी ही जैसी स्थिति से निकले अन्य खिलाड़ी पाकिस्तान के लिए खेल रहे हैं. वो भी पीसीबी के समर्थन के साथ और उन्हें सम्मान भी दिया जा रहा है.”
39 साल के पूर्व लेग स्पिनर कनेरिया ने हालांकि कहा है कि पाकिस्तान की जनता ने उनसे कभी मुस्लिम प्रधान देश में हिन्दु होने पर सौतेला व्यवहार नहीं किया.
कनेरिया ने लिखा, "पाकिस्तान के लोगों ने हालांकि मेरे साथ कभी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया. मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं पाकिस्तान के लिए पूरी ईमानदारी से खेल सका. अब यह मेरे देश की सरकार, इमरान खान, पीसीबी का मसला है, मेरा भविष्य उनके हाथ में है."
(इनपुटः IANS)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)