वीडियो एडिटर: संदीप सुमन
दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (DDCA) की रविवार 29 दिसंबर को वार्षिक आम बैठक (AGM) थी, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात होनी थी. चर्चा होनी थी और प्रस्ताव पास किए जाने थे, लेकिन हुआ कुछ और ही.
बैठक के दौरान एसोसिएशन के अधिकारियों के बीच जस्टिस (सेवानिवृत्त) बदर दुर्रेज अहमद को हटाए जाने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगे और स्थिति इतनी बिगड़ गयी कि नौबत हाथापाई तक जा पहुंची.
IANS के मुताबिक, बैठक में नाटक और हो-हल्ला भी हुआ. संयुक्त सचिव राजन मनचंदा के साथ एपेक्स काउंसिल के सदस्यों ने धक्का-मुक्की की.
DDCA पिछले करीब डेढ़ साल से लगातार विवादों में घिरा रहा है. रजत शर्मा के 2018 में अध्यक्ष बनने के बाद इसके सचिव विनोद तिहारा को किनारे कर दिया गया था.
वहीं हाल ही में रजत शर्मा ने दिल्ली में लोगों के निजी स्वार्थ और खींचतान भरा बताया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि एसोसिएशन में काम करना बेहद मुश्किल है.
रजत शर्मा के इस्तीफा देने के बाद से हालात और खराब हो गए. रणजी ट्रॉफी के लिए टीम चयन में अनियमितता से लेकर मनमानी के आरोप लगते रहे. ऐसे में मौजूदा AGM बेहद अहम थी, लेकिन कई महीनों से चल रही जुबानी खींचतान इस मौके पर सरे आम मारपीट में बदल गई.
वहीं सांसद बनने से पहले तक एसोसिएशन के सदस्य रहे भारत के पूर्व ओपनर और दिल्ली के पूर्व कप्तान गौतम गंभीर ने भी इसपर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की. गंभीर ने घटना का वीडियो ट्वीटर किया और लिखा -
“DDCA पूरी तरह से ढेर हो गया है. देखिये कैसे मुट्ठी भर लोग एक संस्था का मजाक बना रहे हैं. मैं BCCI से अपील करता हूं कि DDCA को तुरंत भंग किया जाए और इसमें घटना में शामिल लोगों पर आजीवन प्रतिबन्ध लगाया जाए.”
वहीं शाम को DDCA ने अपने ट्विटर हैंडल से एक बयान जारी किया, लेकिन इसमें इस घटना का कहीं भी जिक्र नहीं किया गया. DDCA के बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर्स की तरफ से जारी इस बयान में सदस्यों को बैठक में शामिल होने के लिए शुक्रिया अदा किया गया था.
दीपक वर्मा लोकपाल नियुक्त
वहीं इस बैठक में पूर्व जस्टिस दीपक वर्मा को दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (DDCA) का नया लोकपाल नियुक्त किया गया है.
डीडीसीए निदेशक संजय भारद्वाज ने कहा, "हमारे पास पांच बिंदु थे. हमने सभी को लागू कर दिया. हां, कुछ मुद्दों पर बहस हुई लेकिन कोई विशेष चर्चा योग्य नहीं है." कुछ मुद्दों को लेकर असहमति थी लेकिन इसके बावजूद एजेंडे को लागू किया गया.
एजेंडे के दो मुद्दे एकाउंट्स से जुड़े हुए थे जबकि एक मुद्दा दो निदेशकों की दोबारा नियुक्ति को लेकर थी. एक अधिकारी ने कहा, "लोकपाल के आदेश के मुताबिक 13 जनवरी से पहले हमें अपना नया अध्यक्ष चुन लेना है."
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