भारतीय क्रिकेट टीम को नई दिशा देने वाले पूर्व कप्तान सौरव गांगुली एक बार फिर भारतीय क्रिकेट में सबसे बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं. गांगुली अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की बागडोर संभालने को तैयार हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बीसीसीआई से जुड़े सभी सदस्य राज्यों ने गांगुली के नाम पर सहमति जताई है और अब गांगुली का बोर्ड अध्यक्ष बनना तय है.
बीसीसीआई के नए अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों का चुनाव 23 अक्टूबर को होना है. इन पदों के लिए नामांकन की आखिरी तारीख सोमवार 14 अक्टूबर है. हालांकि सभी सदस्यों के एकमत होने की स्थिति में चुनाव नहीं होंगे.
शुरुआत में पूर्व टेस्ट क्रिकेटर बृजेश पटेल इस पद की दौड़ में सबसे आगे नजर आ रहे थे और उनको पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन का मजबूत समर्थन मिल रहा था. लेकिन रविवार को मुंबई में सभी सदस्य राज्यों की अनौपचारिक बैठक में आखिरी वक्त पर गांगुली के नाम पर सहमति बन गई.
47 साल के गांगुली फिलहाल बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (सीएबी) के अध्यक्ष हैं. हाल ही में गांगुली को दूसरी बार सीएबी का अध्यक्ष चुना गया था.
बीसीसीआई से जुड़ी नॉर्थ-ईस्ट यूनिट के एक सदस्य ने पीटीआई से बातचीत में कहा,
“हां, बृजेश अध्यक्ष पद की दौड़ में थे और एन श्रीनिवासन उनके लिए जबरदस्त लॉबी कर रहे थे. हालांकि उनके खिलाफ जबरदस्त विरोध हुआ. हमें खुशी है कि सौरव नए अध्यक्ष होंगे.”
हालांकि गांगुली सिर्फ जुलाई 2020 तक बोर्ड के नए अध्यक्ष रहेंगे क्योंकि बीसीसीआई के नए संविधान के तहत 6 साल तक प्रशासनिक पद पर रहने के बाद उन्हें “कूलिंग ऑफ पीरियड” से गुजरना होगा. गांगुली 2014 में सीएबी से जुड़े थे. 2015 में तत्कालीन सीएबी अध्यक्ष जगमोहन डालमिया के निधन के बाद गांगुली इसके अध्यक्ष बने थे.
हालांकि गांगुली के बोर्ड अध्यक्ष बनने के साथ ही भारतीय क्रिकेट में एक नया अध्याय शुरू होगा. साथ ही करीब 33 महीनों से चला आ रहा प्रशासकों की समिति (सीओए) का कार्यकाल भी खत्म होगा.
वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बेटे और गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष जय शाह बोर्ड के नए सचिव होंगे, जबकि अरुण धूमल बोर्ड के नए कोषाध्यक्ष (ट्रेजरर) होंगे.
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