भारतीय टेस्ट टीम के बल्लेबाज हनुमा विहारी ने कहा है कि सिडनी टेस्ट में रविचंद्रन अश्विन ने बड़े भाई की तरह उनका मार्गदर्शन किया. इन दोनों की टिकाऊ पारियों के दम पर भारत तीसरा टेस्ट मैच ड्रॉ कराने में सफल रहा था.
निराश होने पर बात करते थे अश्विन
विहारी ने बीसीसीआई डॉट टीवी से बात करते हुए कहा,
“आखिरी ओवर में बल्लेबाजी करना शानदार अनुभव रहा. यह ऐसी चीज थी जिसके बारे में आप सिर्फ सपने में सोच सकते थे- टेस्ट मैच के पांचवें दिन बल्लेबाजी, सीरीज 1-1 से ड्रॉ. अगर आप टीम के लिए कर सकते हैं, तो यह संतुष्टि धीरे-धीरे आपको शांति देती है और फिर आपको पता चलता है कि यह कितना बड़ा प्रयास था.”
उन्होंने कहा, "मैं बेहद खुश हूं. एक बड़े भाई की तरह वह मुझसे जब भी उन्हें महसूस होता कि मैं थोड़ा निराश सा हो रहा हूं तो वह बात कर रहे थे. वह मुझसे कह रहे थे कि सिर्फ एक बार में एक गेंद पर फोकस करो. इसे जितना देर तक ले जा सकते हो ले ले जाओ, 10 गेंद एक बार में.. यह बेहद खास था."
अच्छा साबित हुआ ड्रॉ कराना
अश्विन ने 128 गेंदों पर 39 रनों की पारी खेली और इस दौरान उनकी पीठ में भी दर्द हो रहा था. विहारी ने कहा कि अगर चेतेश्वर पुजारा आखिरी तक होते तो भारत मैच जीत सकता था.
उन्होंने कहा, "उस मैच में ड्रॉ कराना हमारे लिए शानदार परिणाम रहा. मुझे लगा था कि मैं चोटिल नहीं हूं और पुजारा यहां हैं तो हम परिणाम हमारे पक्ष में होगा और यह एक शानदार जीत होगी. लेकिन फिर भी 10 अंक मिलना बड़ा परिणाम है."
पुजारा ने 205 गेंदों का सामना करते हुए 77 रनों की पारी खेली थी. उनके आउट होने के बाद ही विहारी और अश्विन ने शानदार साझेदारी की और सनिश्चित किया कि मैच ड्रॉ रहे. चार मैचों की टेस्ट सीरीज इस समय 1-1 से बराबरी पर है.
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