भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने प्रतिस्पर्धी क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी है. पंजाब के 41 वर्षीय फिरकी गेंदबाज ने अपने शानदार करियर में 103 टेस्ट में 417 विकेट, 236 वनडे मैचों में 269 विकेट और 28 टी20 मैचों में 25 विकेट लिए हैं.
1998 में शारजाह में न्यूजीलैंड के खिलाफ डेब्यू करने से लेकर मार्च, 2016 में ढाका में UAE के खिलाफ आखिरी बार मैच में भारत के लिए पिच पर उतरने के बीच सबने हरभजन सिंह का कमाल - गेंद और बल्ले, दोनों से - खूब देखा.
लेकिन साथ ही इस फिरकी गेंदबाज के लिए विवादों की फेहरिस्त भी काफी लंबी रही. मंकीगेट से लेकर स्लैपगेट तक- डालते हैं नजर हरभजन सिंह के “कॉन्ट्रवर्सी लव” पर एक नजर.
मंकीगेट विवाद
हरभजन सिंह अपने करियर के शुरूआती दिनों से ही पिच पर अपने जुझारू अंदाज के लिए जाने जाते रहे. और जब मैच कांटे के टक्कर में फंसा हो, तो क्या ही कहना. सिडनी टेस्ट के तीसरे दिन पिच पर मौजूद सचिन और हरभजन मैच बचाने के लिए खेल रहे थे और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज स्लेजिंग के लिए मशहूर थे. इसी नोक-झोक में हरभजन ने पलटकर सायमंड्स को जवाब दे दिया.
इसके बाद ऑस्ट्रेलियन कप्तान रिकी पोन्टिंग ने हरभजन सिंह पर नस्लीय टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए मैच रेफरी से शिकायत कर दी. आरोप लगाया कि हरभजन ने सायमंड्स को मंकी यानी बन्दर कहा था. दिन के खेल ख़त्म होने पर 6 घंटे की सुनवाई के बाद हरभजन सिंह पर 3 मैचों का बैन लगा दिया गया.
जब “मंकीगेट” विवाद बढ़ा तो मामला न्यूज़ीलैंड हाईकोर्ट के जज जॉन हैन्सन को सुनवाई के लिए सौंप दिया गया. आखिरकार भारतीय टीम की दलील - कि भज्जी ने सायमंड्स को मंकी से मिलता-जुलता एक भारतीय गाली दी थी- को सही माना गया भज्जी आरोपों से बरी हो गए.
रॉयल स्टैग के विज्ञापन पर बवाल
अल्कोहल ब्रांड रॉयल स्टैग के ब्रांड एंबेसडर में से एक हरभजन 2006 में अपनी पगड़ी के बिना इसके विज्ञापन में दिखाई दिए. इसने रूढ़िवादी सिखों की भावनाओं को आहत किया और हरभजन के विरोध में रोड पर उनके पुतले जलाए गए. पुतले जलाने की यह घटना उनके होमटाउन जालंधर में भी हुई.
यहां तक कि एक धार्मिक संस्था ने हरभजन से माफी की मांग की और ब्रांड से विज्ञापन वापस लेने को कहा. मामला तब जाकर ठंडा हुआ जब बाद में कंपनी ने इस विज्ञापन को हटा लिया और हरभजन सिंह ने भी बिना शर्त के माफी मांग ली.
'रावण-सीता' डांस के लिए आलोचना
सिर्फ ऑन-फील्ड विवाद ही नहीं, भज्जी ने मैदान के बाहर भी अधिक विवादों को आकर्षित किया. 2008 में एक डांस शो-एक खिलाड़ी एक हसीना.’- में टीवी स्टार मोना सिंह के साथ हरभजन के 'रावण-सीता' डांस नंबर ने सिख और हिंदू, दोनों समुदायों को नाराज कर दिया.
तत्कालीन अकाल तख्त प्रमुख ने कहा, "मुझे लगता है कि इस तरह से धार्मिक देवताओं का मजाक उड़ाना अनुचित है. रावण अपनी बुराई के लिए जाना जाता है. रावण और सीता एक साथ कैसे डांस कर सकते हैं? यह नृत्य दो सिखों द्वारा किया गया निंदनीय है.”
जब श्रीसंत को जड़ा थप्पड़
2008 में आईपीएल के पहले सीजन में, मुंबई इंडियंस का नेतृत्व कर रहे हरभजन ने मोहाली में किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ मैच के बाद श्रीसंत को थप्पड़ मार दिया.
उन्हें न केवल उनकी मैच फीस का 100% जुर्माना लगाया गया था, बल्कि उन्हें शेष आईपीएल के लिए निलंबित कर दिया गया था. उनपर पांच एकदिवसीय मैचों के लिए भी बैन लगाया गया था और अगर उन्होंने अपराध दोहराया तो बीसीसीआई द्वारा आजीवन बैन लगाने की भी चेतावनी दी गयी.
राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) से किए गए बाहर
2000 में हरभजन दिग्गज ऑफ स्पिनरों- इरापल्ली प्रसन्ना और श्रीनिवास वेंकटराघवन के अंडर सीखने के लिए राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में भेजे गए ट्रेनी के पहले समूह में से थे. लेकिन हरभजन सिंह को अपने उद्देश्यों का पालन नहीं करने और फिजिकल वर्कआउट नहीं करने के लिए बैंगलोर में अकादमी से सस्पेंड कर दिया गया था.
इंडियन एयरलाइंस के साथ उनकी स्पॉन्सरशिप डील को भी रिव्यु किया गया क्योंकि उन्हें अनुशासनात्मक आधार पर अकादमी से सस्पेंड कर दिया गया था.
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