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पुणे में अनाथालय के दरवाजे से उठकर बनी दुनिया की नंबर 1 क्रिकेटर

भारत के पुणे में हुआ था लीसा स्थलेकर का जन्म, अनाथालय में छोड़ गए थे मां-बाप

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ऑस्ट्रेलिया की पूर्व महिला क्रिकेटर लीसा स्थलेकर को हाल ही में आईसीसी हॉल ऑफ फेम में जगह मिली. लेकिन लीसा का यहां तक का सफर काफी दिलचस्प रहा है. क्योंकि उनकी जिंदगी का सफर ऑस्ट्रेलिया के किसी आलीशान घर में नहीं बल्कि भारत के पुणे में एक अनाथालय में शुरू हुआ था. जिसके बाद उनकी किस्मत और मेहनत ने आज उन्हें आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल कर दिया है.

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कामयाबी की बुलंदियों को छू चुकीं लीसा का जन्म 13 अगस्त 1978 को पुणे में हुआ था. लेकिन उन्हें जन्म देने वाले माता-पिता ने जन्म के तुरंत बाद उन्हें एक अनाथालय की सीढ़ियों पर छोड़ दिया. श्रीवत्स अनाथलय ने बच्ची को अपनाया और उसका नाम लीला रख दिया.

कैसे पलट गई किस्मत

बच्ची के अनाथालय में जाने के कुछ ही समय बाद वहां अमेरिका के मिशीगन में रहने वाले कपल हेरेन और स्यू आए, जिनकी पहले से ही एक बेटी थी, लेकिन वो एक बेटे को गोद लेना चाहते थे. उन्होंने लड़के की खूब तलाश की, लेकिन उन्हें नहीं मिला. जिसके बाद स्यू की नजर भूरी आंखों वाली नन्ही लैला पर पड़ी और उन्हें उससे प्यार हो गया. इस कपल ने तय किया कि वो लैला को गोद लेंगे. सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद कपल लैला को अमेरिका ले गया और उसका नाम लैला से बदलकर लीसा रख दिया. इसके बाद ये कपल सिडनी में सैटल हो गया.

कैसे शुरू हुआ क्रिकेट से लगाव

अब भारत से अमेरिका आने और लैला से लीसा बनने के बाद करियर की बारी थी. बचपन में सबसे पहले लीसा को उनके पिता ने क्रिकेट से रूबरू करवाया. वो अपनी बेटी के साथ अपने घर के पीछे बने बैकयार्ड में क्रिकेट खेला करते थे. इसके बाद लीसा पास के ग्राउंड में लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने लगीं. इसी तरह लीसा और क्रिकेट के बीच लगातार करीबी बढ़ती गई और वो पढ़ाई के साथ-साथ क्रिकेट खेलती रहीं. इसके बाद लीसा ने क्रिकेट जगत में आधिकारिक तौर पर एंट्री ली.

  • लीसा ने 1997 में साउथ वेल्स के लिए अपना डेब्यू किया
  • 2001 में लीसा ने ऑस्ट्रेलिया के लिए वनडे डेब्यू किया
  • 2003 में लीसा का टेस्ट डेब्यू हुआ
  • 2005 में लीसा ने अपना टी-20 डेब्यू किया

लीसा का क्रिकेट करियर काफी अच्छा रहा. उन्होंने कुल 8 टेस्ट खेले, जिसमें उन्होंने 416 रन बनाए और 23 विकेट लिए. इसके अलावा लीसा ने कुल 125 वनडे मैच खेले, जिनमें उन्होंने 2728 रन बनाए और 146 विकेट अपने नाम किए. टी-20 की अगर बात करें तो लीसा ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 54 टी-20 मैच खेले, जिनमें कुल 769 रन बनाए और 60 विकेट भी लिए.

वो पहली ऐसी महिला क्रिकेटर हैं, जिन्होंने वनडे मैचों में 2 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं और 100 से ज्यादा विकेट भी लिए हैं. अगर आईसीसी रैंकिंग की बात करें तो वो इस रैंकिंग में बतौर ऑल राउंडर पहले पायदान पर थीं. लीसा ऑस्ट्रेलियन टीम की कप्तान भी रह चुकी हैं. साथ ही 4 वर्ल्ड कप टाइटल (वनडे और टी-20) अपने नाम करने वाली टीम का हिस्सा भी रह चुकी हैं.

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