इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के बोर्ड ने गुरुवार को फैसला किया कि विवादास्पद ‘अंपायर्स कॉल’ अंपायरों के फैसले की समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) का हिस्सा बनी रहेगी, लेकिन मौजूदा डीआरएस नियमों में कुछ बदलावों को मंजूरी दी गई है.
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अंपायर्स कॉल को भ्रमित करने वाला करार दिया था और पिछले कुछ वक्त से यह विवाद का विषय रहा है.
आईसीसी की क्रिकेट कमेटी के प्रमुख और पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले ने कहा है, ‘‘अंपायर्स कॉल को लेकर क्रिकेट समिति में शानदार चर्चा हुई और इसके इस्तेमाल का विस्तृत आकलन किया गया.’’
इसके अलावा उन्होंने कहा है, ‘‘डीआरएस का सिद्धांत यह है कि मैच के दौरान स्पष्ट गलतियों को दूर किया जा सके जबकि यह भी सुनिश्चित हो कि मैदान पर फैसले करने वालों के रूप में अंपायरों की भूमिका बनी रहे... अंपायर्स कॉल से ऐसा होता है और यही कारण है कि यह अहम है कि यह बरकरार रहे.’’
आईसीसी की क्रिकेट कमेटी ने डीआरएस और तीसरे अंपायर से जुड़े नियमों में तीन बदलावों को मंजूरी दी है.
इनको लेकर एक बयान में बताया है, ‘‘एलबीडब्ल्यू के रिव्यू के लिए विकेट जोन की ऊंचाई को बढ़ाकर स्टंप के शीर्ष तक कर दिया गया है.’’ इसका मतलब हुआ कि अब रिव्यू लेने पर बेल्स के ऊपर तक की ऊंचाई पर गौर किया जाएगा जबकि पहले बेल्स के निचले हिस्से तक की ऊंचाई पर गौर किया जाता था. इससे विकेट जोन की ऊंचाई बढ़ जाएगी.
मौजूदा नियमों के मुताबिक, एलबीडब्ल्यू के मामले में अगर अंपायर के नॉटआउट के फैसले को चुनौती दी जाती है तो उसे बदलने के लिए गेंद का 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सा कम से कम एक स्टंप से टकराना चाहिए, ऐसा न होने की स्थिति में बल्लेबाज नॉटआउट ही रहता है. कोहली का कहना था कि अगर गेंद का थोड़ा हिस्सा भी स्टंप से टकरा रहा है तो बल्लेबाज को आउट दिया जाए.
एलबीडब्ल्यू के फैसले की समीक्षा पर फैसला लेने से पहले खिलाड़ी अंपायर से पूछ पाएगा कि गेंद को खेलने की वास्तविक कोशिश की गई थी या नहीं.
बयान में कहा गया है, ‘‘तीसरा अंपायर शॉर्ट रन की स्थिति में रीप्ले में इसकी समीक्षा कर पाएगा और अगर कोई गलती होती है तो अगली गेंद फेंके जाने से पहले इसे सही करेगा.’’
साथ ही फैसला किया गया है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बहाल करने के लिए 2020 में लागू किए गए अंतरिम COVID-19 नियम जारी रहेंगे.
आईसीसी ने कहा है, ‘‘समिति ने पिछले नौ महीने में घरेलू अंपायरों के शानदार प्रदर्शन पर गौर किया है लेकिन जहां भी हालात के कारण संभव हो वहां तटस्थ एलीट पैनल अंपायरों की नियुक्ति को प्रोत्साहन दिया है.’’
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)