ADVERTISEMENTREMOVE AD

धोनी पर बायोपिक बन सकती है तो उमेश पर क्यों नहीं!

2015 वर्ल्ड कप के दौरान उमेश टीम इंडिया के लिए सबसे कामयाब गेंदबाज थे

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

सिर्फ 5 तेज गेंदबाजों ने भारतीय टेस्ट इतिहास में उमेश यादव(Umesh Yadav) से ज्यादा विकेट हासिल किए हैं. बावजूद इसके उमेश का नाम मोहम्मद शमी, जवागल श्रीनाथ, जहीर खान, ईशांत शर्मा और कपिल देव के साथ लेने में बहुत सारे क्रिकेट प्रेमी सहज महसूस नहीं करते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

उमेश में किसी की नहीं बची थी उम्मीद

बात सिर्फ लाल गेंद की नहीं है. 2015 वर्ल्ड कप के दौरान उमेश टीम इंडिया के लिए सबसे कामयाब गेंदबाज थे लेकिन फिर भी उन्हें सफेद गेंद की क्रिकेट में कोई गंभीरता से नहीं लेता था. आईपीएल में भी उमेश को लेकर टीमों में कोई जबरदस्त उत्साह नहीं दिखता था और यही वजह है कि 121 मैच खेल कर 119 विकेट चटकाने वाले इस खिलाड़ी का नाम जब 2022 की मेगा नीलामी में सबके सामने आया तो एक नहीं बल्कि दो बार किसी भी टीम ने उन पर बोली नहीं लगाई थी.

शायद कोच और मालिकों के जेहन में IPL 2019 का वो मैच रहा हो जहां एम एस धोनी ने अपने उतार वाले दौर में भी उमेश के आखिरी ओवर में जीत के लिए 26 रन में 24 रन बनाकर चेन्नई को सनसनीखेज जीत दिला दी थी. उमेश के चेहरे पर हताशा के उस भाव को देख कर आज ये यकीन करना मुश्किल है कि क्रिकेट में ऐसी वापसी भी मुमकिन है

गजब की वापसी

दरअसल, अगर सिर्फ प्रेरणा के लिहाज से देखा जाय तो धोनी जैसी ही बायोपिक उमेश के करियर पर बन सकती है. धोनी में तो नैसर्गिक प्रतिभा कूटकूट कर भरी थी और सुपरस्टार बनने के बाद उनके चाहने वाले करोड़ों की संख्या में है. लेकिन, अगर उमेश की कहानी पर नजर डालें तो कोल-माइन में काम करने वाले एक मजदूर का बेटा जिसके पास किसी भी तरह की सुविधाएं नहीं थीं, वो भारत के लिए क्रिकेट खेलने का सपना ना सिर्फ देखता है बल्कि पूरा भी करता है.

लेकिन, उमेश की कहानी सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है क्योंकि ऐसी तो भारत के लिए खेलने वाले कई खिलाड़ियों की कहानी है- खासतौर पर वो जो छोटे शहरों से निम्न मध्यम वर्ग परिवारों से आते हैं.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

उमेश की कहानी आपके लिए, हमारे लिए उस मायने में खास है कि अगर आपको कामयाबी के बावजूद मौके नहीं मिल रहे तो हताश होने की जरूरत नहीं है. अपने वक्त का इतंजार करें और मेहनत करते रहें, किस्मत जरूर पलटेगी. साल 2020 की शुरुआत से उमेश ने भारत के लिए 15 टेस्ट नहीं खेले और इस दौरान वो 26 लीग मुकाबले भी IPL में नहीं खेल पाए. मतलब कि आईपीएल में पिछले दो सालों में वो सिर्फ औपचारिकता वाले मैच ही खेले.

ऐसे में जब इस साल की शुरुआत में नीलामी के दौरान नीलामीकर्ता ने तीसरी बार उमेश का नाम पुकारा तब कोलकाता नाइट राइडर्स KKR ने अनमने ढंग से ही सही उन्हें बेस प्राइज 2 करोड़ में टीम में शामिल कर लिया. और अब तीन मैचों के बाद उमेश 8 विकेट लेकर इस सीजन की सबसे बड़ी कहानी बनकर सामने आए हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

उमेश के करयिर से हमें और एक और सीख मिलती है. जिस दौर में उमेश अपने करियर के सबसे जबरदस्त फॉर्म में थे उसी दौर में भारत के पास जसप्रीत बुमराह से लेकर मोहम्मद सिराज जैसे युवा तेज गेंदबाजों की फौज भी थी. लेकिन, उमेश ने कभी भी नई प्रतिभाओं के आने से खुद में असुरक्षा की भावना को पनपने नहीं दिया और यथार्थ को स्वीकारने में हिचक नहीं दिखाई. उन्हें शायद पता था कि उन्हें पहले से ज्यादा मेहनत करनी है, खुद को फिर से साबित करना है. और बस इसी नजरिये ने उन्हें आज सुर्खियों में ला खड़ा किया है जिसकी उम्मीद आईपीएल में शायद ही किसी ने इससे पहले की होगी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×