सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि भारतीय टीम (Team India) प्रबंधन ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल में न्यूजीलैंड की दूसरी पारी में गेंदबाजी संयोजन में गलती की और तो और रवींद्र जडेजा से कम गेंदबाजी कराना उस पर भारी पड़ा. टेस्ट और एकदिवसीय मैचों में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड रखने वाले तेंदुलकर ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि पहले कुछ दिनों में धूप की कमी के कारण स्पिनर कभी खेल में नहीं आए, खासकर बाएं हाथ के स्पिनर रवींद्र जडेजा जिन्होंने पहली पारी में केवल 7.2 ओवर फेंके. जडेजा ने हालांकि छठे दिन दूसरी पारी में केवल आठ ओवर फेंके जब सूरज निकला.
'हवा से मिलने वाली मदद को ध्यान में रखना था'
सचिन ने कहा, देखिए जब आप पांच गेंदबाजों को लेकर खेलते हैं, तो यह असंभव है कि सभी पांच गेंदबाजों को समान ओवर मिले. यह उस तरह से काम नहीं करता है. आपको पिच की स्थिति, ओवरहेड की स्थिति, हवा से मिलने वाली मदद को ध्यान में रखना होगा. उसी के अनुसार आप फैसला करते हैं. तेंदुलकर ने कहा कि उन्होंने रविचंद्रन अश्विन को पहली पारी में जडेजा (7.2-2-20-1) की तुलना में अधिक ओवर (15-5-28-2) गेंदबाजी कराने के पीछे के तर्क को समझा, क्योंकि न्यूजीलैंड के बाएं हाथ की गति द्वारा बनाए गए फुटमार्क थे. गेंदबाजों और विपक्ष के पास बाएं हाथ के बल्लेबाज थे. उन्होंने दूसरी पारी में जडेजा को बदकिस्मत बताया.
गेंदबाजी कॉम्बिनेशन सही नहीं- तेंदुलकर
100 अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले एकमात्र व्यक्ति ने कहा कि साउथेम्प्टन की पिच तेज गेंदबाजों के अनुकूल है न कि स्पिनरों के लिए.तेंदुलकर ने कहा, अगर लोगों को समान अवसर नहीं मिला, तो इसका कारण यह था कि तेज गेंदबाजों को मदद मिल रही थी. स्पिनरों के लिए पिचें हैं, तेज गेंदबाजों के लिए पिचें हैं. इसलिए आपको परिस्थितियों को समझना होगा.भारत ने दो स्पिनरों और तीन पेसरों के साथ खेला, जबकि न्यूजीलैंड ने चौतरफा तेज आक्रमण किया. एक सीम-बॉलिंग ऑलराउंडर कॉलिन डी ग्रैंडहोम ने पांचवें गेंदबाज के रूप में काम किया.भारत डब्ल्यूटीसी फाइनल में आठ विकेट से हार गया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)