महिला विश्व कप (Women World Cup 2022) में भारत बनाम पाकिस्तान (IND vs PAK) मैच में भारत की तरफ से पूजा वस्त्राकर ने सबसे ज्यादा 67 रनों की पारी खेली और भारत की डूबती नांव को बचा लिया. अपने पहले वर्ल्ड कप के पहले ही मैच में पूजा वस्त्राकर का ये कमाल बताता है कि उन्होंने इसके पीछे कितने संघर्ष झेले हैं.
10 साल की उम्र में मां का निधन
अपने 7 भाई-बहनों में सबसे छोटी पूजा ने 10 साल की उम्र में ही अपनी मां को खो दिया था. जीवन उस समय बिल्कुल आसान नहीं था. उनके पिता, बीएसएनएल में एक पूर्व कर्मचारी रहे हैं. उन्होंने ही बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी निभाई.
पूजा ने कड़ी मेहनत के दम पर सिर्फ 6 अंतरराष्ट्रीय मैचों के आधार पर अपना सेंट्रल कांट्रेक्ट पा लिया.
खत्म होने वाला था करियर
जिस चीज ने पूजा को सबसे ज्यादा चुनौति दी वह थी चोटें. ये चोटें उनके करियर को शुरू होने से पहले ही खत्म करने की क्षमता रखती थीं. साल 2016 में पूजा चोटिल हो गईं जिसके चलते 2017 में हुए वनडे वर्ल्ड कप में हिस्सा नहीं ले सकी थीं. 2018 में उन्हें पहली बार दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारतीय टीम में शामिल किया गया. उनका ODI डेब्यू यहीं हुआ, लेकिन इसके बाद फिर चोट ने उनका पीछा नहीं छोड़ा.
टी20 वर्ल्ड कप के दौरान उनके घुटने में फिर चोट लगी और वर्ल्ड कप से बाहर होना पड़ा. उनके दोनों घुटनों का ऑपरेशन हुआ और NCA में रिहैब सेंटर में रहीं. ऐसा लगा कि बार-बार चोट के कारण पूजा का करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाएगा, लेकिन उन्होंने 2019 में एक बार फिर वापसी की.
भारत की नाक बचाई
पाकिस्तान के खिलाफ मैच में पूजा भारत के लिए संकट मोचक बन कर आईं. एक स्थिति ऐसी थी जब भारत सिर्फ 114 रन पर 6 विकेट गंवा चुका था और पाकिस्तान की टीम पूरी तरह मैच में हावी दिख रही थी. वहां से पूजा ने स्नेह राणा (53) के साथ मिलकर सातवें विकेट के लिए 122 रनों की साझेदारी कर डाली. पूजा ने भारत की तरफ से सबसे ज्यादा 67 रन बनाए. उनकी पारी की बदौलत ही भारत 244 रनों के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंच सका.
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