ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुंबई में खेले गए सीरीज के पहले वनडे में मिली अप्रत्याशित 10 विकेट से हार के बाद भारतीय टीम के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं. वानखेड़े में ऑस्ट्रेलिया ने जिस तरह का प्रदर्शन किया था उसने एक तरह से मेजबान टीम की कई कमियों को उजागर किया था और अब विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम 17 जनवरी को खेले जाने वाले दूसरे वनडे में चुनौतीपूर्ण वापसी की कोशिश में होगी.
पहले मैच के बाद कोहली ने भी माना था कि यह ऑस्ट्रेलियाई टीम बेहद मजबूत है और इसके खिलाफ वापसी करना कठिन चुनौती होगी. राजकोट के सौराष्ट्र क्रिकेट संघ स्टेडियम में भारतीय टीम इस चुनौती को कैसे पार करती है यह देखना बेहद दिलचस्प होने वाला है.
पिछले मैच में ऑस्ट्रेलिया ने न तो भारत को बड़ा स्कोर खड़ा करने दिया और इससे भी बुरा उसे एक भी विकेट नहीं लेने दिया. जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी जैसे गेंदबाजों के रहते डेविड वॉर्नर और एरॉन फिंच की सलामी जोड़ी आसानी से रन बनाती रही और भारतीय गेंदबाजों को विकेट के लिए तरसाती रही.
राजकोट में कोहली के सामने हालांकि सबसे बड़ी चुनौती बल्लेबाजी क्रम है. सही मायनों में देखा जाए तो यह नई परेशानी नहीं है वर्ल्ड कप के पहले ही भारत के मध्य क्रम और निचले क्रम की कलई कई बार खुलती रही है. मुंबई वनडे उस संख्या में इजाफा था जिसने बता दिया था कि भारतीय मध्य क्रम और निचले क्रम में शीर्ष गेंदबाजों से निपटने का दम अभी तक नहीं आया है.
इसके अलावा शीर्ष क्रम में बल्लेबाजों के स्थानों को लेकर भी माथापच्ची होनी है. रोहित शर्मा, शिखर धवन और लोकेश राहुल के रूप में तीन सलामी बल्लेबाजों के रहते हुए कौन कहां खेलेगा यह सिरदर्द बना हुआ है.
मुंबई में रोहित और धवन ने ओपनिंग की थी तो राहुल नंबर-3 खेले थे. कोहली को इस कारण चौथे नंबर पर आना पड़ा था.
कोहली के इस नंबर पर आने की कई पूर्व खिलाड़ियों ने आलोचना की थी और यह तक कहा था कि कोहली को नंबर-3 पर ही खेलना चाहिए. राजकोट में बहुत मुमकिन है कि कोहली अपने पुराने स्थान पर खेलें. अब देखना यह है कि सलामी बल्लेबाजी कौन करता है. संभावना है कि रोहित और धवन सलामी जोड़ी के रूप में रहेंगे और राहुल नंबर-4 पर खेलें.
राहुल का खेलना तय है इसका एक कारण यह है कि उन्हें दूसरे मैच में बतौर स्पेशलिस्ट विकेटकीपर के तौर पर खिलाया जाएगा क्योंकि ऋषभ पंत चोट के कारण दूसरे मैच में नहीं खेलेंगे.
पहले मैच में उन्हें सिर में चोट लगी थी और इसी कारण वह पहले मैच में फील्डिंग करने नहीं उतरे थे. वानखेड़े में भी राहुल ने विकेटकीपिंग की थी. अब देखना होगा कि पंत के स्थान पर टीम में कौन आता है. कोहली किसी बल्लेबाज को अंतिम-11 में लाते हैं या हरफनमौला खिलाड़ी शिवम दुबे को मौका देते हैं. कोहली अगर दुबे को मौका दें तो हैरानी वाली बात नहीं होगी क्योंकि इससे उन्हें गेंदबाजी में भी विकल्प मिलेगा.
कुल मिलाकर दूसरे मैच से पहले टीम प्रबंधन के सामने बल्लेबाजी क्रम को व्यवस्थित करने की चुनौती है, और यही हाल गेंदबाजी का भी है. बुमराह और शमी बेअसर रहे थे, लेकिन ऐसा बहुत कम होता है कि यह दोनों प्रभाव नहीं छोड़ पाएं. हां स्पिन विभाग में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं. युजवेंद्र चहल के अंतिम-11 में आने की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया जा सकता.
वहीं, ऑस्ट्रेलिया पहले मैच में मिली जीत के बाद आत्मविश्वास से लबरेज होगी लेकिन वो जानती है कि भारत जख्मी शेर है जो वापसी को बेताब होगा.
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एरॉन फिंच ने पहले मैच के बाद कहा था कि भारत अब और खतरनाक होकर वापसी की कोशिश करेगा.
ऑस्ट्रेलियाई लिहाज से उसकी गेंदबाजी सही जा रही है. पहले मैच में वॉर्नर और फिंच के कारण बाकी बल्लेबाजों को मौका नहीं मिला था. स्टीव स्मिथ कितने खतरनाक हैं यह कोहली एंड कंपनी जानती है. मार्नस लाबुशैन अभी तक वनडे नहीं खेले हैं, लेकिन वह फॉर्म में है.
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